सच्चा प्रेम कभी मरता नहीं है,और ना ही भुला दिया जाता है
भले ही मेहबुब कभी लौट कर ना आए,पर हमेशा ही सहेज कर रखा जाता है;
कभी किताबों के बीच रखे उन सूख चुके गुलाब के फूलों में
कभी तो,कभी न भेज पाए गए उन खतों में जिनमे अपना हृदय और हृदय का सारा प्रेम निकाल कर रख दिया गया रहा हो
कभी डायरी के उन पन्नो में,जो उनके नाम से पुरी तर बतर रंग दी गई हो
कभी टूटे हुए झुमके के रूप में,जो आज भी उन्ही के द्वारा दी हुई बुशर्ट के बाएं जेब में रखा जाता है,बिल्कुल अपने उसी हृदय के समीप
जिसमे अपनी प्रियसी को रखा हो
#Life