Nojoto: Largest Storytelling Platform
nojotouser9962966173
  • 67Stories
  • 1.5KFollowers
  • 799Love
    11.5KViews

राज दीक्षित

इंसान को इंसान धोखा नहीं देता है बल्कि वो उम्मीदें धोखा दे जाती है जो वो दूसरों से रखता है ।

  • Popular
  • Latest
  • Video
c100ca59ee71fd9020f03d729a4fd030

राज दीक्षित

चंद मुलाकातों में कैसे मैं ,मोहब्बत के  गीत लिख दूँ।
गैरों की  हथेली पर मैं कैसे ,अपना  अतीत  लिख दूँ।।
बेवफ़ाओं के गुल में कहां वफ़ाओं के फूल खिलते हैं।
तेरी चंद  वफ़ाओं  को कैसे ,मैं अपना  मीत लिख दूँ।।

*राज* *दीक्षित*
©®✍️✍️

13 Love

c100ca59ee71fd9020f03d729a4fd030

राज दीक्षित

ग़ज़ब की  बात करते हो ,अज़ब बातें  बताकर के।
मुझसे ही  दूर रहते हो ,खुद को  क़रीब लाकर  के।।
तेरे पैरों में जो चुभ  जाए ,वो काँटे तो  नहीं है हम।
फिर भी क्यों लौट जाते हो,मेरी राहों में आकर के।।

*राज* *दीक्षित*
©®✍️✍️ #ग़ज़ब

18 Love

c100ca59ee71fd9020f03d729a4fd030

राज दीक्षित

उम्मीदों के धागों से(कविता)

उम्मीदों के धागों से सीला है,
मैंने जीवन का हर पल।
उगते सूरज को सुईं बनाकर,
सपनों को जोड़ा है हर पल।

दिन को ढलते ढलते,
मैं कहीं दूर निकल जाता हूँ।
क्योंकि किसी के टूटे विश्वास को,
मैंने फिर से जोड़ा है हर पल।

पथ पर चलते चलते,
न जाने कितने किस्से बन गए।
मग़र हर किस्से के पहलू को,
मैंने नये किरदार से जोड़ा है हर पल।

पंछियों की वो चहचहाट,
सुबह और शाम का भान कराती है।
क्योंकि हर डूबती शाम को,
मैंने अपनों के साथ जोड़ा है हर पल। #उम्मीदों_के_धागे_से Eisha mahimastan  MONIKA SINGH //sweta_dankhara_11// Ms.(P.✍️Gurjar)  mr_abujar_05

#उम्मीदों_के_धागे_से Eisha mahimastan MONIKA SINGH //sweta_dankhara_11// Ms.(P.✍️Gurjar) mr_abujar_05 #शायरी

17 Love

c100ca59ee71fd9020f03d729a4fd030

राज दीक्षित

हमसे न कहते हुए  भी वो सब कुछ कह गए।
ग़मों को छुपाते हए भी जो सब कुछ सह गए।।
गर  उन्हें भी मालूम  होती गहराई समुंदर की।
तो छोड़  के किनारों को क्यों  लहरों बह गए।।
c100ca59ee71fd9020f03d729a4fd030

राज दीक्षित

#क़फ़स

47 Views

c100ca59ee71fd9020f03d729a4fd030

राज दीक्षित

#हमने भी

44 Views

c100ca59ee71fd9020f03d729a4fd030

राज दीक्षित

--क़फ़स में बंद परिंदों को भी तुम आजाद कहते हो--


क़फ़स में बंद परिंदों को भी,तुम आजाद कहते हो।
मेरे उजड़े आशियानों को भी,तुम आबाद कहते हो।।

सवांरी थी जो सूरत तुमने,जिस आईने को देखकर।
तोड़कर उसी आईने  को,खुद को बेदाग़  कहते हो।।

आँधियों  के झोंकों  ने, ये कितने  घोंसलें उड़ा दिए।
ये बदला था हवाओं का औऱ,तुम उफ़्ताद कहते हो।।

तेरी चौखट पे इंतजार करते-2 कई रातें गुजर गई।
औऱ जगकर गुजारी रातों को,तुम बर्बाद कहते हो।।

ऐ-जिंदगी कितनी कश्मकश है,तुझमे और मौत में।
ख़ुदा की इबादत को भी,तुम बस फरियाद कहते हो।।

क़फ़स में बंद परिंदों को भी,तुम आजाद कहते हो।
मेरे उजड़े आशियानों को भी,तुम आबाद कहते हो।। #क़फ़स
c100ca59ee71fd9020f03d729a4fd030

राज दीक्षित

#कई_नग़मे
c100ca59ee71fd9020f03d729a4fd030

राज दीक्षित

रोज़ रोज़ मिटते है, फिर भी ख़ाक न हुए रोज रोज  मिटते है  फिर भी हम  ख़ाक  न हुए।
ऐ  मौत  मरते  मरते  भी  तेरे  हम  ख़ास  न  हुए।।
तू रचती रही चक्रव्यूह मेरे  हर कदम  कदम पर।
मग़र जलकर तेरे चक्रव्यूह में भी हम राख न हुए।। #rojroj

5 Love

c100ca59ee71fd9020f03d729a4fd030

राज दीक्षित

ज़रा  सी भूल  क्या हो  गई, वो  भूले  ही  समझ  बैठे।
ज़रा सी तक़रार क्या हो गई,वो दुश्मन ही समझ बैठे।।
बरस जाते हैं बदल भी कभी बिना गरजे ही धरती पर।
बिना मौसम की बारिस को,वो सावन ही समझ बैठे।। #jarasibhul
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile