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दीपेश

अंतर्मन मन को लिख दो ये एक महाकाव्य बन जाता है। मन का मंत्र मानो में धंसकर मनोरोग से छाता है और महामंत्र बन जाता है।

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दीपेश

White शुरू संग्राम विश्व का
होगा रन अब खर ओ अश्व का
वैसे तो है खूब फफकता 
दूर दूर से खूब उचकता
अब जाकर टकराएंगे 
और चूर चूर चूर हो जायेगे

©दीपेश
  #Ind_vs_pak
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दीपेश

White तुम हो लेह की झील 
तुम्हारे तट मैं सूखा पर्वत
देख तुम्हे ही खड़ा हुआ हूं
मगर देख ना हरा हुआ हूं
पर देख तुम्हे ही रुका हुआ हूं
देखो अब तक ढहा नही हूं

©दीपेश
  #Lake #लेह
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दीपेश

White कौन कहता महबूब की याद ही
है सताती की बीते भले ही सदी 
छोड़कर देखो घर या ही कोई शहर
उठ उठ के आती है कोई लहर
कोई पत्थर कोई छूटी खुटी सही
मन में जमती है यादों की बनकर दही

©दीपेश
  #SAD #यादें
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दीपेश

White झूठे वादे झूठी यारी
ये रस्मो सी साझेदारी
फोटो वाली खुशी उमंगे
फोटो खातिर सारे पंगे
भरे समेटे याद पड़े हैं
क्या वो फुरसत आयेगी
देख के जिस दिन सारी यादें
ये आंखे मिस्कायेगी
या फिर यू ही भाग दौड़ में
फिर यादें मिट जाएगी

©दीपेश
  #Friendship
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दीपेश

#तेरे_बिना #lonely #सजनी #तुम
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दीपेश

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दीपेश

तन में रंग रंगीन चढ़े
और मन में रंग हसीन चढ़े
जीवन में इतना धन बरसे
ना किसी वस्तु से हीन रहे
हो संकुल सरस स्नेह सहित
संसार सदा सोचे परहित
और मन व्यसनों से दूर रहे
खुशियां अपार हो जीवन में
हर दिन ही बना त्योहार रहे
यही कामना मन में रख
कहता हूं होली खुशहाल रहे

©दीपेश
  #Holi
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दीपेश

वरदानों का मद हार गया
संगी जिसका संसार भया
षड्यंत्रों की बुआ जली
और भक्त भतीजा जीत गया
कभी कभी नारायण भी
सब भौतिक तथ्य भुलाते है
सारी थ्योरी हर लेते है
जब उनके भक्त बुलाते है
यही होलिका सीख हमे है
जाने कब सूत्र बदल जाए
ज्यादा प्रायोगिक होने से
ना हो गुणसूत्र बदल जाए
जप नतमस्तक से नाम हरी का
शायद कुछ बंधन कट जाए

©दीपेश
  #holikadahan #happyholi
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दीपेश

तन गोरा तेरी पतली कमर
चढ़ता यौवन सोला की उमर
बड़ी आंख धरी मुख के ऊपर
ज्यों कोई कमल खिला हो सर
तेरे उर से उभरता सा यौवन
छूकर के पवन करता पावन
हंस बात करे मानो फूल झड़ें
फूलो का रंग सभी पे चढ़े
मेरे गांव गई उड़ धूल चढ़ी
लगे मानो कपूर में धूल पड़ी
तुम धूल धवल संग अतिसुंदर
उपमा न मेरे मुंह से कढ़ी
तुम कामदेव की दुल्हन सी
इस लोक कौन से कुल उपजी
तू कोमल ललित नवल कोपल सी
सोहे मन देख भरे ना जी

©दीपेश #Beauty #Love #Like 
महाकवि केशव के पद से प्रेरित

#Beauty Love #Like महाकवि केशव के पद से प्रेरित #कविता

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दीपेश

आज जब जागो तो देखो
वीरगति को जो गए
बस जगाने के लिए
चिरकाल तक वो से गए
मन नमन करता उनको
मन पर विजय जो पा गए
आपके अपने हमारे
सबके खातिर जो गए

©दीपेश
  #shaheeddiwas
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