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manyaparmar8573
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Manya Parmar

Writer।Thinker।प्रेरक।सामाजिक विचारक। वास्तविकता (भावनाएं भोक्ताओं की) सभी युवा अपने स्तर पर #घरेलूहिंसा रोकने का प्रयास करें। घरेलूहिंसा से मुक्ति #MissionMaanyMaang #3M For Help/Job Message Me on Instagram.

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Manya Parmar

पिता तो जानते है दुनियादारी, सबसे ज्यादा समझ होती है उनमें, अगर वाकई होता पितृ सत्तात्मक समाज तो हर बेटी कामयाब काबिल, शोषण ना सहने वाली, बेखौफ, आत्मनिर्भर आत्मविश्वासी होती।

बचपन से जवानी, जीवन के हर पग पर नारी को कम आंका कम बताया,खुद पर भरोसा न करना सिखाया, चुप रहना, बुराई सहना सिखाया, घर के काम इसकी राजनीति में उलझाया, बेटियों का आत्मविश्वास आत्मसम्मान छोटी छोटी बातो से तोड़ा, कभी उनका साथ न दिया, केवल अक्षर ज्ञान दिया वो भी न जाने किस तरह,
समाज रीति रिवाज परंपरा संस्कार मर्यादा से जकड़ा इन्

पिता तो जानते है दुनियादारी, सबसे ज्यादा समझ होती है उनमें, अगर वाकई होता पितृ सत्तात्मक समाज तो हर बेटी कामयाब काबिल, शोषण ना सहने वाली, बेखौफ, आत्मनिर्भर आत्मविश्वासी होती। बचपन से जवानी, जीवन के हर पग पर नारी को कम आंका कम बताया,खुद पर भरोसा न करना सिखाया, चुप रहना, बुराई सहना सिखाया, घर के काम इसकी राजनीति में उलझाया, बेटियों का आत्मविश्वास आत्मसम्मान छोटी छोटी बातो से तोड़ा, कभी उनका साथ न दिया, केवल अक्षर ज्ञान दिया वो भी न जाने किस तरह, समाज रीति रिवाज परंपरा संस्कार मर्यादा से जकड़ा इन् #Motivational #घरेलूहिंसा #MissionMaanyMaang

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Manya Parmar

जीवन की बुनियादी चीजों के लिए भी आपको संघर्ष करना पड़ता है तो अकेले खूब संघर्ष करते। आम चीज़े जिनसे बच्चें कमाने और जीवन जीने लायक बनते है वही चीजे उतनी मात्रा में ना मिले तो इसमें उनका दोष नहीं, आपकी अदूरदर्शिता आपकी अपरिपक्वता का ही सबूत है जो इतने भी काबिल न बन पाएं इतना नही कमा पाए फिर भी बच्चो को जन्म दिया।

जिन बच्चो को मानसिक भावनात्मक आर्थिक किसी तरह का सहारा नही दे पाते फिर भी बच्चो को कोसना हिंसा करना ये आपकी ही नाकामी का परिचय होता है।
बच्चो को बताएं ये जीवन सुंदर है और कोई भी असफलता आख़री नही होगी, तुम्हें हिम्मत रखनी होगी और हम तुम्हारे साथ है।
तब बच्चे कम जरूरतों पैसों में भी निखर जायेंगे वरना बिखरेंगे जिससे आप खुद को कोसेँगे कि हम ही नहीं बन पाए अच्छे माता पिता।

1/2कमरे का घर, जिसमें कोई चैन न पढ़ पाए न सो पाए,कॉपी है तो किताब नहीं,स्कूल की फीस न दे पाना, सरकारी स्कूल में पढ़ाकर अधिकारी बनाएंगे,स्कूल के जूतों के लिए अलग से समझाना पड़ता है,दो वक्त रोटी मिल तो जाती है और क्या चाहिए तुम्हें, तबियत ठीक नहीं रहती तो क्या इलाज में ही पैसा गवाएंगे,अबकी बार इसे दिला देते है कपड़े तु अगले त्योहार पर ले लेना।

कमाने की वजह से ही मां पर हुक्म चलाते हो,उसे हर पल अपने कामों में लगाते हो, मां की ये जरूरतें पूरी कर पाओ जेब खर्च दे पाओ तो ही उन पर हुक्म चलाना खुद को ज़िम्मेदार कहना।
मां को नीचा दिखाना,उनके कामों में कमी निकालना,अपने से कम आंकना, इसी में लगी रहती है आपकी सारी ताकत और बुध्दि।

परिवार अपने आप, अपनी जितनी समझ है उससे चल रहे है।
कमाई जरूरी है लेकिन केवल कमाना ही जरूरी नहीं है।
अगर जमाना बदला है तो हमें अपने घरों के वातावरण में भी बदलाव लाना होगा, हमारे अपने हमसे अपने मन की बात कह सके हम खुद उनसे कह सके फिर क्यों कोई तनाव में रहेगा, क्यों किसी को रिश्ते में घुटन होगी, जब हमें घर में कोई सुनने समझने वाला नही मिलता तो कोई गैर हमसे दो मीठी बातें बोल लेता है तो हम उसके झांसे में आजाते है। केवल अहम भाव से घर परिवार नही चलते।

Dear parents. बेटियो को अक्षर ज्ञान ही ज़रूरी है तो आपको हमसे ज्यादा ज्ञान है आप ही क्यों नही ज्यादा कमा लेते ताकि हमारे सर से ये कमाने का भूत तो उतर जाए।
हमें भी अपना नाम बनाना है। हमे प्यार में ही नही पड़ना, सजना ही नही है,घर के कामों में मारे ही नही जाना है। साथ दे दो हमारा भी भाई पिता।😡

बहनें पढ़ती है तो उनको घर के काम में ना लगाना जितनी जिम्मेदारी मां पिता की है उससे कई ज्यादा भाई की है क्योंकि वो खुद को रक्षक मानता है बहन का।

जीवन की बुनियादी चीजों के लिए भी आपको संघर्ष करना पड़ता है तो अकेले खूब संघर्ष करते। आम चीज़े जिनसे बच्चें कमाने और जीवन जीने लायक बनते है वही चीजे उतनी मात्रा में ना मिले तो इसमें उनका दोष नहीं, आपकी अदूरदर्शिता आपकी अपरिपक्वता का ही सबूत है जो इतने भी काबिल न बन पाएं इतना नही कमा पाए फिर भी बच्चो को जन्म दिया। जिन बच्चो को मानसिक भावनात्मक आर्थिक किसी तरह का सहारा नही दे पाते फिर भी बच्चो को कोसना हिंसा करना ये आपकी ही नाकामी का परिचय होता है। बच्चो को बताएं ये जीवन सुंदर है और कोई भी असफलता आख़री नही होगी, तुम्हें हिम्मत रखनी होगी और हम तुम्हारे साथ है। तब बच्चे कम जरूरतों पैसों में भी निखर जायेंगे वरना बिखरेंगे जिससे आप खुद को कोसेँगे कि हम ही नहीं बन पाए अच्छे माता पिता। 1/2कमरे का घर, जिसमें कोई चैन न पढ़ पाए न सो पाए,कॉपी है तो किताब नहीं,स्कूल की फीस न दे पाना, सरकारी स्कूल में पढ़ाकर अधिकारी बनाएंगे,स्कूल के जूतों के लिए अलग से समझाना पड़ता है,दो वक्त रोटी मिल तो जाती है और क्या चाहिए तुम्हें, तबियत ठीक नहीं रहती तो क्या इलाज में ही पैसा गवाएंगे,अबकी बार इसे दिला देते है कपड़े तु अगले त्योहार पर ले लेना। कमाने की वजह से ही मां पर हुक्म चलाते हो,उसे हर पल अपने कामों में लगाते हो, मां की ये जरूरतें पूरी कर पाओ जेब खर्च दे पाओ तो ही उन पर हुक्म चलाना खुद को ज़िम्मेदार कहना। मां को नीचा दिखाना,उनके कामों में कमी निकालना,अपने से कम आंकना, इसी में लगी रहती है आपकी सारी ताकत और बुध्दि। परिवार अपने आप, अपनी जितनी समझ है उससे चल रहे है। कमाई जरूरी है लेकिन केवल कमाना ही जरूरी नहीं है। अगर जमाना बदला है तो हमें अपने घरों के वातावरण में भी बदलाव लाना होगा, हमारे अपने हमसे अपने मन की बात कह सके हम खुद उनसे कह सके फिर क्यों कोई तनाव में रहेगा, क्यों किसी को रिश्ते में घुटन होगी, जब हमें घर में कोई सुनने समझने वाला नही मिलता तो कोई गैर हमसे दो मीठी बातें बोल लेता है तो हम उसके झांसे में आजाते है। केवल अहम भाव से घर परिवार नही चलते। Dear parents. बेटियो को अक्षर ज्ञान ही ज़रूरी है तो आपको हमसे ज्यादा ज्ञान है आप ही क्यों नही ज्यादा कमा लेते ताकि हमारे सर से ये कमाने का भूत तो उतर जाए। हमें भी अपना नाम बनाना है। हमे प्यार में ही नही पड़ना, सजना ही नही है,घर के कामों में मारे ही नही जाना है। साथ दे दो हमारा भी भाई पिता।😡 बहनें पढ़ती है तो उनको घर के काम में ना लगाना जितनी जिम्मेदारी मां पिता की है उससे कई ज्यादा भाई की है क्योंकि वो खुद को रक्षक मानता है बहन का। #Motivational

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Manya Parmar

शर्म आती है तुम्हें मॉडर्न जमाने का युवा/भाई/पिता/पति कहते हुए हमे।🤮

अपने ही घर की बहन बेटी मां पत्नी का मानसिक शारीरिक भावनात्मक आर्थिक किसी तरह से विकास नहीं होने दिया,
अगर वाकई तुम्हें ये जाति का उच्च नीच का भेदभाव इतना ही दुखदायीं लगता तो अपने घर से उसका अन्त करते, फिर कहते जमाने को तो जमाना मानता कि वाकई सब एक समान होने चाहिए,

जिनके हाथों में कुछ अधिकार मिलते है उनको अपने से कमजोर को दबाना अच्छा लगता है जैसे तुम्हे अपनी ही नारी को दबाना कम रखना अच्छा लगता है।

बाबा साहब जैसे कई महान आत्माओं ने अपना जीवन केवल तुम आदमी को समानता हक अधिकार दिलाने के लिए नियम कानून नही बनाएं,वे नियम कानून औरतों के भी समान है,
अफ़सोस केवल खुद का शोषण देखने का ही दिमाग चलता है तुम्हारा, आज का ये युवा जो खुद को मॉडर्न जमाने का कहता है और अपनी बहन बेटी पर हुक्म चलता है।😡

आज के जमाने के युवा/भाई/पिता पति अपने घर की नारी वो जिस भी रूप में है उन्हें सम्मान से, स्वतंत्रता,हिम्मत से आत्मविश्वास से जीना नहीं सिखायेंगे,
उन्हे अकेले ही घर का काम कराना और कमाकर घर का काम करने देंगे वो इस जमाने के आदमी हो ही नहीं सकते😒

औरतें जिनको दुनियादारी की ज्यादा समझ नही है वे मुश्किल पड़ने पर दुनियां के साथ चलती है,घर भी संभालना जानती है,लेकिन तुम नारी के बिना केवल कमाना जानते हो घर रिश्ते निभाना तुम्हारे बस का नहीं है "तुम नारी पर आश्रित" हो "निर्भर हो"
खुद भी काबिल बनो अपने काम करके अपने रिश्ते निभाकर।

हम अपने घरों को सुधारे तो कोई महानुभाव कोई सरकार कोई कानून कोई समाज सेवक पैदा नहीं होंगे, हमारे घरों में हमारी बहन बेटियों के हाल खराब है उन्हें बेहतर करने का जिम्मा हम औरों को दे?हम खुद घर में भेदभाव जैसी चीजे करते है तब समाज और जमाना हमारी बेटियो के साथ करता है।

बाहर लोगो के सामने नहीं अपने घर की नारी के सामने सभ्य बनो उन्हें Mam कहो, उन्हें ज्यादा जरूरत है सम्मान की वे है तो हमारे घर हमारी नौकरी हमारी कमाई है।😊
हर मां बहन बेटी पत्नी हर नारी को कहो और अहसास दिलाओ की तुम घर के काम ही मत करों,हमारे फरमान ही पूरे मत करो ,अपने लिए जियो,अपना शरीर देखो, उसे सजाओ सवारो, खुश रहो,अपने आपको पैरो पर खड़ा करो, आत्म विश्वास पैदा करो अगर हम आदमी तुम्हारे साथ नही होगें तो तुम अपना जीवन या तुम्हारे सहारे होगा उसे कैसे संभालोगी,खूब सीखो खूब जियो।
हमारे काम थोड़े हम कर लेंगे थोड़े तुम करना,
ये जमाना बदल गया है इसका परिचय यही होगा।✌️

सभी युवा अपने घरों से #घरेलूहिंसा का अंत करें।
#MissionMaanyMaang

शर्म आती है तुम्हें मॉडर्न जमाने का युवा/भाई/पिता/पति कहते हुए हमे।🤮 अपने ही घर की बहन बेटी मां पत्नी का मानसिक शारीरिक भावनात्मक आर्थिक किसी तरह से विकास नहीं होने दिया, अगर वाकई तुम्हें ये जाति का उच्च नीच का भेदभाव इतना ही दुखदायीं लगता तो अपने घर से उसका अन्त करते, फिर कहते जमाने को तो जमाना मानता कि वाकई सब एक समान होने चाहिए, जिनके हाथों में कुछ अधिकार मिलते है उनको अपने से कमजोर को दबाना अच्छा लगता है जैसे तुम्हे अपनी ही नारी को दबाना कम रखना अच्छा लगता है। बाबा साहब जैसे कई महान आत्माओं ने अपना जीवन केवल तुम आदमी को समानता हक अधिकार दिलाने के लिए नियम कानून नही बनाएं,वे नियम कानून औरतों के भी समान है, अफ़सोस केवल खुद का शोषण देखने का ही दिमाग चलता है तुम्हारा, आज का ये युवा जो खुद को मॉडर्न जमाने का कहता है और अपनी बहन बेटी पर हुक्म चलता है।😡 आज के जमाने के युवा/भाई/पिता पति अपने घर की नारी वो जिस भी रूप में है उन्हें सम्मान से, स्वतंत्रता,हिम्मत से आत्मविश्वास से जीना नहीं सिखायेंगे, उन्हे अकेले ही घर का काम कराना और कमाकर घर का काम करने देंगे वो इस जमाने के आदमी हो ही नहीं सकते😒 औरतें जिनको दुनियादारी की ज्यादा समझ नही है वे मुश्किल पड़ने पर दुनियां के साथ चलती है,घर भी संभालना जानती है,लेकिन तुम नारी के बिना केवल कमाना जानते हो घर रिश्ते निभाना तुम्हारे बस का नहीं है "तुम नारी पर आश्रित" हो "निर्भर हो" खुद भी काबिल बनो अपने काम करके अपने रिश्ते निभाकर। हम अपने घरों को सुधारे तो कोई महानुभाव कोई सरकार कोई कानून कोई समाज सेवक पैदा नहीं होंगे, हमारे घरों में हमारी बहन बेटियों के हाल खराब है उन्हें बेहतर करने का जिम्मा हम औरों को दे?हम खुद घर में भेदभाव जैसी चीजे करते है तब समाज और जमाना हमारी बेटियो के साथ करता है। बाहर लोगो के सामने नहीं अपने घर की नारी के सामने सभ्य बनो उन्हें Mam कहो, उन्हें ज्यादा जरूरत है सम्मान की वे है तो हमारे घर हमारी नौकरी हमारी कमाई है।😊 हर मां बहन बेटी पत्नी हर नारी को कहो और अहसास दिलाओ की तुम घर के काम ही मत करों,हमारे फरमान ही पूरे मत करो ,अपने लिए जियो,अपना शरीर देखो, उसे सजाओ सवारो, खुश रहो,अपने आपको पैरो पर खड़ा करो, आत्म विश्वास पैदा करो अगर हम आदमी तुम्हारे साथ नही होगें तो तुम अपना जीवन या तुम्हारे सहारे होगा उसे कैसे संभालोगी,खूब सीखो खूब जियो। हमारे काम थोड़े हम कर लेंगे थोड़े तुम करना, ये जमाना बदल गया है इसका परिचय यही होगा।✌️ सभी युवा अपने घरों से #घरेलूहिंसा का अंत करें। #MissionMaanyMaang #Motivational

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Manya Parmar

मां के साथ होते बुरे व्यवहार मार पीट गाली गलौज अपमान के खिलाफ नहीं हो सकते जो बच्चें
वे क्या समाज देश दुनियां में किसी का साथ देंगे।

पिता का अनादर नहीं करना है लेकिन मां का अनादर भी क्यों सहे।
पिता अकेले परमात्मा नहीं बनते, मां-पिता परमात्मा बनते है,तो आदर सम्मान एक सा होगा दोनो का।
अपनो के साथ अपने भी गलत करते हो तो हमें गलत के खिलाफ बोलना होगा,action लेना होगा,
केवल सहने से चुप रहने से ही नहीं उनके खिलाफ होने से भी रिश्ते बचाएं जाते है।
घर घर जैसा लगे इसलिए अपने अपनो जैसा बर्ताव करें।❤️

मां के साथ होते बुरे व्यवहार मार पीट गाली गलौज अपमान के खिलाफ नहीं हो सकते जो बच्चें वे क्या समाज देश दुनियां में किसी का साथ देंगे। पिता का अनादर नहीं करना है लेकिन मां का अनादर भी क्यों सहे। पिता अकेले परमात्मा नहीं बनते, मां-पिता परमात्मा बनते है,तो आदर सम्मान एक सा होगा दोनो का। अपनो के साथ अपने भी गलत करते हो तो हमें गलत के खिलाफ बोलना होगा,action लेना होगा, केवल सहने से चुप रहने से ही नहीं उनके खिलाफ होने से भी रिश्ते बचाएं जाते है। घर घर जैसा लगे इसलिए अपने अपनो जैसा बर्ताव करें।❤️ #Feminism #Shayari #stopdomesticviolence #fakefeminism #MissionMaanyMaang #WomenRightsAreHumanRights

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Manya Parmar

कमोगे तब तो करोगे ही नई कोई पहल तुम मगर तब तक कितना जीवन उसका बीत जाएगा,
मां को आराम दो,उनके कामों का आदर करो,पिता की तरह उनके भी शुक्र गुजार रहो, अपने काम खुद करों, न्याय-अन्याय की सीख दो, जागरूक करों,आप अपना खुश रहो शरीर सवारों स्वस्थ रहो, व्यायाम करों घूमो फिरो खुश रहो,
हम ये बातें शायद उनसे नही कह पाएंगे लेकिन खुद अपने मन में रखकर उन्हें एहसास दिलाएंगे की हम परिपक्व हों गए है अब हम बिना कहें भी बदलाव ला सकते है
युवा समृद्ध विचारों से युवा बनें।👑🙏
#happymothersday ❤️

पिता का अनादर नहीं करना है लेकिन मां का अनादर भी क्यों सहे।
पिता अकेले परमात्मा नहीं बनते, मां-पिता परमात्मा बनते है,तो आदर सम्मान एक सा होगा दोनो का।
अपनो के साथ अपने भी गलत करते हो तो हमें गलत के खिलाफ बोलना होगा,action लेना होगा,
केवल सहने से चुप रहने से ही नहीं उनके खिलाफ होने से भी रिश्ते बचाएं जाते है।
घर घर जैसा लगे इसलिए अपने अपनो जैसा बर्ताव करें।❤️

जब हम गुलाम थे जब जब सम्मान समानता अधिकार हक के लिए आंदोलन हुए नारे लगे,लोगो ने कुर्बानियां दी जान गवाई, कानून बने तो वे कुर्बानियां वे कानून केवल आदमी वर्ग को समानता सम्मान हक अधिकार मिले इसलिए नहीं दी गई थी हमारी नारी वर्ग जिन्हें कम आंका गया उनका कल्याण हो उन्हें भी समाज में देश दुनियां में इंसान समझा जाएं इंसान के साथ जो भेदभाव होते है वो होते तो औरते सहती आपकी तरह लेकिन आप लोग घर में उन्हें तोड़ते हों पीछे रखते हो, 
आप पिता भाई नहीं समझे कि #WomenRightsAreHumanRights इसलिए #feminism concept औरते लाई,
औरतों को आदमी नही बनना है इंसान बनना है,औरते आदमी से न नफरत करती है ना उनको नीचा दिखाना है केवल अपना हक सम्मान समानता चाहती है जिसे आप समझदार बढ़ी बुद्धि के आदमी #fakefeminism कहते है।
मॉडर्न केवल moblie चलाकर नहीं अपनी बुद्धि चलाकर बनें।🙏

अपने ही घर की नारी को आदमी ने हक अधिकार सम्मान,खुलकर जीना, जागरूक होना सब से वंचित रखा, 
औरत को उतने ही हक उतना ही सम्मान चाहिए,आराम चाहिए जितना एक आम इंसान को।
औरत को आपकी बेटियों को आदमी नही बनना है,केवल इंसान बनना है, ये इतनी सी बात आज के मॉडर्न युवा को भी समझ नही आती तो लानत हैं तुम्हारी अक्ल पर।

नारी में कोई हिम्मत हौसला नहीं भरते बल्कि उन्हें और दबाकर रखते है हमारी एक आवाज एक इशारे पर उठे,बैठे उतना ही बोले,इस तरह के परिवेश में हम रखते है। बहुत ही शर्मनाक हरकत है ये हमारे आधुनिक जमाने हमारी शिक्षा और हमारे धर्म,संस्कृति के लिए।🤦

कमोगे तब तो करोगे ही नई कोई पहल तुम मगर तब तक कितना जीवन उसका बीत जाएगा, मां को आराम दो,उनके कामों का आदर करो,पिता की तरह उनके भी शुक्र गुजार रहो, अपने काम खुद करों, न्याय-अन्याय की सीख दो, जागरूक करों,आप अपना खुश रहो शरीर सवारों स्वस्थ रहो, व्यायाम करों घूमो फिरो खुश रहो, हम ये बातें शायद उनसे नही कह पाएंगे लेकिन खुद अपने मन में रखकर उन्हें एहसास दिलाएंगे की हम परिपक्व हों गए है अब हम बिना कहें भी बदलाव ला सकते है युवा समृद्ध विचारों से युवा बनें।👑🙏 #HappyMothersDay ❤️ पिता का अनादर नहीं करना है लेकिन मां का अनादर भी क्यों सहे। पिता अकेले परमात्मा नहीं बनते, मां-पिता परमात्मा बनते है,तो आदर सम्मान एक सा होगा दोनो का। अपनो के साथ अपने भी गलत करते हो तो हमें गलत के खिलाफ बोलना होगा,action लेना होगा, केवल सहने से चुप रहने से ही नहीं उनके खिलाफ होने से भी रिश्ते बचाएं जाते है। घर घर जैसा लगे इसलिए अपने अपनो जैसा बर्ताव करें।❤️ जब हम गुलाम थे जब जब सम्मान समानता अधिकार हक के लिए आंदोलन हुए नारे लगे,लोगो ने कुर्बानियां दी जान गवाई, कानून बने तो वे कुर्बानियां वे कानून केवल आदमी वर्ग को समानता सम्मान हक अधिकार मिले इसलिए नहीं दी गई थी हमारी नारी वर्ग जिन्हें कम आंका गया उनका कल्याण हो उन्हें भी समाज में देश दुनियां में इंसान समझा जाएं इंसान के साथ जो भेदभाव होते है वो होते तो औरते सहती आपकी तरह लेकिन आप लोग घर में उन्हें तोड़ते हों पीछे रखते हो, आप पिता भाई नहीं समझे कि #WomenRightsAreHumanRights इसलिए #Feminism concept औरते लाई, औरतों को आदमी नही बनना है इंसान बनना है,औरते आदमी से न नफरत करती है ना उनको नीचा दिखाना है केवल अपना हक सम्मान समानता चाहती है जिसे आप समझदार बढ़ी बुद्धि के आदमी #fakefeminism कहते है। मॉडर्न केवल moblie चलाकर नहीं अपनी बुद्धि चलाकर बनें।🙏 अपने ही घर की नारी को आदमी ने हक अधिकार सम्मान,खुलकर जीना, जागरूक होना सब से वंचित रखा, औरत को उतने ही हक उतना ही सम्मान चाहिए,आराम चाहिए जितना एक आम इंसान को। औरत को आपकी बेटियों को आदमी नही बनना है,केवल इंसान बनना है, ये इतनी सी बात आज के मॉडर्न युवा को भी समझ नही आती तो लानत हैं तुम्हारी अक्ल पर। नारी में कोई हिम्मत हौसला नहीं भरते बल्कि उन्हें और दबाकर रखते है हमारी एक आवाज एक इशारे पर उठे,बैठे उतना ही बोले,इस तरह के परिवेश में हम रखते है। बहुत ही शर्मनाक हरकत है ये हमारे आधुनिक जमाने हमारी शिक्षा और हमारे धर्म,संस्कृति के लिए।🤦 #wishes

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Manya Parmar

ज्यादा आविष्कार आदमी ने किए।

औरतें अगर रोटी सब्जी साफ सफाई कपड़े धोने बच्चे संभालने हमारी जी हजूरी में समय ना गवाती तो हम आज ये कह नहीं पाते, उनका शुक्र गुजार होना है हमे कि तुम ना होती तो हमारा सारा समय अविष्कार करने में नही घर के कामों में खराब हो जाता जैसा तुम्हारा हुआ
लेकिन हम उन्हें नीचा दिखाते है कमजोर मानते है कितने मतलबी हैं हम आदमी।😞

अपने ही घर की नारी को आदमी ने हक अधिकार सम्मान,खुलकर जीना, जागरूक होना सब से वंचित रखा, 
औरत को उतने ही हक उतना ही सम्मान चाहिए,आराम चाहिए जितना एक आम इं

ज्यादा आविष्कार आदमी ने किए। औरतें अगर रोटी सब्जी साफ सफाई कपड़े धोने बच्चे संभालने हमारी जी हजूरी में समय ना गवाती तो हम आज ये कह नहीं पाते, उनका शुक्र गुजार होना है हमे कि तुम ना होती तो हमारा सारा समय अविष्कार करने में नही घर के कामों में खराब हो जाता जैसा तुम्हारा हुआ लेकिन हम उन्हें नीचा दिखाते है कमजोर मानते है कितने मतलबी हैं हम आदमी।😞 अपने ही घर की नारी को आदमी ने हक अधिकार सम्मान,खुलकर जीना, जागरूक होना सब से वंचित रखा, औरत को उतने ही हक उतना ही सम्मान चाहिए,आराम चाहिए जितना एक आम इं #Motivational #घरेलूहिंसा #MissionMaanyMaang

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Manya Parmar

हर रोज हर पल उम्मीद पैदा करनी पड़ेगी, कभी कभी हम सोचते है यही आखरी है इस से बड़ी मुसीबत क्या होगी मेरे जीवन में मर जाना ही ठीक है अब, लेकिन जैसे ये समय बीतेगा और फिर कभी इस बुरे समय को याद करोगे तो पाओगे अच्छा हुआ मैंने कोई गलत कदम नहीं उठाया, बस वो समय बुरा था जीवन नही, अगर बुरा समय लंबा भी चलता है तो चलने दो जिंदा हो तो कुछ हल निकाल सकते हों जिसे देख के कोई और सिख ले की मार जाना ही कोई आखरी रास्ता नहीं होता, हमे हिम्मत रखनी होगी इंसान हिम्मत रखने और मुसीबतों का हल निकालने के लिए बना है ताकि जो

हर रोज हर पल उम्मीद पैदा करनी पड़ेगी, कभी कभी हम सोचते है यही आखरी है इस से बड़ी मुसीबत क्या होगी मेरे जीवन में मर जाना ही ठीक है अब, लेकिन जैसे ये समय बीतेगा और फिर कभी इस बुरे समय को याद करोगे तो पाओगे अच्छा हुआ मैंने कोई गलत कदम नहीं उठाया, बस वो समय बुरा था जीवन नही, अगर बुरा समय लंबा भी चलता है तो चलने दो जिंदा हो तो कुछ हल निकाल सकते हों जिसे देख के कोई और सिख ले की मार जाना ही कोई आखरी रास्ता नहीं होता, हमे हिम्मत रखनी होगी इंसान हिम्मत रखने और मुसीबतों का हल निकालने के लिए बना है ताकि जो #Motivational #घरेलूहिंसा #MissionMaanyMaang

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Manya Parmar

ना बच्चों को सभ्य माहौल दे पाते हो,
ना शौक़ जरूरत की चीजे देकर कहते हो कि हमनें कोई अपना मन नही मारा ये चीजें पाने का तुम्हारा हक था।

पढ़ाई नहीं करा पाते हों,करा दो तो इतनी सी पढ़ाई से केवल मजदूरी ही की जा सकती है, अफसर बनने के लिए घर को अच्छा बनाने के लिए शांति से आगे पढ़ाई करनी होती है और जाने कितने समय तक करनी होती है इतनी समझ इतना धैर्य होगा आपमें?

बच्चे चलते फिरते दिखते है आपको तो खुद पर घमंड करते हो देखो बच्चे और परिवार पाल रहे है हम असल में वे जिंदा नहीं होते वे बस समय को देख रहे होते है कि हर तरफ से मैं घिरा हुआ हूं तू साथ दे दे वरना सांस का अब कुछ कह नहीं सकते, बच्चों को मानसिक भावनात्मक सहारे की जरूरत होती है वे आप दिया करो उन्हें।
माता पिता को परमात्मा कहा जाता है लेकिन अगर बच्चो के ये दुःख आपको समझ नही आते तो आप इंसान भी नही कहलाओगे।😔🙏

आम चीज़े जिनसे बच्चें कमाने और जीवन जीने लायक बनते है वही चीजे उतनी मात्रा में ना मिले तो इसमें उनका दोष नहीं,इन चीजों के लिए भी आपको संघर्ष करना पड़ता है तो अकेले खूब संघर्ष करते। आपकी अदूरदर्शिता,अपरिपक्वता का ही सबूत है जो इतने भी काबिल न बन पाएं इतना नही कमा पाए फिर भी बच्चो को जन्म दिया  जिन बच्चो को मानसिक भावनात्मक आर्थिक किसी तरह का सहारा नही दे पाते फिर भी बच्चो को कोसना हिंसा करना ये आपकी ही नाकामी का परिचय होता है।

बच्चो को बताएं ये जीवन सुंदर है,अपने विचार पैदा करो जीवन जियो और कोई भी असफलता आख़री नही होगी, तुम्हें हिम्मत रखनी होगी और हम तुम्हारे साथ है। तब बच्चे कम जरूरतों पैसों में भी निखर जायेंगे वरना बिखरेंगे जिससे आप खुद को कोसेँगे कि हम ही नहीं बन पाए अच्छे माता पिता  परिवार अपने आप, अपनी जितनी समझ है उससे चल रहे है। कमाई जरूरी है लेकिन केवल कमाना ही जरूरी नहीं है।

जमाना और धर्म क्या कहता है, कोई कुछ भी कहता हो लेकिन हमें अपने बच्चो का अपने घरों का जीवन अच्छा करना है सब काबिल बने अपने अपने स्तर पर, जब हम एक घर अपने सभी सदस्यों को अपने दिमाग से सोचने के काबिल बनाएंगे तो जमाना और धर्म भी अपनी रीति नीति बदल लेगा। हम ही हिम्मत नही करते है तो कोई और क्या हमसे सीखेगा।

अगर जमाना बदला है तो हमें अपने घरों के वातावरण में भी बदलाव लाना होगा, हमारे अपने हमसे अपने मन की बात कह सके हम खुद उनसे कह सके फिर क्यों कोई तनाव में रहेगा।
केवल electronic device चलाने को आधुनिक युग या मॉर्डन जमाना नही कहा जाएगा।

सभी युवा अपने घरों से #घरेलूहिंसा का अंत करें। #MissionMaanyMaang

ना बच्चों को सभ्य माहौल दे पाते हो, ना शौक़ जरूरत की चीजे देकर कहते हो कि हमनें कोई अपना मन नही मारा ये चीजें पाने का तुम्हारा हक था। पढ़ाई नहीं करा पाते हों,करा दो तो इतनी सी पढ़ाई से केवल मजदूरी ही की जा सकती है, अफसर बनने के लिए घर को अच्छा बनाने के लिए शांति से आगे पढ़ाई करनी होती है और जाने कितने समय तक करनी होती है इतनी समझ इतना धैर्य होगा आपमें? बच्चे चलते फिरते दिखते है आपको तो खुद पर घमंड करते हो देखो बच्चे और परिवार पाल रहे है हम असल में वे जिंदा नहीं होते वे बस समय को देख रहे होते है कि हर तरफ से मैं घिरा हुआ हूं तू साथ दे दे वरना सांस का अब कुछ कह नहीं सकते, बच्चों को मानसिक भावनात्मक सहारे की जरूरत होती है वे आप दिया करो उन्हें। माता पिता को परमात्मा कहा जाता है लेकिन अगर बच्चो के ये दुःख आपको समझ नही आते तो आप इंसान भी नही कहलाओगे।😔🙏 आम चीज़े जिनसे बच्चें कमाने और जीवन जीने लायक बनते है वही चीजे उतनी मात्रा में ना मिले तो इसमें उनका दोष नहीं,इन चीजों के लिए भी आपको संघर्ष करना पड़ता है तो अकेले खूब संघर्ष करते। आपकी अदूरदर्शिता,अपरिपक्वता का ही सबूत है जो इतने भी काबिल न बन पाएं इतना नही कमा पाए फिर भी बच्चो को जन्म दिया जिन बच्चो को मानसिक भावनात्मक आर्थिक किसी तरह का सहारा नही दे पाते फिर भी बच्चो को कोसना हिंसा करना ये आपकी ही नाकामी का परिचय होता है। बच्चो को बताएं ये जीवन सुंदर है,अपने विचार पैदा करो जीवन जियो और कोई भी असफलता आख़री नही होगी, तुम्हें हिम्मत रखनी होगी और हम तुम्हारे साथ है। तब बच्चे कम जरूरतों पैसों में भी निखर जायेंगे वरना बिखरेंगे जिससे आप खुद को कोसेँगे कि हम ही नहीं बन पाए अच्छे माता पिता परिवार अपने आप, अपनी जितनी समझ है उससे चल रहे है। कमाई जरूरी है लेकिन केवल कमाना ही जरूरी नहीं है। जमाना और धर्म क्या कहता है, कोई कुछ भी कहता हो लेकिन हमें अपने बच्चो का अपने घरों का जीवन अच्छा करना है सब काबिल बने अपने अपने स्तर पर, जब हम एक घर अपने सभी सदस्यों को अपने दिमाग से सोचने के काबिल बनाएंगे तो जमाना और धर्म भी अपनी रीति नीति बदल लेगा। हम ही हिम्मत नही करते है तो कोई और क्या हमसे सीखेगा। अगर जमाना बदला है तो हमें अपने घरों के वातावरण में भी बदलाव लाना होगा, हमारे अपने हमसे अपने मन की बात कह सके हम खुद उनसे कह सके फिर क्यों कोई तनाव में रहेगा। केवल electronic device चलाने को आधुनिक युग या मॉर्डन जमाना नही कहा जाएगा। सभी युवा अपने घरों से #घरेलूहिंसा का अंत करें। #MissionMaanyMaang

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Manya Parmar

बाबा साहब जैसे कई महान आत्माओं ने अपना जीवन केवल तुम आदमी को सम्मान समानता हक अधिकार दिलाने के लिए नियम कानून नही बनाएं,वे नियम कानून औरतों के भी समान है,
अफ़सोस केवल खुद का शोषण देखने का ही दिमाग चलता है तुम्हारा,
आज का ये युवा जो खुद को मॉडर्न जमाने का कहता है और अपनी बहन बेटी पर हुक्म चलता है खुद को महान मानता है😡

शर्म आती है तुम्हें मॉडर्न जमाने का युवा/भाई/पिता/पति कहते हुए हमे।🤮

अपने ही घर की बहन बेटी मां पत्नी का मानसिक शारीरिक भावनात्मक आर्थिक किसी तरह से विकास नहीं होने दिया,
नारी में

बाबा साहब जैसे कई महान आत्माओं ने अपना जीवन केवल तुम आदमी को सम्मान समानता हक अधिकार दिलाने के लिए नियम कानून नही बनाएं,वे नियम कानून औरतों के भी समान है, अफ़सोस केवल खुद का शोषण देखने का ही दिमाग चलता है तुम्हारा, आज का ये युवा जो खुद को मॉडर्न जमाने का कहता है और अपनी बहन बेटी पर हुक्म चलता है खुद को महान मानता है😡 शर्म आती है तुम्हें मॉडर्न जमाने का युवा/भाई/पिता/पति कहते हुए हमे।🤮 अपने ही घर की बहन बेटी मां पत्नी का मानसिक शारीरिक भावनात्मक आर्थिक किसी तरह से विकास नहीं होने दिया, नारी में #Shayari #घरेलूहिंसा #MissionMaanyMaang

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Manya Parmar

आज जमाना चांद मंगल पर पहुंच गया, Ai technology Robots का जमाना आ गया लेकिन औरतें अपने ही घर के आदमी से कमजोर है बुद्धि में आत्मविश्वास में आत्मनिर्भर होने में,
हां त्याग करने में शोषण सहन ने हमने उनको ज़रूर PhD कराई है,

नारी में कोई हिम्मत हौसला नहीं भरते बल्कि उन्हें और दबाकर रखते है हमारी एक आवाज एक इशारे पर उठे,बैठे उतना ही बोले,इस तरह के परिवेश में हम रखते है। बहुत ही शर्मनाक हरकत है ये हमारे आधुनिक जमाने हमारी शिक्षा और हमारे धर्म,संस्कृति के लिए।🤦

आज जो बेटियां कमाने से या अपनी बुद्धि से

आज जमाना चांद मंगल पर पहुंच गया, Ai technology Robots का जमाना आ गया लेकिन औरतें अपने ही घर के आदमी से कमजोर है बुद्धि में आत्मविश्वास में आत्मनिर्भर होने में, हां त्याग करने में शोषण सहन ने हमने उनको ज़रूर PhD कराई है, नारी में कोई हिम्मत हौसला नहीं भरते बल्कि उन्हें और दबाकर रखते है हमारी एक आवाज एक इशारे पर उठे,बैठे उतना ही बोले,इस तरह के परिवेश में हम रखते है। बहुत ही शर्मनाक हरकत है ये हमारे आधुनिक जमाने हमारी शिक्षा और हमारे धर्म,संस्कृति के लिए।🤦 आज जो बेटियां कमाने से या अपनी बुद्धि से #Motivational #घरेलूहिंसा #MissionMaanyMaang

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