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jagritisinha2325
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Jagriti Sinha

I just Love to Express myself as a Writer with the strength of my own Thoughts

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Jagriti Sinha

कुछ खास है उनकी आंखों में 
कई राज हैं उनकी आंखों में
तभी तो हम दिल हार बैठे 
बातों ही बातों में
अब क्या और ही देखे 
देखकर उनकी आंखों में
बिन कैद हुए आज़ाद नहीं
आवाज़ नहीं पर साज कई
फरियाद है उनकी आंखों में

©Jagriti Sinha
  #बिन बात के बातों बातों में

#बिन बात के बातों बातों में

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Jagriti Sinha

#समुद्र की गहराइयों सा तुम्हारा प्यार

#समुद्र की गहराइयों सा तुम्हारा प्यार #Love

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Jagriti Sinha

#मुस्कानों का खेल
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Jagriti Sinha

बेकरार

बेकरार #Love

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Jagriti Sinha

उलझा रहे सामान

उलझा रहे सामान #Life

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Jagriti Sinha

तुम्हे देखकर तुमपे मरने हम लगे थें
कि जमाने की नज़रों से डरने हम लगे थें
तभी मुझसे दूर चले गए मुझे 
देकर ये दुहाई
मेरे तरह हजारों मिलेंगे
ना महसूस होगी ये जुदाई
हां हजारों राह मिले पर कोई
मंजिल ना बना
कि आज तक हूं मैं तन्हा
और मेरी यही तन्हाई
दर्द बनकर कहती है
ना होने देना प्यार
अगर देनी है जुदाई

जागृति सिन्हा

©Jagriti Sinha
  #जुदाई
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Jagriti Sinha

#Samvahan
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Jagriti Sinha

जो हकीकत बन गया वो फिर ख्वाब कैसा
उनके नजरों से हुए बेआबरू इस कदर कि फिर झूठा
ये नकाब कैसा
खामोश ही रहना है तो 
बेमतलब वाला ये मुलाकात कैसा
क्या फर्क पड़ता है अगर वक्त रहते
संभल ना सके
होश गवांकर क्यों पूछते हैं मिजाज कैसा


जागृति सिन्हा

©Jagriti Sinha
  हकीकत

हकीकत #Shayari

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Jagriti Sinha

दिले काफिर का एक मकान बनाया था
कैसे बताऊं मेरे अपने इश्क ने किस
तरह उसे ढाया था
दिल टूटकर भी जुड़ जाता होगा शायद
कमबख्त बेज़ार हुआ ऐसा कि
खुद को भी ढूंढ नही पाया था
मजबूर, विवश मैने खुद से ही 
अपनी चिता जलाया था



        जागृति सिन्हा

©Jagriti Sinha काफिर

काफिर #Shayari

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Jagriti Sinha

वो तर्ज़मा
...........
वो तर्ज़मा 
मेरे जिंदगी के
चुनौतियों का 
मेरे अपने तज़ुर्बे से पीछे रह गया
 जवानी ढल रही और 
बचपन धीरे से कह गया 
हाँ, कह गया हमसे
ना ईमानदार हो इस तरह 
कि नाव मेरी खड़ी रही वहीं
 और नदी पूरी तरह बह गई
 ना देखा कभी सितारों को टूटते हुए 
कभी चमक महसूस हुई 
उन सितारों की आँखों में 
जब पता चला 
वह तो वर्षों पहले ही ढह गई।
           ...........
          जागृति सिन्हा

©Jagriti Sinha वो तर्जमा

वो तर्जमा #Shayari

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