Nojoto: Largest Storytelling Platform
maninaman0391
  • 70Stories
  • 167Followers
  • 590Love
    0Views

mani naman

Director, musician and writer

  • Popular
  • Latest
  • Repost
  • Video
be5d4e5ed64dd4f98bbe964d627f9260

mani naman

दूर एक वीरान वृद्धाश्रम में,
डूबे थे दोनों लाचारी के ग़म में।
पोस्टमैन ने ज्यों ही कदम बढ़ाया
बेबस बुढापे में खून लौट आया,
बरसों की गुमसुम थी जो प्यास जग गई,
माँ के मन में घर वापसी की आस जग गई,
माँ का कलेजा लबालब भर आया,
बाबा ने आँखों पर चश्मा चढ़ाया,
अचानक कुलमुलाई आँखें भर आई,
बेटे ने कोरियर से भेजी थी मिठाई,
पूरी चिट्ठी में बस चार शब्द छपे थे,
आप दोनों के परिवार को दीवाली की बधाई।

©mani naman diwali, दीवाली,दीपावली, वृद्धावस्था में माँ बाप

diwali, दीवाली,दीपावली, वृद्धावस्था में माँ बाप

be5d4e5ed64dd4f98bbe964d627f9260

mani naman

चंदा मामा चंदा मामा
इसरो वाले आए हैं,
मम्मी ने राखी भेजी है
साथ मिठाई लाए हैं,
आज तुम्हें देखा है हमने
कितने सुंदर प्यारे हो
माँ की आंखों का तारा हो
माँ के राज दुलारे हो
तुमसे मिलने आए जब हम
रस्ते में तारों ने पूछा
जल्दी मामा से मिल आना
रूठ गए हैं मंगल फूफा।
हमने कहा अभी राखी में
मामा से बतियाते हैं
बाकी रिश्तेदारों से फिर
जल्दी मिलने आते हैं।

"मनी नमन"

©mani naman chanda mama poem ,चंदा मामा कविता

#chandrayaan3

chanda mama poem ,चंदा मामा कविता #chandrayaan3

be5d4e5ed64dd4f98bbe964d627f9260

mani naman

घूसखोरी में हैं बड़े ही मस्त,कमीशन मिल रहा जबरदस्त,
लाखों करोड़ों की काली कमाई,नोटों की बिस्तर पर ग़ज़ब तुरपाई,
मगर,ईश्वर सब देख रहा है?
 
इधर नसीब नही एक भी रोटी, उधर दावतें,शराब और बोटी-बोटी!
बेगुनाह के हिस्से में फिर से जेल, अलमस्त सांड का खुल्लम खेल!
मगर,ईश्वर सब देख रहा है?

हुनरवान के हिस्से से गई नौकरी,निकम्मो की फिर लगी है लॉटरी,
किसी ध्रुव को हक़ का ताज ना मिला,गरीब मरा रास्ते में,ईलाज ना मिला,
मगर,ईश्वर सब देख रहा है?

व्यंग्य में बोला एक बेईमान, आप परेशान ना हों श्रीमान!
ईश्वर देख रहा है न्याय होगा,कुछ ना कुछ तो उपाय होगा,
आप जिंदगी गुजारो ईमानदारी में,फिर थककर मर जाओगे इस खुद्दारी में,
ईश्वर कहाँ है, क्या देख रहा है

©mani naman where is god?
भगवान कहाँ है?

#God

where is god? भगवान कहाँ है? #God #विचार

be5d4e5ed64dd4f98bbe964d627f9260

mani naman

सुन रही हो अमृता?
मैं तुम्हारा साहिल नहीं,
सिर्फ नाम का पति भी नहीं हूँ।
तुम्हारी कलम ने आंसुओं के समंदर दिखाए,
ग़मो के बादल बरसाए।
अपनी अधीर वांछना के लिए 
तुम्हारी उंगलियां टटोलती रहीं साकार प्रेम।
तुम्हारा मन कभी भी अभीप्सित न पा सका।
अमृता! पता है क्यों?
क्योंकि तुमने नहीं समझा समर्पण का अर्थ,
नहीं जानी मूक वेदना,
क्योंकि सूरज पास होकर भी तुम ढूढती रही जुगनू।
सुन रही हो ना अमृता?
क्योंकि गंगा पास होकर भी तुम्हें मदमस्त,अल्हड़ 
नालों से लगाव रहा।
अमृता! मैं तो तुम्हारा इमरोज़ हूँ!
हाँ-हाँ वही इमरोज़,
जिसने पानी से गलना,धूप से जलना,
कुचमुच दर्द से मरना स्वीकारा,
मगर,किसी भी सूरत पर अलग-अलग आईने,रास्ते
और चमकीले चेहरे नहीं ढूंढे,
तुम्हारे इतने पास होकर भी मैं आकाश भर दूर रहा,
अमृता! तुम अलग-अलग पगडंडियों,
मंज़िलों को निहारती रही,
मुझे देखो अमृता! मेरे लिए साध्य और साधन
बस तुम ही थीं,
तुम्हारा हृदय विशाल और सर्वसुलभ था,
मग़र,मेरे मन,हृदय का रास्ता और मंज़िल
केवल तुम ही थीं।
सुन रही हो अमृता?

©mani naman #AmritaPritam 
#अमृताप्रीतम
be5d4e5ed64dd4f98bbe964d627f9260

mani naman

उसकी वो नर्म नज़रें,दिल में उतरती आहट,
अनजान होके हमने दूजे को यूँ छुआ था,
इक रोज़ की वो बातें,इक रोज़ के वो किस्से,
पर अब ये सोचते हैं, क्या ये कभी हुआ था?

©mani naman इश्क़, मोहब्बत, यादें

#Love

इश्क़, मोहब्बत, यादें Love #लव

be5d4e5ed64dd4f98bbe964d627f9260

mani naman

अनोखा सा है ये सफर,
          बहुत दूर है अभी घर,
                     तेरे बग़ैर चलने में हमें,
                            लगता है बड़ा ही डर ।

©mani naman #Past
be5d4e5ed64dd4f98bbe964d627f9260

mani naman

अनुबंधों के चक्रव्यूह में सारे रिश्ते टूट गए,
आंखों के आंसू पलकों से होकर नीचे छूट गए।
          बूंद बूंद जिनकी ख़ातिर हमने सम्भाल रखी थी वो
          चुपके से आए हमसे पूरा सागर ही लूट गए।

©mani naman स्वार्थी लोग

स्वार्थी लोग #शायरी

be5d4e5ed64dd4f98bbe964d627f9260

mani naman

साथ में गाए हर एक गीत भूल जाते हैं
कुछ लोग अपना अतीत भूल जाते हैं
अपनी नाकामी पर दूसरों को कोसते हैं 
जिसके कारण मिली जीत भूल जाते हैं।

©mani naman selfish people

selfish people #Shayari

be5d4e5ed64dd4f98bbe964d627f9260

mani naman

"रावण की पुकार"

राजनीति से उलझी दुकान मे,
भारी भीड़ से भरे मैदान में
एक लम्बा काफिला आया,
लम्बी प्रतीक्षा के बाद
नेताजी ने धनुष उठाया!
पूरा ही मैदान खचाखच भरा था,
वो इसलिए क्योंकि आज दशहरा था!
भीड़ और काफिला जानलेवा बाढ जैसा था,
सामने रावण का पुतला लम्बे ताड़ जैसा था;
जयकारों के बीच अब समय आया
नेता जी ने बाण चलाया,
मगर,मगर एक दृश्य देख
भीड़ का सर चकराया!
आयोजक हैरान थे,चमचे परेशान थे,
ये कैसा चक्कर चल रहा है,
आखिर पुतला क्यों नहीं जल रहा है?
झूठा सा ताज तख़्ते में आ गया,
पूरा प्रशासन सख़्ते में आ गया,
तभी........
तभी एकाएक पुतले से आवाज़ आयी,
अरे ये क्या कर रहे हो भाई?
ये कैसी नीतियों का जंजाल कर हो,
सरेआम खामखा बवाल कर रहे हो,
पाप के कोयले तो तुम सुलगा रहे हो,
सरेआम राम को झुठला रहे हो?
आज ये कैसा समय आ रहा है?
रावण को रावण ही जला रहा है?
देखो मैं कब से सबकुछ सह रहा हॅू,
अब हाथ जोड़कर सभी से कह रहा हॅूं,
चैन से मरना है मुझे आराम चाहिए,
इस भीड़ के बीच से मुझे एक राम चाहिए।











.

©mani naman #Dussehra
be5d4e5ed64dd4f98bbe964d627f9260

mani naman

#Nationalgirlchildday 







बेटी ऐसा बांध कभी जो टूट न पाए,
बेटी घर में हों तो खुशियां रूठ न पाए।
बेटी ने हाथों पर बांधी प्यार की राखी
बेटी जो बनती है बुढ़ापे की बैसाखी,
कोई संकट या विपदा जब सर आती है,
बेटी ही तब सबसे पहले घर आती है।
बेटी रातों रो-रोकर यह सोच रही थी
कैसे कर्ज चुकाएंगे पापा जो सर पर है?
बेटी अक्सर खा लेती है बड़े चाव से
जितना थोड़ा बचा-खुचा जो घर पर है।

©mani naman #NationalGirlChildDay
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile