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narendrakumar3882
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Narendra kumar

teacher poet

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Narendra kumar

कमलासनं कमलापतिं माया पतिं।
महेश्वरमिष्टदेवं नारायणं नमो नम: नमामि।
रामेश्वरं ज्योतिर्लिंगं नारायणं पूजितं शिवलिंगं।
नारायणमिष्टदेवं महादेवं ॐ नमः शिवाय॥

©Narendra kumar
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Narendra kumar

New Year 2024-25 सुबह-शाम ढलता रहा,
दिन-रात बदलता रहा।
आय-व्यय का
जोड़-घटाव चलता रहा।

उतार-चढ़ाव का दौर,
चलता रहा।
भाग-दौड़ का जीवन,
बदलता रहा।

जब तक रहा जीवन,
तब तक बदलता रहा।
भाग-दौड़ का जीवन,
चलता रहा, चलता रहा।

©Narendra kumar #NewYear2024-25
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Narendra kumar

मन माया का अधीन नाचे।
दिन-रात दीन नाचे।
करे कोशिश स्वतंत्र हो जाए,
स्व को पाए, स्व हो जाए।

पर कोशिश फलती नहीं है,
मन माया से निकलता नहीं है।
मीन के जैसा जल बिन तड़पे,
पाए न पार, हर दिन दीन तड़पे।

©Narendra kumar
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Narendra kumar

Unsplash बाली गयो सुर धाम जपते जपते श्री राम।
सुग्रीव को दियों सुख धाम जपते रहे श्री राम।

©Narendra kumar #Book
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Narendra kumar

Unsplash कभी मन भूत, बेताल दुर्जन बने,
कभी मन साधु-संत, सज्जन बने।
कभी मन चारों धाम घूमे,
कभी मन सुनसान श्मशान घूमे।
कभी मन प्रेम-रस में डूबे,
कभी मन नफरत-कष्ट में डूबे।
कभी मन सही-गलत का विचार न करे,
कभी मन मरा पड़ा, कुछ विचार न करे।

©Narendra kumar #Book
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Narendra kumar

चौसठ योगिनी, बासठ भैरव,
ब्रह्म, विष्णु, महेश गावत भैरव।
जय-जय मां भवानी मइया,
भय निवारिणी, जग तारिणी मइया।
कांपत कलुष काल,
जब गर्जत काली।
भागत दुष्ट दैत्य,
जब आवत काली।
नाचत भैरव ताल पर,
कपाल काटत काली।
चौसठ योगिनी रक्त पान करैं,
संतोष करावत काली।

©Narendra kumar
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Narendra kumar

माँ  मुझे  वरदान  दो  की  शुभ करो, मंगल करो,
कष्ट हरो, कष्टहारिणी।
रोग-दोष दूर करो,
दुःख हरो, दुःखहारिणी।
नमन करूं, भजन करूं,
कीर्तन करूं विंध्यवासिनी।
विघ्न हरो, पाप हरो,
भव पार करो, पापहारिणी।

©Narendra kumar
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Narendra kumar

मोहिनी रूप धरे, रूप अति सुंदर।
छटा छवि लगे, अति अनुपम सुंदर।
मोहिनी रूप मोहे, सबको अति सुंदर।
चले चाल हिरनी-सी, लगे रूप अति सुंदर।
नृत्य करे मोरनी-सा, रूप लगे अति सुंदर।
शरमाए अयन-नयन, नक्षत्र सभी थमे।
देख रूप मोहिनी, कटाक्ष नयन झुके।

©Narendra kumar
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Narendra kumar

New Year 2024-25 समय आने पर साल, 
स्वयं बदल जाते हैं,
पर ख्याल और सोच,
समय के साथ स्वयं को बदलना पड़ता है।

©Narendra kumar #NewYear2024-25
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Narendra kumar

योनि कुण्ड में कमल फूल कुन्दन।
कंचन कलश, कमल ऊपर शिवलिंगम्।
नमामि नमामि, नमः शिवाय।
अर्धनारीश्वर शिव, ॐ नमः शिवाय।

©Narendra kumar
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