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harishankardubey5126
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यशस्वी तिवारी

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यशस्वी तिवारी

सड़क किनारे फुटपाथ पर एक बचपन पलता है,
आसमां की छत के नीचे, कंक्रीट के बिस्तर पर एक बच्चा सोता है।
मिले हुए कपड़े , बचे हुए खाने पर उसका जीवन चलता है,
होश संभालते भीख माँगता, वो अभी घुटनो के बल चलता है।
मजदूरी करके, भीख माँगकर उसका पेट पलता है,
गिरते, पड़ते, ताने सुनते उसका दिन ऐसे ही निकलता है।
हमारे कन्धे पर 'स्कूल के बस्ते' ,वो 'कचरे के थैले' लादे चलता है।
हम तिरंगा लहराकर वो तिरंगा बेचकर स्वतंत्रता दिवस मनाता है।
बाल मन मे हजार उमंगे लाखो सपने लिए चलता है,
मगर उसका बचपन ऐसी ही दुख की घटाओं मे निकलता है।
मिल जाये थोड़ा सबका प्यार और साथ,
 वो आसमां मे सबसे ऊंचा उड़कर दिखायेगा।
मातृभूमि का हर कर्तव्य जी जान से निभाएगा।

©यशस्वी तिवारी
  #Childhood
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यशस्वी तिवारी

जीवन का संग्राम भी है, संग्राम का परिणाम भी है कविता,,
सांसो की लय भी है, ह्रदय का स्पंदन भी है कविता,,
आकाश का गर्जन भी है कविता, जल का प्रवाह भी है कविता,,
पक्षियों की चहचाहट भी है, बालक का रूदन भी है कविता,,
प्रेम की रिक्तता भी है, प्रेम की पूर्णता भी है कविता,,
कुछ ना कह कर भी बहुत कुछ कहना है कविता,,
प्रेम,वात्सल्य,दुख,प्रसन्नता, सर्व भावों का मिश्रण है कविता,,
अवास्तविक सी दुनिया मे वास्तविकता का प्रमाण भी है कविता, 
अन्याय के अश्रुओं का रूदन भी है कविता,,
न्याय के शब्दो का गुन्जन भी है कविता,,
मेरी देह के ना रहने पर मेरे शब्दो को जीवित रखेगी कविता,,
जब तक रहेगी ये धरती तब तक रहे शब्द और कविता।

©यशस्वी तिवारी
  #WorldPoetryDay
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यशस्वी तिवारी

 ✍✍
मुस्कुराओ ,
बिना किसी कारण मुस्कुराओ ,
मुस्कुराओ,
जब परेशानी ने बुरी तरह तुम्हे घेरा हो,
मुस्कुराओ,
जब हर ओर दिख रहा अंधेरा हो,
मुस्कुराओ,
तब भी,जब कोई साथ ना हो,
मुस्कुराओ,
जब कोई रास्ता नज़र ना आ रहा हो,
"क्युकी"
तुम्हारा मुस्कुराना ही तुम्हे
सभी परेशानियों से बाहर निकाल सकता है.......

©यशस्वी तिवारी
  #WorldHappinessDay
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यशस्वी तिवारी

हमारी प्यारी गौरैया सुना है तू विलुप्त हो रही है,,
मेरे आंगन , मेरे झरोखे से दूर हो रही है,,
तेरे खेल देख कर बड़ी हुई,,
तेरे साथ ही तो पूरा बचपन जिया,,
सुबह पढ़ते मे जब नींद आ जाती तो तू ही तो जगाती थी,,
क्या तू अपने घोसले से झाँक कर मुझे नही देखेगी,,
क्या तू मुझे नींद से नही जगायेगी,,
नही नही गौरैया दूर मत जाना,,
अपना बनाया घोसला सूना मत करना,,
झरोखे पर बैठ कर हमेशा गुनगुनाना ,,
मेरी प्यारी गौरैया दूर मत जाना। 

गौरैया सा मन सबकी छतों पर सबके आंगन मे चहचहाता है,,
थोड़े से दाने और थोड़ा सा पानी और थोडी-सी जगह चाहता है।

©यशस्वी तिवारी
  #sparrowday
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यशस्वी तिवारी

भोर हो या संध्या आसमां ओढ़े  सिन्दूरी चोली,
आसमां ने ओढ़ी है चादर नीली नीली,
हरियाली धरती के आंचल मे , लहराती सरसों पीली पीली,
रंगो वैसे,,,
जैसे समंदर रँगता अपने जीवों के रँग से,
जैसे धरती रंगती पलाश के फूलों से,
जैसे आसमां रँगता अरुणिमा के प्रकाश से,
वैसे रंगो
गलती को क्षमा के रँग से ,
घृणा को प्रेम के रँग से,
शत्रुता को मित्रता के रँग से,
सबके जीवन को उल्लास के रँग से,
हर घर मे बने खुशियों की रंगोली,,
ओढ़े हम सब सदभाव की चोली,
आओ खेले प्रेम की होली,,
आओ खेले जीवन के वास्तविक रंगो की होली,
आओ खेले प्रेम की होली।

©यशस्वी तिवारी
  #Colors
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यशस्वी तिवारी

नारी का मातृत्व है यह"
***************
अभिशाप नहीं बरदान है यह,,
अपवित्र नही पवित्र है यह,,
गंदगी नही हमारा रक्त है यह,,
नारी का मातृत्व है यह,,
क्यूं वर्जित है मन्दिर मे जाना??
क्यू वर्जित है तुझे स्पर्श करना??
क्यू समाज मे ऐसा नियम बना??
क्यू नारी को कष्ट पड़ा सहना??
क्या इस बहती वायु ने मुझे स्पर्श कर मन्दिर और मूरत को स्पर्श नही किया??
क्या हमारी नासिका ने निकली वायु(CO2) के एक भी कण से तुलसी के वृक्ष ने प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया द्वारा अपना भोजन नही बनाया होगा??
क्या हमारा स्पर्श किया जल पवित्र नदियो मे नही मिला??
क्या इस ब्रह्मांड की अनंत तरंगो ने मेरे बाद तुझे स्पर्श नही किया??
हमारी अंतरात्मा मे विराजमान ईश्वर ने तो मुझे प्रतिपल ,प्रतिक्षण स्पर्श किया,, फिर ये ढोंग क्यू??
क्या ईश्वर की सीमाएं सिर्फ मन्दिर तक है??
क्या ईश्वर कण कण में नही है??
जागो! और सोचो!   क्यू??????
हे ईश्वर! जब अद्रश्य रुप मे मैने तुझे स्पर्श किया तो द्रश्य रुप मे  स्पर्श वर्जित क्यू???

©यशस्वी तिवारी
  #menstruation
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यशस्वी तिवारी

लिखती बहुत कुछ हूँ,सोचा आज खुद पर लिखूँ,,
खुद को जानने की कोशिश की ,,
तो खुद में खुद तो मिली ही नही,,
मिला क्या??
मिली एक मिट्टी की मूरत, जिसमे थे,,
नाना -नानी, दादा-दादी के संस्कार,, माँ-पापा, मौसी मामा की शिक्षा और सपने, भाई की उम्मीद,, 
परिवार की खुशियाँ,,
गुरूओं की सीख और विश्वास, 
खुद का कुछ भी ना मिला अपने पास,,
अलग नजरिये से सोचा तो मिली, 
लाखों सपने संजोती, कभी हार ना मानती एक नासमझ , 
अनुभव हीन कृति ,,
अनंत की तलाश मे घूमती फिरती,,
एक अल्हड़ सी बेबाक, भावुक और 
मजबूत कुदरत की कलाकृति।
गलती करती, ठोकर खाती,गिरती, और खुद ही संभलती ,,
ऐसी ही हूँ, पागल सी चलती फिरती,, 
खुद को जानने की कोशिश करती,,,,♾‍‍‌‍
क्या होगा मेरा ये तो कुदरत ही जानती।
पूरी दुनिया को जहाँ से शुरु किया वही आकर क्यू रुकती??
आखिर ये पृथ्वी सूर्य के चारों तरफ ही क्यूँ घूमती??🤔
# यशस्वी तिवारी (श्रेया)💜

©यशस्वी तिवारी
  #selflove
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यशस्वी तिवारी

वृक्ष हो या रिश्ते अचानक नही मरते, 
जल और आत्मीयता के अभाव मे मुरझाते हैं,
पत्तियाँ और अश्रु बिलख बिलख कर गिरते हैं,
शाखायें और प्रेम टूट टूट कर,,,
तना और विश्वास भी धीरे धीरे टूटते हैं,
अन्ततः 
अंत:स्थलीय जड़े और उम्मीदें,,,,
जीवित रहने की चाह लिए मर जातें हैं एक दिन,,
हमे लगता है वृक्ष हो या रिश्ता
अपनी "इच्छा" से मरता है,
नहीं वो हमारी "उपेक्षा" से मरता है।

©यशस्वी तिवारी
  #tree_and_relations
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यशस्वी तिवारी

✍✍
कंक्रीट की सड़को पर ,,
आसमान की चादर ओढ़ कर सोयी है जिन्दगी,,,
और तुम हो मखमली बिस्तरो पर भी उदास रहते हो,,
कपड़े देखकर मुझे गरीब मत समझना,,
हमारे दुख तुम्हारी जायदाद से बहुत ज्यादा है।

©यशस्वी तिवारी
  #poverty
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यशस्वी तिवारी

✍✍एक article "चाय" के नाम ☕✍✍
हर चीज़ अपने वक़्त पर अच्छी होती है,सिवाय एक चीज़ के वो है,,                     "चाय",,,,,,
हल्के मे मत लो इसको बड़ी बड़ी सरकारे बनती है किसकी दुकान पर,,                   "चाय",,,, 
रँग साँवला है तो क्या,, दूध से भी ज्यादा सौकीन जिसके वो है,,                     "चाय",,, 
हर दर्द की दवा, हर tension का एक ही solution,,, क्या??,,,,            "चाय",,,,
दुश्मन हो,दोस्त हो,मेहमान हो,बिना बुलाया मेहमान हो सबको साथ बैठाती,,,               "चाय"
तापमान 0⁰ हो या 40⁰,,, सुबह हो या शाम,,सबसे बड़ा काम,,,,                "चाय",,,
कुल्हड़ हो,कप हो,स्टील का गिलास हो,या फिरdisposalहो, सबमे चलती,,,               "चाय"
घी नमक वाली रोटी हो ,या parle g biscuits, जिसके साथ सब चलता,                  "चाय"
पत्ती की कड़वाहट, चीनी की मिठास ,दूध की कोमलता, पानी की सरलता,,इलायची की खुशबू, अदरख का स्वाद,,सब कुछ मिलता एक साथ जिसमे,,   "चाय"
हर चीज़ का एक उपाय किसके साथ,,     "चाय",,,,,,
                                     💜💜

©यशस्वी तिवारी
  #Tea
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