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santoshpradhanbh4574
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SANTOSH PRADHAN BHARADWAJ

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SANTOSH PRADHAN BHARADWAJ

मजहब हमारी जिंदगी का एक हिस्सा जरूर हो सकता है,पर हमारी पूरी जिंदगी नही

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SANTOSH PRADHAN BHARADWAJ

एक शायर की शायरी का लुफ्त सभी उठाते है,कितना दर्द छिपा है उनके जहन में इसपर क्या कभी गौर फरमाते है।


इस चाय से हमारा पुराना रिश्ता है,चाय पियो दर्द दूर करो

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SANTOSH PRADHAN BHARADWAJ

अगर वक्त मिले तो उन आइनो मुलाकात कर लेना वो बता देंगे तेरे मेरे रिस्ते की वो सच्चाई जो अब तक न टूटे ,अब तक न बिखरे
हा बिखर गई हमारी जिंदगी
कुछ टुकड़े है दर्द के,कुछ आँशु है नेत्र पर
कुछ किस्से है लब्ज पर
ये है तेरी मोहब्बत की परछाई

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SANTOSH PRADHAN BHARADWAJ

झुठ हमे पसंद नही फिर भी झुठ की सियासत में हमे मोहरा बना दिया
तेरे दामन में कोई दाग न लगे इसलिए
हमने कई चेहरा छिपा दिया,
अपनी कमियां हम छिपाते नही फिर भी लोगो ने हमे गुनाह का सेहरा पहना दिया

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SANTOSH PRADHAN BHARADWAJ

#OpenPoetry गैरो से इतनी बड़ाई करीबियां की उनका नापाक हौसला बढ़ा दिया,तू जानती क्या है इस दुनिया को,अब सुन गैरो के महफ़िल में 
तेरे वो किस्से होते है कि उनकी शातिर चाल में तुझे ही फंसा दिया
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SANTOSH PRADHAN BHARADWAJ

हर जख्म की दवा नही पर इलाज जरूर है।

शक की दवा नही पर पहचान मुमकिन है।

बस रिस्ते मत तोड़ना अंधेरी राह में मत मोड़ना,हर जख्म,हर शक मिट जायेगे

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शायरी लिखते लिखते,आँखे भर जाना उस दर्द को बयां करती है जिसे कभी तुझे न हो
इसलिए दुनिया मुझे तबाह करती है।

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SANTOSH PRADHAN BHARADWAJ

तू मेरी फिक्र नही फिर भी फिकर में समा जाती है,तू मेरी जिक्र नही पर जिकर में आ जाती है,तेरी दुआ कैसी है नकचिड़ि ,मैं नही हम कहकर दिल मे अपना ताला लगा जाती है।

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मोहब्बत में कॉन्टैक्ट न हो तो कनेक्शन जरूर होता है, टाइम पास(फ्लर्ट) में कनेक्शन नही फिर भी कॉन्टैक्ट जरूर होता है।

बात गहरी है जरा रुक कर समझना

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SANTOSH PRADHAN BHARADWAJ

#OpenPoetry तेरे गुरुर को मैं क्या नाम दु,
तू मुझे पहचान कर अनजान बनी अब तू ही बता मैं खुद को क्या पहचान दु,
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