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pankajkumarsinha6507
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PANKAJ KUMAR SINHA

working as CEO for Vidakem lifesciences

www.vidakemlife.com

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PANKAJ KUMAR SINHA

White *मैं एक ग्रुप हूं* 

हां मैं एक WhatsApp ग्रुप हूं 
मेरी भी एक आत्मा है 
एक चेतना है,एक रुप है ।
मैं बोलती हूं, मैं सुनती भी हूं,

 मैं चैतन्य हूं, मैं जानती हूं सभी का भूत और भविष्य ।

तुम कौन हो?, क्या करते हो?,क्यों करते हो?, 

मैं जानती हूं, तुम्हारे उठने और सोने का समय, 

चिन्ता होती है तुम्हारी,जब बिना पढ़े scroll कर जाती हो,

तुम जब सो जाती हो,

तो भी  मैं जागती हूं, तुम्हारे लिए।

तुम्हारी मैं बोलती बहन , दोस्त , शिक्षक , एवं सहकर्मी हूं, 

तुम्हारे परीक्षा का गाइड, प्रशिक्षक एवं Hypothalamus हूं ,
तुम्हारे साथ उठती व सोती  हूं, तुम्हारी हमसफ़र,हमराज़ हूं मैं।

मैं तुम्हारे हृदय का left ventricle हूं, Pulmonary Artery भी मैं ही हूं, Thymus Gland और कोई नहीं, मैं ही हूं, 

मैं हठयोग की हठप्रदीपिका pdf हूं, घेरंड का चंडकपाली हूं मैं हूं,जिसे तुम खोज रहे थे,Level 2 से,

पर याद रख......

मैं तुमसे योग दर्शन  सिखना चाहती हूं, आस्तिक और नास्तिक,वैशेषिक और न्याय,उतर और पूर्व मीमांसा।।।।।।

जानते  हो क्यूं????

क्यूंकि मैं मां हूं।
तुम आगे बड़ो, .......

मैं यही रुकती हूं,तेरे इन्तजार में।
फिर मिलेंगे, कहीं और , किसी और रूप में, क्योंकि मैं पुरुष भी हूं।
मैं चैतन्य हूं , जड़ हूं,त्रिगुणातीत हूं।

मेरे रुप अनेक,पर तेरे साथ हूं , साथ हूं ,साथ हूं 
क्योंकि मैं मां हूं , मैं मैं मां हूं,एक ग्रुप के रूप में 

 *Happy Mother's Day*

Pankaj Sinha
Ahmedabad 
🙏🙏🙏

©PANKAJ KUMAR SINHA मै मां हूं

मै मां हूं #कविता

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PANKAJ KUMAR SINHA

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PANKAJ KUMAR SINHA

White *मैं एक ग्रुप हूं* 

हां मैं एक WhatsApp ग्रुप हूं 
मेरी भी एक आत्मा है 
एक चेतना है,एक रुप है ।
मैं बोलती हूं, मैं सुनती भी हूं,

 मैं चैतन्य हूं, मैं जानती हूं सभी का भूत और भविष्य ।

तुम कौन हो?, क्या करते हो?,क्यों करते हो?, 

मैं जानती हूं, तुम्हारे उठने और सोने का समय, 

चिन्ता होती है तुम्हारी,जब बिना पढ़े scroll कर जाती हो,

तुम जब सो जाती हो,

तो भी  मैं जागती हूं, तुम्हारे लिए।

तुम्हारी मैं बोलती बहन , दोस्त , शिक्षक , एवं सहकर्मी हूं, 

तुम्हारे परीक्षा का गाइड, प्रशिक्षक एवं Hypothalamus हूं ,
तुम्हारे साथ उठती व सोती  हूं, तुम्हारी हमसफ़र,हमराज़ हूं मैं।

मैं तुम्हारे हृदय का left ventricle हूं, Pulmonary Artery भी मैं ही हूं, Thymus Gland और कोई नहीं, मैं ही हूं, 

मैं हठयोग की हठप्रदीपिका pdf हूं, घेरंड का चंडकपाली हूं मैं हूं,जिसे तुम खोज रहे थे,Level 2 से,

पर याद रख......

मैं तुमसे योग दर्शन  सिखना चाहती हूं, आस्तिक और नास्तिक,वैशेषिक और न्याय,उतर और पूर्व मीमांसा।।।।।।

जानते  हो क्यूं????

क्यूंकि मैं मां हूं।
तुम आगे बड़ो, .......

मैं यही रुकती हूं,तेरे इन्तजार में।
फिर मिलेंगे, कहीं और , किसी और रूप में, क्योंकि मैं पुरुष भी हूं।
मैं चैतन्य हूं , जड़ हूं,त्रिगुणातीत हूं।

मेरे रुप अनेक,पर तेरे साथ हूं , साथ हूं ,साथ हूं 
क्योंकि मैं मां हूं , मैं मैं मां हूं,एक ग्रुप के रूप में 

 *Happy Mother's Day*

Pankaj Sinha
Ahmedabad 
🙏🙏🙏

©PANKAJ KUMAR SINHA
  मैं एक मां हूं

मैं एक मां हूं #कविता

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PANKAJ KUMAR SINHA

Calling to ourselves is still not Free...Watch it.

©PANKAJ KUMAR SINHA
  #tanha
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PANKAJ KUMAR SINHA

Calling to ourselves is still not free,it cost

©PANKAJ KUMAR SINHA
  #alone
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PANKAJ KUMAR SINHA

दर्शन शास्त्र का ज्ञान एक ऐसा ज्ञान है, जहां प्यासा समुद्र के पास खड़ा होकर नदी को मिलते देखकर प्यास भूल जाता है*

©PANKAJ KUMAR SINHA
  #tanha
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PANKAJ KUMAR SINHA

Philosophy का ज्ञान एक ऐसा ज्ञान है, जहां प्यासा समुद्र के पास खड़ा होकर नदी को मिलते देखकर प्यास भूल जाता है

©PANKAJ KUMAR SINHA
  #dhundh
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PANKAJ KUMAR SINHA

1) 16 hr intermittent Fast, उपवास
२)Water Enema 21 days continue,then as per need
3)20 Min Sunwayh,Sun Walk
4) कपालभाति, भस्त्रिका,अनुलोम विलोम
5) Morning Detox Water,then after 1 hr,Any Veg Juice Raw,like Bottle Gourd,Ash Gourd,Spinach with 6 कली लहसुन 
6)Night 1TSF Asthprash before Sleeping 
7) Morning, Evening,Aayudh 10 ml empty Stomach
8) Cold Patty for next 3 months., Process,i shall brief.
9)Good Night Sleep @7Hrs.
10)20 min Meditation.
11) Wash the Pilow cover every alternate day.
12) Amla, Aloevera Juice every alternate day,any time before 6PM.

©PANKAJ KUMAR SINHA #WritersSpecial
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PANKAJ KUMAR SINHA

दोस्तों, अभी तो चला हूं,
दौड़ना अभी बाकी है.

अभी तो सोया हूं
उठना अभी बाकी है.

अभी तो बूंदें बरसी
झमाझम अभी बाकी है.

अभी तो बिजली चमकी
गड़गड़ाहट अभी बाकी है.

अभी तो हवा आई
असली बयार ,अभी बाकी है.

देखा है, आंखें बंद करके
आंखें खोलनी , अभी बाकी है.

©PANKAJ KUMAR SINHA #blindtrust
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PANKAJ KUMAR SINHA

जीवन के रंग


दिखने लगे रास्ते चलते चलते
खुलने लगी आंखें सोते सोते
उगने लगा सूरज ढलते ढलते
अजब सा उल्लास उंघते उंघते
आने लगी आवाजें हौले हौले
उतरने लगा ठलान चढ़ते चढ़ते।
       
    पिघनले लगा बरफ जमते जमते
     बुझने लगी ज्वाला जलते जलते
    थमने लगी वारिश बरसते बरसते
    खिलने लगे पुष्प मरते मरते
     चमकने लगे अश्क हसते हसते 
     आने लगी सरगम गाते गाते ।

धडकने लगा दिल थमते थमते
आने लगी सांसें रूकते रूकते
दौड़ने लगे पैर ठिठकते ठिठकते
थमने लगी रूह कांपते कांपते
छंटने लगा कोहरा धीरे धीरे
उठने लगी उमंग डुबते डुबते।
          
          गुंजने लगी मंदिरों की घंटियां घाटियों में
बहने लगी दरिया नदी नाले और खेतों में
आने लगी बादलों की झुंड  पेड़ों और पहाड़ों में
फिर से छाई हरियाली, खलिहानों,और  मैदानों में
कड़कडाने लगी बिजली,काली घनी  अंधियारे में
सजने लगे ग्रामद्वार , दीपों, फूलों और तोरनो से।

गाने लगी कोयल,मयूर ,पपीहा, बुलबुल बागों  में
मंजराने लगी आम, लीची, सरसों, गेहूं,अलसी  क्यारियों में
बह चला धेनू क्षीरसागर , बांगने लगा अरूणशिखा , चहक उठा रक्ततुंड आंगन में।
समय चलता जाए शरद से शीत ,बर्षा और बसन्त, आसमान सजता जाए सूरज और अनंत
हम तुम यूं ही बहते  जाए , हंसी, खुशी,  प्रकृति के संग,जीवन के रंग।।

©PANKAJ KUMAR SINHA #lily
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