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neerajneel7114
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Neeraj Neel

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Neeraj Neel

White मां का चेहरा खिल गया एक फूल कोक  में खिल गया ,मां की आंखें नम हुई जब बेटी हाथ में मिल गई, बाप की खुशियों का भी कहां ठिकाना था जब उसने बेटी को हाथ में थामा था , मगर दुनिया जालिम बहुत कठोर बेटी को समझे कमजोर, बेटे के चाहत में न जाने कितनों को दिया छोड़। मां तो लेकिन मां होती है बेटी उसकी जां होती है उसे हाथों में लिए उसके लिए दुआ करती है ,बेटी जब बड़ी होती है मां ही तो उसकी गुरु होती है, उसके बालों में तेल लगाती उसे सुंदर कहानी सुनाती ,बेटी तू बढ़ती जाना ऊंची उड़ान उड़ती जाना ,मैं थमी हूं तेरे हाथों को तू पत्थरों से लड़ती जाना, बेटी की जब डोली उठे मां से रिश्ता कभी न टूटे ,मां की आंखों का है ,ये सपना घर रोशन करे तू अपना ।बेटी की भी बस यही आस ,मां का आंचल रहे हमेशा पास। मां बेटी का अभिमान है याद रखो हमेशा, वह दो  जिस्म होके भी एक जान है एक जान है।

©Neeraj Neel #flowers maa or beti
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Neeraj Neel

मैं चाहूं या ना चाहूं मुझे तू चाहता है
मेरे आंखों में बंद है आंसू जिसे तू जानता है।

कल जब मैं गिर गया था ,मेरे पैर लड़खड़ाए 
तूने उंगली यूं थमाई जैसे मां की ममता छाए,
मैं कहूं या ना कहूं तू मेरा दर्द जानता है।
मैं चाहूं या ना चाहूं तू मुझे चाहता है,
मेरे आंखों में है बंद आंसू जिसे तू जानता है।

जब होगा फिर अंधेरा जब रात घिर के आए, तेरे चेहरे का उजाला मुझे रोशनी दिखाएं,
मैं रहूं या ना रहूं मेरी रूह तुझ में रहे
मै चाहू  या ना चाहूं तू मुझे चाहता है,
मेरे आंखों में है बंद आंसू जिसे तू जानता है।

©Neeraj Neel
  #sunrisesunset
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Neeraj Neel

#sadstory
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Neeraj Neel

अब थोड़ा सा मैं बदलने लगा हूं।
 कुछ पुराने गीतों को अब ध्यान से सुनने लगा हू,
थोड़ा मैं बदलने लगा हूं।
कभी जाता नहीं था मैं बगीचे तक
अब फूलों को भी सुनने लगा हू,
थोड़ा मैं बदलने लगा हू,
सुना है वो जाती है मुंडेर पर,
इसलिए रात को हर पहर उठने लगा हूं,
थोड़ा में बदलने लगा हूं।
बारिश की बूंदे जो कभी बोर लगती थी,
अब उन बूंदों के साथ वक्त गुजारने लगा हू,
थोड़ा मैं बदलने लगा हूं।
कभी उड़ा देता था पैसे दोस्तों पर बेवजह,
आप कुछ पैसे छुपा कर किताब में रखने लगा हूं,
थोड़ा में बदलने लगा हूं।
जो पहले समय को छोड़ देता था पीछे,
अब मंजिल का इंतजार करने लगा हू,
हां थोड़ा मैं बदलने लगा हू।।

©Neeraj Neel अब मैं बदलने लगा हूं।

अब मैं बदलने लगा हूं। #लव

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Neeraj Neel

जीभ बनाई खुदा ने गुलाब जैसे
चलती जाती है कैसे कटार जैसे।

है ‌नरम भीगी बरसात जैसे।
जब बोले तो छींटे उड़े है तेजाब जैसे।

खुदा ने जीभ बनाई गुलाब जैसे।
रहती पहरे में जेवरात जैसे।
लूट लेती किसी को बाजार जैसे।

ठंडी है इसकी तासूर कैसे।
 जब आग लगा दे जो छोड़े शब्द के बाण ऐसे
खुदा ने जीभ बनाई गुलाब जैसे।
फिर क्यों चले हैं कतार जैसे।

©Neeraj Neel शब्द।

#Rose

शब्द। #Rose #विचार

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Neeraj Neel

एक जीवन 100 कहानी है एक सांस जो चलती जानी है
जिंदगी और कुछ नहीं तेरी मेरी कहानी है।

दो नैन कई वर्षों के आंसू है,
 एक बाट में सुख ,एक में दुख का पानी है
 जिंदगी और कुछ नहीं तेरी मेरी कहानी है।

मेहनत की रोटी और मटके का पानी है
चलते  रहना ही जवानी है।
जिंदगी और कुछ नहीं तेरी मेरी कहानी है।

ये शोहरत, ये हसरत ,ये नफरत, सब कब्र में जानी है।
सिर्फ अच्छाई साथ जानी है ,जिंदगी और कुछ नहीं तेरी मेरी कहानी है।
दोनों मुट्ठी जो  मैंने बांधी है एक दिन दोनों खुल जानी है।
वो रहता है मेरे अंदर यही बात मैंने अब पहचानी है

जिंदगी और कुछ नहीं बस तेरी मेरी कहानी है
तेरी मेरी कहानी है।
               
नीरज नील

©Neeraj Neel तेरी मेरी कहानी है।

#Missing

तेरी मेरी कहानी है। #Missing #कविता

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Neeraj Neel

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Neeraj Neel

Zindagi
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Neeraj Neel

ये सबेरा कब होगा
रात का जाना तो तय है,
पर यह सबेरा कब होगा।

चांद भी मानो उदास हो चुका है,
तारे भी अब बुझना चाहते हैं,
जाने ये कब तय होगा,
ये सबेरा कब होगा।

वो बैठे हैं अजान लिए हाथों मे,
कोई लौटना चाहता है खेतों में,
ये रात के सोने का वक्त कब होगा

ये तय करो, ये सबेरा कब होगा
ये सबेरा कब होगा।

लेखक ्् नीरज नील। Sandra kab hoga

Sandra kab hoga

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Neeraj Neel

बिस्तर से उठ के इंजील
 तक जा ना सका।

और लोग ख्वाहिश रखते हैं, कब्र से उठ के जन्नत तक जाने
 की।
गिरते हुए का सहारा ना बने ‌ कभी,
और खुदा के हाथों का सहारा मांगते है सभी ।

मूर्ख बेफिक्र होकर कहते हैं मेरा क्या बिगड़ा।
वह हंस के कहता है तू बना ही कब था।


नीरज नील।।।।्््््

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