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khumansingh1932
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Khuman Singh

🚩 🚩🙏🙏जय जय श्री राम 🙏🙏🚩 🚩 🖋🖊🖋नये जमाने की नई कलम 🖋🖊 मन के विचार ,भाव ओर आज की दुनिया की घटना ओर परिस्थिति को शब्दों का रूप देना मेरा ध्येय

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Khuman Singh

ये वक्त गुजर जायेगा 


ये वक्त गुजर जायेगा
तेरी इस नादानी में
कुछ कर गुजर जाएगा
गर सम्भल गया जवानी में 
झोंककर खुद को गया
याद रहेगी रवानी में
कंधा भारी सा लगेगा
पिछड़ गया बेपरवाही में
आज सम्भलना संभव है 
बित गया सो पानी में
हवा बाजियां खुब की
फिसल गया मेहरबानी में
हाथ थमा था पापा का
अब जिम्मेदारी आनी है
समाज का बन बेठ तू
अभी सबकी बानी में
हारना ना सीख तूं
जीत तेरी जुबानी है
सूर्य सा तूं तेज बन
आग निकाली जानी है 
तप कर तूं ओज बन
योद्धा बन बलवानी है 
हंसकर तूं बोला कर
यही आमवाणी है
साथ चलकर साथ निभा
खुद की डगर बनानी है
मखमल सा तूं कोमल बन
पत्थर दिल बात पुरानी है
देख तेरी कदर को अब
कमबख़्त में तेरी निशानी है 
ये वक्त गुजर जायेगा
तेरी इस नादानी में

©Khuman Singh #Hope #time_is_most_important
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Khuman Singh

कियां करूं म्हैं थांरा 
रूप बखाण
ओ जीव घणों मुळकै
बात करूं थांरे होठां री
ओ आंख घणी झुरके
चोड़ो ललाड़ चूंखा ज्यूं
मिनख बाताळू मान
रंग शया पर सांवळो
बाळ बिलोवण डोर
रदो म्हांरो कळकळै
कळी नी जांणे कोळ

©Khuman Singh सौंदर्य , रूप बखाण 
#beauti

सौंदर्य , रूप बखाण #beauti #विचार

12 Love

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Khuman Singh

इश्क

घनघोर घटा है प्रेम छटा है ,
नीर वादियों में इश्क बढा है।
बिजली चमकी है बादल फटा है,
रंगदारीयो में प्यार बंटा है।
फूल बरसे है माला बनी है,
इस बगिया में चाहत बनी है।
मैं हसा हूं दिल बसा है,
सोनाक्षी से मिल बसा है।
नींद खुली है साथ मिला है,
हाथ में तेरा हाथ मिला है।
मुस्कराहट पर लफ्ज़ शिले है,
नब्ज से तेरा रग मिला है।
खुशमिजाज मन मिला है,
तन से तेरा तन मिला है।
घनघोर घटा है प्रेम छटा है,
नीर वादियों में इश्क बढा है।
उग्र है ये आंसू मेरे ,
इश्क जंग में वतन मिला है।
सफर बढा है राह मिली है ,
तुमसे मिलकर चाह गढी है।
सफर में हमसफ़र मिले हैं ,
तुमसा नहीं तुम ही मिले हैं।
होश में उफ आह मैं ,
मोज है की तुम सरा मैं।
लाख मिलेंगे जहां मैं ,
तुमसा मिले कहां हमें।
रुखसत की परवाह हमें ,
फुरसत की राह में।
ताल में लय में, 
अंखिया लड़े स्याह मैं।
घनघोर घटा है प्रेम छटा है ,
नीर वादियों में इश्क बढा है।

©Khuman Singh isq #Isq
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Khuman Singh

#SadStorytelling
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Khuman Singh

प्रथम पैर धर विद्या मंदिर में
गुरू से आशीर्वाद लिया
शिक्षा जगत की जननी जाणी
पहले कच्चे अक्षर से
मन मुटाव था विद्यालय से
गुरू ने किया आने को प्रेरित
कभी रोया कभी सोया
शिक्षक ने हमें तन मैं समोया
भले बुरे का भेद ना था
बस कही डोर पर हम चले अजाणी

©Khuman Singh #Teachersday
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Khuman Singh

हिन्दी ( भाषा)

मुख से निकली बाणी है , कण कण की ज्वाला राणी है वो
आर्यावर्त की वाणी है  , हिन्द की शौर्य जुबानी है वो
ना धर्म अधर्म की मणी है , सद्भावना की ठकुराणी है वो
गाथा की मुजबाणी है , हर हिन्दुस्तानी की रवानी है वो
मुख से निकली बाणी है , कण कण की ज्वाला राणी है वो
इश्क के लफ़्ज़ों में है , प्रित की परवाणी है वो
कटे फलक की राड़धरा है, बिन्दु बिन विधवा नारी है वो
28 बन्धुओं की मिलनसार है, राष्ट्र की भाषा हिन्दी है वो
मुख से निकली बाणी है , कण कण की ज्वाला राणी है वो
उत्तर निराधार से जाने, दक्षिण बड़ा रिझालू है वो
पश्चिम प्रेम से बोले हिन्दी, पूर्व में हिन्दी चीनी भाई है वो
संस्कृति का आधार है , हम बिन यह निराधार है वो
हर कवि की निगहबानी, बन बैठी जुबां की राणी वो 
मुख से निकली बाणी है , कण कण की ज्वाला राणी है वो
गान मैं अहसान मैं, है हमारी रग रग की धार में वो
अलंकार जिसका श्रंगार है, संज्ञा जिसका वस्त्र है वो
व्याकरण व्यवहार जिसका,ढाल जिसकी संधि है वो
मुख से निकली बाणी है , कण कण की ज्वाला राणी है वो
अंग्रेजी का तोड़ है, हिन्दी सबका निचोड़ है वो 
लिखते कलम से कहती हैं, कलमकार की कलम है वो 
लिखते लिखते कलम घिसती, जिसकी टीस नहीं मिटती है वो
जिसके नाम से देश बना, इतनी प्रिय मधुवाणी है वो
मुख से निकली बाणी है , कण कण की ज्वाला राणी है वो

©Khuman Singh #hindidivas
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Khuman Singh

तो तेरी नजरे ही ऐसी थी
कि हम समझ नहीं पाए
तेरी आंखों का नूर हमें चढ़ गया
हम समझ नहीं पाए
तेरी मासूमियत ने हमें तेरा अपना बना लिया 
लेकिन हम समझ नहीं पाए 
तेरी रुखसत ने हमें इतना पागल बना दिया 
कि हम वापस सम्भल ही नहीं पाए

©Khuman Singh
  #viratanushka
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Khuman Singh

तेरा नाम सुना
तेरी खुशबू आने लगी 
तूं जिस शहर से गुजरी
मैं उस शहर में ही बस गया
तेरी मोहब्बत को तरसा हूं
तूं तो बड़ी बेताब निकली
मैं जिस गली से निकला
तूं उस गल्ली की शहजादी निकली

©Khuman Singh #RajaRaani
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Khuman Singh

मर मर कर क्यों गुजारें जिंदगी
खुल कर जिएंगे साथ में
हजारों गम है तो सही
अनजानी दोस्ती हमारी
नजारे लोगों के क्या कहेंगे
हमारी रंगदारी से हजारों जलेंगे
साहस है कुछ करने का
सीने से आग निकालेंगे
मरा हूं अपनों के तानों से
खुद गर्ज जो निकले वो
हासिया मिला है तेरा जो
तेरे दिल से जुड़ा हूं
मत पूछ क्यों याद करता
सुनेगा तूं भी रोएगा
हसाकर चल तूं जग को
जमाना याद करेगा
हमारी नादानी को
हमें ही समझना
लक्ष्य रखा है जो
हमें पाकर ही रहना
मुड़ना न घर की ओर
मुझे तूं अपना समझना
अच्छी न लगती है तेरी ये मायूसी
मुझे खुशी का नजारा चाहिए
तूं अपना परम है
परम को प्रेम समझना
हेत नां जाना तूने
तरकस हू मैं तेरे तीर का
साद दे पत्थर मैं तूं
तेरे लिए मुड़कर नां देखूंगा
मेरे दोस्त तूं मेरा ही
 बनकर रहना।

©Khuman Singh #adventure #Friendship
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Khuman Singh

(करगिल सूरां
नां सलाम)


विजय वर नां देख्यो
सूरां देखी सांण
योधां घर नां देख्यो 
नार नां देखी रीयाण
सूरां सपूतां दूशमण देख्यो
पाक रो घमण्ड उतार
कारगील रो कर उतार
वीरां निकाळ्यो परीणाम
सूतां पर वार न करयो
छल ना करयो छाण
मरण मर रेलो लग्यो
जाण्यो दूशमण रो भेद
प्राण पखेरु उड़ गया
रण रो नी भूल्या करतार
तिरंगो खून सूं खिळ्यो
हाथां नी छूट्यो हलख
हाथां हथियार रह गया
मर गया दूशमण धार
हो गयो दूशमण रो
रण वीराण
तिरंगों धरा नीं पड़यो
कारगिल करो हिन्द मांय

©Khuman Singh #kargil
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