जो उकेरे कोरे पन्नों पर, वो अल्फाज सुनाने आया हूँ
दिल के कोने मे दुबके बैठे, ज़ज्बात सुनाने आया हूँ
जो कहना चाहते हैं सब, मैं वो बात सुनाने आया हूँ
मैं इश्क सुनाने आया हूँ
इकरार इश्क़ करने को ,निकले थे घर से हम,
दिल में तेरे उतरने को, कितना सजे संवरे थे हम।
तेरी खिड़की के आगे, कितने पहर खड़े थे हम,
एक झलक पाने को , कितना तरस रहे थे हम।
खूबसूरती के चर्चे तुम्हारे, कितनों से सुने थे हम,
मजनुओं की भीड़ में, आशिक़ बने खड़े थे हम। #कविता#specialbond
अकेलापन ।
इश्क़ और दोस्ती है एक पागलपन
सब झूठ है इसका अपनापन
निकल जाते है सब अपनी राह तलाश कर
पा लेते है अपनी मंज़िल आपको भूलकर
बस पीछे रह जाते है दो शख्स
एक आप और दूसरा
आपका अकेलापन
24 Love
Akshay Shukla
मैं और मेरी रूह
कल रात महसूस किया
मैंने मेरी रूह को
जिस्म से जुदा होते
जैसे सालों की कैद से
कोई कैदी आज छूटा हो
जिसे मिली थी सजा
उसके ना किये हुए जुर्म की
7 Love
Akshay Shukla
जिस दिन से तुमनर
Pune
जिस दिन से तुमने
नज़रें मिलाना छोड़ दिया
तेरी गलियों में हमने
आना जाना छोड़ दिया
#nojotoPune
11 Love
Akshay Shukla
haara nahi hu
#nojotoPune
हारा नहीं हूँ ,ज़रा रुका हूँ,
ऊँचा जाने को, थोड़ा झुका हूँ।
मरा नहीं हूं, अभी अधमरा हूँ,
ज़िंदा हूँ मैं, फिर जीने चला हूँ।