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bhavnadutt8718
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Bhavna Dutt

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Bhavna Dutt

 आज की नारी नहीं है बेचारी 
ये बात अब जहां ने भी स्वीकारी।
एक हाथ में बेलन, एक हाथ में कलम लिए
एक हाथ में परिवार की भी जिम्मेदारी।
थामे रिश्तों की नाजुक डोर
अपने सपनों की पाने को छोर।
लगाकर हौसलों के पंखों को
नारी उड़ने चली आकाश की ओर।
रचती सफलताओं के इतिहास
धरती, आकाश में नाच रही जैसे मोर।
नहीं है यहाँ कोई अबला नारी
हाथों में थामी देश की बागडोर।
काम वो कर दिखाए इस जग में
सभी का दिमाग दिया झकझोर।
छोड़ो अब इस भेदभाव को
नारी  नहीं  नर से कमजोर ।।

©Bhavna Dutt
  #womanequality
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Bhavna Dutt

फिर से खूबसूरत सुबह
हर दिल  में  नवजीवन  भरती
फिर सूरज की चंचल किरणें
शांत जल में अठखेलियाँ करती ।
रोज सिखाती पाठ नए नए
रोज  दिशा  पथप्रदर्शक  बनती ।
चलों सीख ले इन किरणों से
जो कभी अपने कर्म से ना हटती ।

©Bhavna Dutt
  #paani
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Bhavna Dutt

 चाहत की बारिश, चाँद-तारों की ख़्वाहिश
ज़िन्दगी जीने की वज़ह बन जाती है।

भर देती है ज़िन्दगी में उमंगों की कशिश
रात-रात भर यूँ आँखों को जगाती है।

ग़र ! ज़िन्दगी में ना हो हसरतों की महफ़िल
तो ज़िन्दगी बेसबब-बेज़ार गुज़र जाती है।

©Bhavna Dutt
  #Barsaat
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Bhavna Dutt

 ज़रूरी तो नहीं कि ख़्वाब पूरे हो सभी,
लेकिन ख़्वाब देखना ही छोड़ दे, ये मुमकिन तो नहीं।

माना कि प्यार में दिल को रोना पड़ता है,
लेकिन प्यार करना ही छोड़ दे, ये मुनासिब तो नहीं।

मौत आनी है और आएगी भी एक दिन,
लेकिन यूं डरकर जीना छोड़ दे, ये भी वाज़िब तो नहीं।

ज़िन्दगी का हर मोड़ हर पड़ाव संघर्ष भरा है,
लेकिन क़ामयाबी की उम्मीद ही छोड़ दे, ये ख़्वाहिश तो नहीं।

©Bhavna Dutt
  #उम्मीद
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Bhavna Dutt

 ज़िन्दगी के सफ़र में, ज़िन्दगी रूठी रही
मौत से भी बदतर थी  मग़र चलती रही ।

वक़्त की आवाज़ पे, ख़ुद से वाबस्ता हुए
आँखें बदस्तूर रोती रही, रूह तड़पती रही ।

यूँ तो जहाँ में रिश्तों की कुछ कमी ना थी
महफ़िलें मिली मग़र,  तन्हाई चलती रही ।

मिल के भी बिछड़ गए, जो कहते थे तेरे हैं हम
लेकिन बिना उनके भी, ये ज़िन्दगी गुजरती रही ।

क्या सुनाये तुमको, ज़िन्दगी की कहानी "साहिब"
लम्हा  लम्हा  ज़िन्दगी,  दायरों में सिमटती रही ।

©Bhavna Dutt
  #WoSadak
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Bhavna Dutt

 मुँह पर रहते हैं दिल के क़रीब वो
पीठ पीछे माखौल बार बार करते हैं ।

अपने बनकर यूँ कत्ल करते हैं वो
धोखे से खंज़र जैसे वार करते हैं ।

भूल गए हैं रिश्तों की अहमियत को
रिश्तों की ज़ीस्त तार तार करते हैं ।

संभलते हैं ईश्वर के रहमोकरम से
शुक्रगुज़ार प्रभु को हर बार करते हैं ।

©Bhavna Dutt
  #ramsita

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