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gurudeenverma5507
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Gurudeen Verma

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Gurudeen Verma

White शीर्षक- आदमी मैं नहीं वैसा
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आदमी मैं नहीं वैसा, जैसा कि तुम मानते हो।
हकीकत क्या है मेरी, तुम नहीं जानते हो।।
आदमी मैं नहीं वैसा------------------------।।

मुझको पसंद नहीं है झूठ, ना झूठ मैं बोलता हूँ।
सच को तुम सुनना नहीं चाहते, इसलिए चुप रहता हूँ।।
जब भी बोला मैं सच तो, मुझे सच की सजा मिली।
इसीलिए हूँ मैं अकेला, यह नहीं जानते हो।।
आदमी मैं नहीं वैसा---------------------।।

मुझको भी चाहिए खुशी, देखता हूँ ख्वाब ऐसे।
मांगें मुझसे सभी खुशियां, इतने हो पास मेरे पैसे।।
मतलब मुझको भी चाहिए, शान और शौहरत।
मकसद मेरा यह तुम, शायद बुरा मानते हो।।
आदमी मैं नहीं वैसा----------------------।।

एक तरफा मोहब्बत क्या, जायज नहीं कहलाती है।
प्यार करना गुनाह है क्या, दुनिया किससे चलती है।।
लेकिन उससे मेरा प्यार, सच्चा और पवित्र है।
नहीं हूँ बेवफा मैं, क्यों सच नहीं मानते हो।।
आदमी मैं नहीं वैसा--------------------।।



शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा ऊर्फ़ जी. आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #पोएट्री  लव शायरी लव स्टोरी

#पोएट्री लव शायरी लव स्टोरी

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Gurudeen Verma

शीर्षक- किसी को मानकर अपना
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किसी को मानकर अपना, कि उससे प्यार यूं करना।
गुनाह है क्या किसी से यूं , बात दिल की कहना।।
किसी को मानकर अपना------------------।।

हमको लगते हो तुम कैसे, क्या पूछा यह कभी तुमने।
क्यों चाहते हैं तुमको इतना, क्या सोचा यह कभी तुमने।।
किसी को मानकर खुशियां, करीब उसके यूं रहना।
खता क्या है इसमें ऐसी, बहारे- दिल उसको कहना।।
किसी को मानकर अपना----------------।।

सफर में हमसफ़र की चाह, हर किसी को होती है।
ख्वाबों में एक हसीं दुनिया, हर किसी की होती है।।
किसी को मानकर दिलकश, उससे यूं हाथ मिलाना।
बुरा क्या है उसकी तस्वीर, बनाकर घर में लगाना।।
किसी को मानकर अपना---------------।।

नहीं हम बेवफा दिल से, हमारा प्यार है सच्चा।
रिश्ता तुमसे मुनासिब है, मकसद हमारा है अच्छा।।
किसी को मानकर मोहब्बत, ख्वाहिश दिल की बताना।
गलत क्या है किसी दिल को, अपने यूँ दिल से लगाना।।
किसी को मानकर अपना------------------।।



शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा ऊर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #Poetry  लव स्टोरी लव शायरी लव स्टेटस

Poetry लव स्टोरी लव शायरी लव स्टेटस

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Gurudeen Verma

White शीर्षक- बाबा साहेब भीमराव ने
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दलितों का उद्धार, किसने किया है।
पिछड़ों का उत्थान, किसने किया है।।
बाबा साहेब भीमराव ने, बाबा साहेब भीमराव ने।
बाबा साहेब भीमराव ने, बाबा साहेब भीमराव ने।।
दलितों का उद्धार----------------------------।।

भारत की आजादी से पहले, क्षुद्रों की क्या दशा थी।
किसको था अधिकार शिक्षा का, नारी की क्या दशा थी।।
नारी जाति का कल्याण, किसने किया है।
गरीबों का सुधार, बोलो किसने किया है।।
बाबा साहेब भीमराव ने, बाबा साहेब भीमराव ने।
बाबा साहेब भीमराव ने, बाबा साहेब भीमराव ने।।
दलितों का उद्धार----------------------------।।

भीमराव के संविधान से, सरकारी नौकरी में है दलित।
भीमराव के आरक्षण से, जनप्रतिनिधि बने हैं दलित।।
संविधान का सृजन, किसने किया है।
यह सामाजिक सुधार, किसने किया है।।
बाबा साहेब भीमराव ने, बाबा साहेब भीमराव ने।
बाबा साहेब भीमराव ने, बाबा साहेब भीमराव ने।।
दलितों का उद्धार---------------------------।।

लेकिन बाबा भीमराव को, अपनों ने ही धोखा दिया है।
राजनीति का हथियार दलों ने, भीमराव को बना लिया है।।
मतदान का अधिकार, किसने दिया है।
लोकतंत्र का उपहार, किसने दिया है।।
बाबा साहेब भीमराव ने, बाबा साहेब भीमराव ने।
बाबा साहेब भीमराव ने, बाबा साहेब भीमराव ने।।
दलितों का उद्धार----------------------------।।



शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #Poetry
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Gurudeen Verma

White शीर्षक- कहो इसकी वजह क्या है
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कहो इसकी वजह क्या है, हमें नहीं प्यार अब तुमसे।
प्यार क्यों था पहले तुमसे, क्यों है नफरत अब तुमसे।।
कहो इसकी वजह क्या है-----------------।।

अगर तुम सोचते हो यह, हमको है प्यार दौलत से।
हम नहीं है प्यार के भूखें, नहीं मतलब तेरे दर्द से।।
क्यों कैसे तुमसे हम बदले, क्यों मतलब नहीं अब तुमसे।
कहो इसकी वजह क्या है------------------।।
---------------------------------------------------------
(शेर)- जहाँ तक हमको याद है, हमने हरखुशी दी है तुमको।
इतना तो हम खुद को भी नहीं चाहते, जितना चाहते हैं तुमको।।
----------------------------------------------------------
कबूल यह हम भी करते हैं, खताएं हमसे हुई है।
तुम्हारी बदतमीजी पर, सजायें तुमको हमने दी हैं।।
मनाया है तुम्हें फिर भी, बेदर्दी निकले तुम दिल से।
कहो इसकी वजह क्या है--------------------।।
--------------------------------------------------------------
(शेर)- तुम ही वह मूरत हो, जिसको चाहा था इतना हमने।
हम भूल गए हम कौन है, तुम्हें बना लिया था खुदा हमने।।
--------------------------------------------------------------
जितनी तकरार करते थे, दिल से थी उतनी ही मोहब्बत।
तुम में ही खोये रहते थे, आँखों में थे तुम ही हरवक्त।।
हुए क्यों दूर अब तुमसे, हुए क्यों ख़फा अब तुमसे।
कहो इसकी वजह क्या है-----------------।।



शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा ऊर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #Poetry  शायरी लव स्टोरी लव शायरी लव स्टोरी

Poetry शायरी लव स्टोरी लव शायरी लव स्टोरी

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Gurudeen Verma

शीर्षक- अब नहीं हम आयेंगे 
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अब नहीं हम आयेंगे, कभी मिलने यहाँ तुमसे।
अब नहीं होगी मुलाकात, फिर कभी यहाँ तुमसे।।
हम थे परदेशी यहाँ पर, फिर से परदेशी हुए।
जा रहे हैं होकर विदा, अब दूर हम तुमसे।।
अब नहीं हम आयेंगे---------------------------।।

कोई अफसोस हो तुमको, कहा नहीं जो हमसे अब तक।
बात वह कह दो अब हमसे, चुप रहोगे आखिर कब तक।।
ताकि तुमको रहे नहीं कल, शिकायत कोई भी हमसे।
अब नहीं हम आयेंगे---------------------------।।

तुम लगे हमको अपने, तुमसे यह प्यार हो गया।
रहे करीब हम इतने, हमको वास्ता तुमसे हो गया।।
लेकिन अब हम है मजबूर, जाना होगा हमें यहाँ से।
अब नहीं हम आयेंगे-------------------------।।

माफ कर देना हमको, खता गर कभी हमसे हुई हो।
कभी गर दिल दुःखाया हो, जुल्म गर हमसे हुआ हो।।
रहना आबाद सदा तुम खुश, कहो जी.आज़ाद हमसे।
अब नहीं हम आयेंगे--------------------------।।



शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #Poetry  लव स्टोरी

Poetry लव स्टोरी

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Gurudeen Verma

शीर्षक- बेहया दिल कितने हो तुम
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बेहया दिल कितने हो तुम, बेरहम दिल कितने हो तुम।
ना रहे अब तुम वफा, बेवफा दिल कितने हो तुम।।
बेहया दिल कितने हो तुम--------------------।।

छोडकै तुमने साथ हमारा, दामन उसका थाम लिया।
जिसने दिया नहीं साथ हमारा, साथी उसको मान लिया।।
सँग उसके अब खुश हो इतने, लूटकै खुशियां हमारी तुम।
बेहया दिल कितने हो तुम-------------------।।

आबाद हो तुम आज जो इतने, हमको तुम बर्बाद करके।
तारीफ इतनी पा रहे हो तुम, हमको तुम बदनाम करके।।
हँस रहे हो हमारे दुःख पर, करके चोट हमपे तुम।
बेहया दिल कितने हो तुम----------------।।

तेरे घर जो दीपक जल रहा है, यह जो चमन तेरा महक रहा है।
रोशन तुम्हारा चेहरा है इतना, मौजों में तू जो जी रहा है।।
लिख रहे हो गीत लहू से, किसका बहाकै लहू इतना तुम।
बेहया दिल कितने हो तुम--------------------।।



शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी. आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां)राजस्थान)

©Gurudeen Verma #Poetry  लव स्टोरी

Poetry लव स्टोरी

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Gurudeen Verma

शीर्षक- ऐसी खुशनसीबी हमको-----------
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ऐसी खुशनसीबी हमको, फिर कब मिलेगी।
ऐसी जिंदगी हमको, फिर कब मिलेगी।।
नेमत खुदा की है, यह जिंदगी।
नेमत यह हमको, फिर कब मिलेगी।।
ऐसी खुशनसीबी हमको--------------------।।

ईमान अपना हम भूलें नहीं।
 हम फर्ज अपना हमेशा निभायें।।
बचकर चले हम हमेशा बदी से।
 बुरा यहाँ किसी का नहीं हो पाएँ।।
मांगे दुहा हम सबकी खुशी की।
ऐसी बंदगी हमको फिर कब मिलेगी।।
ऐसी खुशनसीबी हमको---------------।।

बुरे काम का अंजाम होता है बुरा।
 बदनाम मत तुम खुद को करो।।
आती रहती है मुसीबतें तो।
मगर तुम निराश मत खुद को करो।।
रात के बाद होती है सुबह।
 ऐसी रोशनी हमको फिर कब मिलेगी।।
ऐसी खुशनसीबी हमको-------------------।।

बहुत खुशनसीब हैं हम तो यारों।
 पैदा हुए हैं हम हिन्दुस्तां में।।
कहते हैं इसको सभी विश्वगुरु।
 सम्मान है सबका हिन्दुस्तां में।।
हम हो वफा अपने वतन से।
ऐसी जन्नत हमको फिर कब मिलेगी।।
ऐसी खुशनसीबी हमको-------------------।।



शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #Poetry  शायरी मोटिवेशनल

Poetry शायरी मोटिवेशनल

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Gurudeen Verma

शीर्षक- सोचा था तुम तो-------------
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सोचा था तुम तो मेरा साथ दोगी, निभावोगी हमसे अपनी वफ़ा तुम।
मगर साथ तुमने भी छोड़ दिया, बेवफा, बेवफा, बेवफा हो तुम।।
सोचा था तुम तो मेरा साथ -------------------------।।

हमसे गुनाह यही हुआ कि, माना तुमको हमने अपना दिल।
इसीलिए तुमसे की मोहब्बत, तुमको समझकर अपनी मंजिल।।
सफर में तुमने तो छोड़ दिया अकेला, बड़े संगदिल हो तुम।
(बेवफा, बेवफा, बेवफा हो तुम---------------(2)
सोचा था तुम तो मेरा साथ -----------------------।।

समझा था तुमको चमन हमने अपना, सींचा था अपने लहू से।
तुम तो करोगी आबाद हमको, रोशन किया तुमको अपने लहू से।।
करके अंधेरा मेरी जिंदगी में, कर गई किनारा मुझसे तुम।
(बेवफा, बेवफा, बेवफा हो तुम--------------(2)
सोचा था तुम तो मेरा साथ --------------------------।।

कोई पसंद तुमको आ गया है, महलों में होगी दुनिया उसकी।
तुम्हें भी जरूरत है शौहरत की, बेहिसाब होगी दौलत उसकी।।
समझकर खिलौना इस मेरे दिल को, फैंक गई मिट्टी में तुम।
(बेवफा, बेवफा, बेवफा हो तुम-----------------(2)
सोचा था तुम तो मेरा साथ ----------------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #Poetry  लव स्टोरी लव शायरियां

Poetry लव स्टोरी लव शायरियां

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Gurudeen Verma

शीर्षक- तुम खुशी हो मेरे लबों की
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तुम खुशी हो मेरे लबों की, नाखुश कभी तुम होना नहीं।
मैं रखूँगा खुश हरवक्त तुमको, तुम दूर मुझसे होना नहीं।।
तुम खुशी हो मेरे लबों की------------------।।

यह जिंदगी तेरे नाम है, और बंदगी है तुम्हारे लिए।
जो ख्वाब मैंने बुने हैं, वो ख्वाब भी है तुम्हारे लिए।।
मैं सच करूँगा सपनें तुम्हारे, उदास कभी तुम होना नहीं।
तुम खुशी हो मेरे लबों की-------------------।।

क्यों यह गुलशन महाकाया मैंने, क्यों सींचता हूँ  खूं से इसे।
क्यों यह चिराग जलाया है मैंने, क्यों देखता हूँ हर रोज इसे। 
तेरा नसीब मैं रोशन करूँगा, तुम बेवफा मुझसे होना नहीं।
तुम खुशी हो मेरे लबों की--------------------।।

यकीन बेशक मुझ पर करो तुम, मैं बेवफा नहीं हूँ यार।
माना है तुमको अपनी जां, इतना है मुझको तुमसे प्यार।।
कभी अश्क तेरे नहीं बहने दूँगा, तुम बेखबर मुझसे होना नहीं।
तुम खुशी हो मेरे लबों की---------------------।।



शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
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©Gurudeen Verma #Poetry  शायरी लव स्टोरी

Poetry शायरी लव स्टोरी

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Gurudeen Verma

शीर्षक- क्यों मुझको तुमसे इतना प्यार हो गया
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क्यों मुझको तुमसे इतना प्यार हो गया।
क्यों तेरा साथ, मेरा ख्वाब हो गया।।
कैसे मैं जी सकूँगा, यार तेरे बिना।
क्यों मेरा यह दिल, तेरा दीवाना हो गया।।
क्यों मुझको तुमसे----------------------।।

ऐसी क्या खासियत यार तुझमें है।
ऐसा क्या जादू , तेरी सूरत में है।।
सोच नहीं पाता मैं और के बारे में।
क्यों तेरा यह चेहरा, मेरी जां हो गया।।
क्यों मुझको तुमसे----------------।।

क्यों खुशी मिलती है, यार तुमसे ही।
क्यों इनायत है मुझको सिर्फ तुमसे ही।।
ऐसी क्या खुशबू है, यार तेरी हंसी में।
क्यों तेरी जुल्फों में, कैद मैं हो गया।।
क्यों मुझको तुमसे----------------।।

मुझसे यार तू कभी, नाराज होना नहीं।
रूठकर मुझसे तू यार, दूर जाना नहीं।।
तू ही है मेरा चमन, तू ही मेरी मंजिल है।
क्यों मुझको वास्ता, तुमसे इतना हो गया।।
क्यों मुझको तुमसे--------------------।।



शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी. आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #Poetry  लव स्टोरी लव शायरी लव कोट्स

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