#आज_भी_है
ताल्लुकों में हमारे, शायद बाकी कुछ मुरव्वत आज भी है
हमदर्दी उन्हें हमसे, हमें उनसे मुहब्बत आज भी है
मुन्तज़िर इस दिल को, इन्तज़ार-ए-क़ुरबत आज भी है
महफ़िलों में अक़्सर हमारी, होता उनका ज़िक्र आज भी है
पता नहीं क्यों, कम्बख़्त हमें उनकी फ़िक्र आज भी है
Beyond The Poetry
माँ, भला मैं तुम पर क्या लिखूं
मुझे रचा है जिसने, उस रचनाकार पर क्या लिखूं
मैं स्वयं तस्वीर हूँ तेरी, भला मैं कलाकार पर क्या लिखूं
माँ, भला मैं तुम पर क्या लिखूं
बेलफ्ज़ सा हूँ, दिल में है जो मेरे उस जज़्बात पर क्या लिखूं
बिन बोले मेरे जो परख ले, तेरी वो हर बात पर क्या लिखूं
#MothersDay#loveumom
Beyond The Poetry
लो गुजर गई तारीख़-ए-पैदाइश ये भी,
लो गुजर गई तारीख़-ए-पैदाइश ये भी,
और फिर वही नामुमकिन सा ख़्वाब आया
वो भूल गए या फिर तजाहुल बरती उन्होंने
मौला जाने उन्हें ये कैसा रुबाब आया
मुबारकें दी ज़माने भर ने....मुबारकें दी ज़माने भर ने.... #Gif
ख़्वाबों की तारीख़ों में अभी तो उलझी हैं मुलाकातें
गर कभी हक़ीक़त में हो सको मुख़ातिब, तो मिल लेना
चाहे जहाँ हो जैसे हो, गर हो सके मुनासिब, तो मिल लेना
शबाब पर हैं अभी तो बेवफ़ा जज्बातों की लहरें
गर कभी साहिल-ए-वफ़ा पर ये ठहर जाएं, तो मिल लेना
लिबाज़ पहना लगता है अभी तो बेरूख़ी का
गर कभी रु-ए-गुमाँ ये उतर जाए, तो मिल लेना #मुलाक़ात
Beyond The Poetry
गर जिंदगी में रंग ख़ुशियों के भर सको तो होली है
स्वार्थ छोड़, औरों के ख़ातिर कुछ कर सको तो होली है
आब-ए-पाशी सा नीले आसमां में उड़ सको तो होली है
दहन कर बुराईयों का, सत्कर्मों से जुड़ सको तो होली है
अहं को छोड़, गले अपनों के मिल सको तो होली है
बसंत के सुंदर फूलों जैसे खिल सको तो होली है #होलीहै#HappyHoli2019