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दिल-ऐ-मुसाफ़िर!

poetry,.. insta- @_shravanyadav yadavsravan333@gmail.com

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दिल-ऐ-मुसाफ़िर!

White अपवाद को छोड़ दिया जाये तो,




पुरुषों को कभी नही पसंद आये बेटे,
और महिलाओं ने बेटियों से मुँह मोड़ा है!!

©दिल-ऐ-मुसाफ़िर! #milan_night
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दिल-ऐ-मुसाफ़िर!

शिकायतें रहीं तमाम उम्र ज़िन्दगी से,
हम करते भी तो और क्या ज़िन्दगी से!

स्याही सूखती गयी कुछ सिक्को की मजबूरी में,
हम औऱ उकेरते भी तो क्या ज़िन्दगी से!

आईना बन बैठा है ये सफ़ा मेरा,
हम और लिखते शेर भी तो क्या ज़िन्दगी से!

नज़र नही आता कोई रास्ता अब “मुसाफ़िर”,
हम और करें भी तो क्या ज़िन्दगी से!

©दिल-ऐ-मुसाफ़िर! #Memories
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दिल-ऐ-मुसाफ़िर!

घरों पे नाम थे नामों के साथ ओहदे थे , 

बहुत तलाश किया कोई आदमी न मिला !


@ बशीर बद्र !









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©दिल-ऐ-मुसाफ़िर! #NightRoad
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दिल-ऐ-मुसाफ़िर!

क्यूँ ढूंढते हो यूँ दर-ब-दर,
यहाँ कोई है नहीं किसी का रहगुज़र!

©दिल-ऐ-मुसाफ़िर! #Walk #alone
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दिल-ऐ-मुसाफ़िर!

मर्द ने लिखी,
रामायण, गीता, महाभारत, कुरान, बाइबिल 
और ना जाने क्या क्या?

नही लिखी ,
एक ग्रंथ जो आज़ादी दे सके एक औरत को,

क्योंकि बंदिशे और डर 
एकमात्र हथियार है इनका....

©दिल-ऐ-मुसाफ़िर! #MothersDay
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दिल-ऐ-मुसाफ़िर!

उसे क्या ख़बर वो क्या खोया है?

अजुरी भर मोती को समंदर में डुबाया है.

©दिल-ऐ-मुसाफ़िर! #Likho
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दिल-ऐ-मुसाफ़िर!

मुर्शद अब ख़ाक भी नही तेरे जिस्म में,
तू किस पर इतराता है??

जब थी मुहब्बत , यकीनन बहुत कमाल की थी,
किसी को क्या ख़बर?

तू बे-वजह क्यों अश्क बहाता है...

©दिल-ऐ-मुसाफ़िर! #hand
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दिल-ऐ-मुसाफ़िर!

मेरे ठहाकों का सबब बन जाओ तुम,
तुम्हे क्यों जानने है दर्द मेरे...

©दिल-ऐ-मुसाफ़िर! #rain
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दिल-ऐ-मुसाफ़िर!

देखो तमाशा करो शौक से ,
पर जब वक्त आए तो मुस्कुरा देना...

©दिल-ऐ-मुसाफ़िर! #Happy
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दिल-ऐ-मुसाफ़िर!

आधी रात गुजर
 चुकी थी,
नींद अब भी आंखो 
से खफा थी,
नजर अचानक ख़ामोश
पंखे पर पड़ी,
फिर ख्याल आया 
लोग खुदकुशी के लिए
मजबूर क्यों होते हैं?.....
........
...

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