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amitkumarsrivsta2928
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Amit Kumar Srivàstava

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Amit Kumar Srivàstava

मुहब्बत का आया है पैगाम ये
चमकती सितारों सी हो शाम ये
कभी आपको कोई मुश्किल न हो
रहा मुश्किलो मे मिरा काम ये
बड़ी आरजू आपकी थी कभी
मचा खूब  फिर क्यो वो कोहराम ये
बड़े शौक से हम तिरे दर पे थे
लगाया बहुत तुम ने इल्जाम ये
जलाया मिरे दिल को शामो सहर
न छूटा मिरे लब से फिर जाम ये
निशानी बहुत तुमने दी है हमे
जुबां पर हमेशा रहा नाम ये
रहे हम भटकते सड़क दर सड़क
मुहब्बत में पाया है ईनाम ये
अमित कुमार श्रीवास्तव पीलीभीत

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Amit Kumar Srivàstava

मेरी आवाज मे मेरी ग़ज़ल

मेरी आवाज मे मेरी ग़ज़ल

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Amit Kumar Srivàstava

अब कहाँ लुफ्त इन बारिशो का रहा
बूंद पडते ही रूह से धुआँ सा उठे
अमित कुमार श्रीवास्तव पीलीभीत

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Amit Kumar Srivàstava

रात क्या जाग कर गुजारी है 
आंख में लग रही खुमारी है
किस तरह जिंदगी जीये अब हम
 सब ये बैठे हुए शिकारी हैं
गम किसी का ये अब करें कोई
एक जमाने से होशियारी है
महफिलों में न अब कोई आना
 महफिलों में तो चाटुकारी  है
बात आधी ही क्यों हो पाती है
 जबकि हर बात ही तुम्हारी है
साथ में जिंदगी सँवारी है 
बस यूं ही जिंदगी गुजारी है
अमित कुमार श्रीवास्तव पीलीभीत

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Amit Kumar Srivàstava

Safar चैन से रहना चैन से सोना अच्छा है
बारिश में बीजो का बोना अच्छा हैं
तुम न मिलों तो ऐसी कोई बात नही
साथ मे थोडा थोडा रोना अच्छा है
अमित कुमार श्रीवास्तव
पीलीभीत

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Amit Kumar Srivàstava

मेरी आवाज में मेरी इक ग़ज़ल

मेरी आवाज में मेरी इक ग़ज़ल

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Amit Kumar Srivàstava

खुद ही रूठे हूँ और खुद को मना लेता हूं अपनी एक दुनिया आसपास बना लेता हूं अमित कुमार श्रीवास्तव पीलीभीत

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Amit Kumar Srivàstava

किसी सफर मे भी वो हम सफर न रहा
बहुत रहा मुझ पे उस पे असर न रहा
अमित कुमार श्रीवास्तव
पीलीभीत

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Amit Kumar Srivàstava

आज फिर ये क्या करने को आ गए है
 आज फिर तेरे दर पर मरने को आ गए है
अमित कुमार श्रीवास्तव

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Amit Kumar Srivàstava

लोग कहते है कि वो मर गया है
वो तो खुशबुओ मे बिखर गया है
अब कोई इम्तिहान बाकी नही है
बडे इत्मिनान से वो घर गया है

अमित कुमार श्रीवास्तव
पीलीभीत मृत्यु

मृत्यु

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