Nojoto: Largest Storytelling Platform
ankitkumar4492
  • 7Stories
  • 48Followers
  • 30Love
    31Views

Ankit Kumar

law student, writer and a performer.

  • Popular
  • Latest
  • Video
c9b7680a792715b91ece4bd105d6c273

Ankit Kumar

क्यों जूझ रहे हो ज़िन्दगी से?

क्यों जूझ रहे हो ज़िन्दगी से? #Poetry

58 Views

c9b7680a792715b91ece4bd105d6c273

Ankit Kumar

क्यों जूझ रहे हो ज़िन्दगी से, क्यों हैरान हो?
कल की सोच कर तुम बेफिजूल ही परेशां हो।

आज को सुनिस्चित करो, बाद की बाद में सोचना,
खुद से यारा तुम बड़े बेईमान हो। 

तकलीफों ने घेरा है फ़िलहाल,हाँ मान लिया,
जरा धैर्य रखो, गिरे हो अभी, अभी बेजान हो।

वक़्त ये किसीका नही,तो क्या जो तुम्हारा खराब हो गया,
ऐसे थामो खुद को, लगे की जैसे बेजुबान हो।।

मौका मिलेगा फिर, दोनों हांथों से लपक लेना,
दृढ़ निश्चय नही तो कुछ नही, जो हो गर तो तुम भी महान हो।

©अंकित कुमार















 तुम क्यों हैरान हो?

तुम क्यों हैरान हो? #Poetry

4 Love

c9b7680a792715b91ece4bd105d6c273

Ankit Kumar

की याद रख ऐ ज़िन्दगी,
मुझसे तू है, तुझसे मैं नही।।

तो क्या हुआ जो वक़्त अभी ये अपने साथ नही,
माना करने को अभी कोई फ़रियाद नही,
पर वक़्त के हाल को कौन जान पाया है,
मुट्ठी में समेट कौन इसे कैद कर पाया है, 
इसका क्या है, ये तो फिर पलट जायेगा,
उठा गोद में अपने, खुद मुझे मेरे मुक्कदर तक पहुंचाएगा।
परख ले जितना परखना तुझे,
फिर मिलेगा ये मौका नही।

की याद रख ऐ ज़िन्दगी,
मुझसे तू है, तुझसे मैं नही।।

माना!! अभी हार का पलड़ा थोड़ा भारी है,
जितने की कोशिश फिर भी जारी है।
अँधेरे की डगर पे खड़ा मैं, उजाले तक मुझे यह ही ले जायेगा,
छटेंगे बादल सारे, सुरज फिर आग उगलता नज़र आएगा।
लगा दम और रोक ले मुझे,
फिर कदम ये मेरे थमने नही।

की याद रख ऐ ज़िन्दगी,
मुझसे तू है, तुझसे मैं नही।।

हाँ है यह राह काँटों भरी, इसमें फूल किसने देखा है,
घाव ये अपने मैंने भीतर की ताप में सेका है।
मंज़िल की जिसे लालच नही, उसके हौसले तू क्या तोड़ पायेगा,
मुझे बिखेरने की चाहत में, तू एक दिन खुद बिखर जाएगा।
आजमा अपनी किस्मत, तू देख मुझे,
फिर पछताए सिवा तेरा कोई गुजारा नही।

की याद रख ऐ ज़िन्दगी,
मुझसे तू है, तुझसे मैं नही।।

©अंकित कुमार

 read in the caption..

की याद रख ऐ ज़िन्दगी,
मुझसे तू है, तुझसे मैं नही।।

तो क्या हुआ जो वक़्त अभी ये अपने साथ नही,
माना करने को अभी कोई फ़रियाद नही,
पर वक़्त के हाल को कौन जान पाया है,

read in the caption.. की याद रख ऐ ज़िन्दगी, मुझसे तू है, तुझसे मैं नही।। तो क्या हुआ जो वक़्त अभी ये अपने साथ नही, माना करने को अभी कोई फ़रियाद नही, पर वक़्त के हाल को कौन जान पाया है, #Poetry

5 Love

c9b7680a792715b91ece4bd105d6c273

Ankit Kumar

जो आया है वो जायेगा, लाख कोशिशें कर तु रोक उसे न पायेगा।
क्यों उदास होता है किसीके जाने पे,
रो रो के आँखें सुजाता है,
कोई नही अमर यहां,
कटु सत्य तो मृत्यु है,
कर स्वीकार इसे, हरदम मुस्कुराते जा,
हर गम, हर तकलीफ को लगा सीने से सहलाते जा,
जान इस सत्य को तु समझ पायेगा,
जो आया है वो जायेगा, लाख कोशिशें कर तु रोक उसे न पायेगा।।

छोटी सी ज़िंदगानी है, चंद लम्हों की कहानी है,
कर मोहब्बत इकरार कर, मत घबरा इंकार से,
कई रिश्ते बनते औ बिगड़ जाते हैं,
होती है खूबसूरती इनके एहसास में,
मत पड़ किसीके मोह में,
यहां हर रिश्ता एक दिन टूट जाता है,
फिसलती रेत सा हांथों से छूट जाता है,
बन परिंदा तु उड़ान भर,
समेट सीने में उन पलों को, बीतते वक़्त का सम्मान कर,
गर टहर गया, तो तड़पता रह जाएगा,
जो आया है वो जायेगा, लाख कोशिशें कर तु रोक उसे न पायेगा।।

हक़ीक़त इस संसार की समशान दिखलाता है,
जिस भूमि में जन्म हुआ उसी भूमि में अंत का आभास कराता है,
जीवन मिला है यारा तो मौत भी एक दिन आएगी,
कटपुतली समान इस निश्छल शारीर से प्राणों को समेट ले जायेगी,
जिस कुदरत ने जन्म दिया, उसीमे फिर मिल जाना है,
फिर क्यों इस बात पे बेवजह आँसु बहाना है,
नियम है ये इस ब्रह्माण्ड का, इससे न आजतक है कोई बचा न ही कोई बच पायेगा,
जो आया है वो जाएगा, लाख कोशिशें कर तु रोक उसे न पायेगा।।

©अंकित कुमार
 jo aaya hai wo jaayega.

jo aaya hai wo jaayega. #Poetry

5 Love

c9b7680a792715b91ece4bd105d6c273

Ankit Kumar

ये शाम जल्द ढल जाये सुबह में,  दिल बड़ा बेचैन हो रहा है।
 नींद रूठ गयी है हमसे, नजाने किस से उसका हुस्न-ए-करार हो रहा है।
उन्हें लगता है की हमें हमारी ख्वाइशों ने डुबा दिया, 
पर बची अब ख्वाइशें ही तो हैं जिनसे पल दो पल का  इकरार हो रहा है।।

सुबह जो हो तो पूछूँगा उससे, कैसी ये मोहब्बत उसकी रात से।
न साथ हैं फिर भी साथ हैं, दूरियों में उनके अलग ही बात है।
हम इंसानों की मोहब्बत में तो दूर होते ही साथ छूट जाते हैं,
 दो पल में सारे कस्मे वादे टूट जाते हैं।
लम्हें जो कभी बिताये साथ थे, उन्हें यूँ उछाला जाता है की सब कुछ इतर बितर हो जाये।
यादें जलती माचिसों से ऐसे सुलघाय जाते हैं की जो बचे वो राख हो जाये।
लालछन लगाने का आलम फिर कुछ यूँ होता है-
वो बार बार तोड़ इस दिल को कहती हैं तुम्हे क्या दर्द होगा, तुम्हारा दिल तो पत्थर का है।
हम बस मुस्कुरा के सोचते हैं; मोम के इस दिल को जमा पत्थर बना दिया अब इसपे हक़ भी तो उन्ही का है।
मोहब्बत हमारी थी तो तकलीफ भी हमारी होगी, उन्हें क्या परेशान करें।
नफरत तो कभी न होगी उनसे, बेहतरी इसीमे है की अब खुद से जरा सा प्यार करें।
जिन्हें जाना था वो चले गए, अब तो आने के सारे दरवाज़े भी बन्द हैं।
हम बैठे मयखाने में साक़ी के साथ, थे अकेले कल और आज अकेले भी हम हैं।।
©अंकित कुमार ye sham jra dhal jaye.

ye sham jra dhal jaye. #Poetry

5 Love

c9b7680a792715b91ece4bd105d6c273

Ankit Kumar

इस दुनिया के सब रंग देखे हैं,
मैंने अपनों की आँखों में दर्द देखे हैं।

टीस सी चुभ जाये सीने में,
लोगों की बातों में वो अज़्म देखे हैं।।

गले तो लगते हैं यहां हर कोई अपना मान कर,
पर छिपे उनके हांथों में खंजर देखे हैं।।

कब कौन वार कर दे अँधेरे में, किसे मालुम है,
मैंने इश्क़ में जलते शहर देखे हैं।।

©अंकित कुमार

5 Love

c9b7680a792715b91ece4bd105d6c273

Ankit Kumar

एक दिन जंग का ऐलान हुआ,
दाओ पे हर हिन्दू मुस्लमान  हुआ,
सब उठा तलवारे जब लड़ने लगे,
खून की नदियां फिर बहने लगी।
बस्ती बस्ती यूँही जलती गयी,
चीखों में नफरत पलती गयी,
बच्चे, बूढ़े किसकी फिर जान बचे,
सब जान कुर्बानियां चढ़ती गयीं।।
औरतों पे जुल्म भी गेहरा हुआ,
घाव देख उनके, लिहाज़ भी था सिहरा हुआ,
कोई किसीके हवस का शिकार बनी,
तो कोई लड़ते लड़ते बेजान पड़ी।
पर इससे किसे फर्क था पड़ गया,
कुदरत भी मौत का ये दृश्य देख डर गया।।
भाई भाई  यहां फिर कटते रहे,
शांति की आस में, घर सभी के उजड़ते रहे,
न हिन्दू थमे न ही मुसलमान रुके,
सब धीरे धीरे मिट गए , जाने कौन महान बने!?

अंत में सिर्फ एक एक जब बच गए,
सामने एक दूजे के आ तन गए,
तब कानों में, कोने पे बैठी एक बच्ची की गुहार पड़ी,
रोने से जिसकी थी दांत लगी,
नाम उसने अपना इंसानियत बतलाया,
उन दोनों को भाई भाई, और वो उनकी मजहब है ये बात समझाया।।
कोशिश उसने की तो काफी थी,
पर एक बस वही तो थी, जिसकी मौत बाकी थी।।
मिल के फिर लात लात वे उसको मारते रहे,
हर घुटती साँस पे जश्न मनाते रहे,
अंत में दम तोड़ इंसानियत भी जब मर गयी,
विजेता उन दोनों को घोषित कर गयी।।

© अंकित कुमार




















 Insaniyat

Insaniyat #Poetry

5 Love


About Nojoto   |   Team Nojoto   |   Contact Us
Creator Monetization   |   Creator Academy   |  Get Famous & Awards   |   Leaderboard
Terms & Conditions  |  Privacy Policy   |  Purchase & Payment Policy   |  Guidelines   |  DMCA Policy   |  Directory   |  Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited

Follow us on social media:

For Best Experience, Download Nojoto

Home
Explore
Events
Notification
Profile