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anand

शब्द हूँ शृंगार का मैं पंक हूँ और क्षार सा

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anand

मुक्तक द्वय

मुक्तक द्वय #कविता

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anand

जो शैली, व्याकरण, सुगठित हो तो आनन्द आ जाये ।
हो यति, गति का अनोखा मेल कविता छंद बन जाये ।
ये वाणी;  वाग्देवी, शारदा अब मांगती तुझसे-
कि भारत के हर इक घर में विवेकानंद आ जाये ।

©anand
  #VivekanandThoughts

#VivekanandThoughts
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anand

जो शैली, व्याकरण, सुगठित हो तो आनन्द आ जाये ।
हो यति, गति का अनोखा मेल कविता छंद बन जाये ।
ये वाणी;  वाग्देवी, शारदा अब मांगती तुझसे-
कि भारत के हर इक घर में विवेकानंद आ जाये ।

©anand
  #VivekanandThoughts

#VivekanandThoughts
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anand

प्लास्टिक हटाओ,  चेत जा मानव नियति की चारुता को भंग मत कर,
मत जला अपशिष्टकारी वस्तु इस पावन धरा में ।
हम ऋचा सुत हैं हमारा कर्म है समिधा जलाना-
जो हमें शुचि प्राण देती है युवा, शैशव, जरा में ।
प्राण हर लेगी अशुभ अपशिष्टकारी गंध सबकी-
ले कुमति क्योंकर मनुज यम राह में तू बढ़ रहा है ?

©anand #NoPlastic

#Noplastic
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anand

धरा, गगन में हो रहा, मधुरिम मंजुल नेह ।
दोनों जी भर जी रहे, जब से बरसा मेह ।।

ओढ़ लिया नभ ने पुन:, कृष्ण रंग का शाल ।
नदी, वृक्ष, पर्वत सहित, आनन्दित हैं ताल ।।

©anand #OneSeason
#OneSeason
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anand

ध्वनित हुयी धरा सकल आज ध्वनियों से, 
दादुरों की बोलियाँ फुहार सरसा रही ।
उमड़ घुमड़ घन घिर आये गगन में,
ऋतु सुकुमारी बूँद-बूँद बरसा रही ।
चमक चमक चपला चमक चम चम,
रजत कतार में आमद दरसा रही ।
फूल, पात, तरु, डालियाँ हवा में झूल-झूल,
सावन के आगमन से ज्यों हरषा रही ।

©anand #OneSeason

#OneSeason
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anand

डॉक्टर्स मृत्यु अटल है तो क्या हम सब हारें जीवन दर्शन ?
भीति विदारक मंतव्यों से रचते जाएँ साधन ?
समय लिखेगा आमुख जब इस विपदा की लेखा का-
डर लगता है कहीं ऋचासुत बनें नहीं कटु प्रहसन ?
ऐसे में पर - दुख से कातर प्रथम पंक्ति जो आये-
धन्य चिकित्सक वर्ग महामारी के बनते रोधक ।
भुञ्जीथा त्यक्तेन सूक्ति के तुम्ही अटल उद्बोधक ।

©anand गीतांश

#DearDoctors

गीतांश #DearDoctors #कविता

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anand

मेहनत में सच्चाई हो

#waiting

मेहनत में सच्चाई हो #waiting #कविता

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anand

#Jitnidafa 

#Jitnidafa
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anand

मैं तुमसे अलग नहीं
तुम्हारा ही पर्यायवाची हूँ
मुझे नहीं है शौक
तुम्हें रोकने व टोकने का
बस एक अदद सुरक्षा के लिये
लगा रहता हूँ तुम्हारे पीछे
माँ की तरह, निर्लिप्त, निष्कलुष होकर ।

#Twowords

©anand #Twowords
#Twowords
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