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anilvidyadhikary8575
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Anil Vidyadhikary

Research scholar at Jnu

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Anil Vidyadhikary

मैं शज़र डाल का शुभ्र अधखिला फूल
चमन में प्रीति लिए आया हूँ
अमर राग का सजल धवल प्रतिरूप
पटल का रूप लिए आया हूँ
काँटो में रहन-सहन मेरा झुरमुटों से पक्की यारी है
हैं साथ-साथ हम पले बढ़े पत्तियों से रिश्तेदारी है
शुचि आब हवा में सिहर सिहर
दिशि शुद्ध बन गया मधु पीकर
नभ में जलरव की धूलि निरख
कलि पुष्प बन गया हिम पीकर
पावस निसीथ की रातों में मलयज को रोज जना मैंने
अरुणिम प्रभात की वेला में नव रेणु-पराग सना मैंने
मैं शुद्ध सहज अभिभूत अमन का गीति लिए आया हूँ
साथ मधुर संगीत लिए आया हूँ......................
                                                -   अनिल विद्याधिकारी
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Anil Vidyadhikary

Fathes's day

Fathes's day

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Anil Vidyadhikary

 बहुत धूप है भाई!.....

बहुत धूप है भाई!..... #कविता

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Anil Vidyadhikary

मुकुलित

मुकुलित

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Anil Vidyadhikary

एक भी साँस अलग नहीं लेनी

एक भी साँस अलग नहीं लेनी #nojotovideo

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Anil Vidyadhikary

हर ख्वाब को.........
इक साँस में गढ़ देती है
ये माँ है
हर बात को पढ़ लेती है
इसके सिलेबस में
कोई अक्षर नहीं हैं
और न ही कोई
भाषा के पैमाने
इक निगाह अगर फेर दे
तो हर जज़्बात को
पढ़ लेती है
ये माँ है
हर औकात से लड़ लेती है। Happy Mother's day

Happy Mother's day

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Anil Vidyadhikary

ऊँची इमारतों!
मेरा एक कलाम याद रखना,
उठो आसमान में जितना भी
पर अपनी जमीं का ख़याल रखना।
______
अनिल विद्याधिकारी क़लाम

क़लाम

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Anil Vidyadhikary

 That's true lins

That's true lins

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Anil Vidyadhikary

फिर खिलेंगे फूल तेरे शाखों पर
रंगतें फिर से आएँगी
फिर सजेंगीं ओस की नन्हीं जलबून्दें
तेरे वीरान झुरमुटों पर
रंगीन कलियाँ फिर से मुस्कुराएँगी
फिर सजेगी महफ़िलें चबूतरों पर तेरे
अट्टहासें फिर से खिलखिलाएँगी
उठ मुसाफिर उठ ! वो पतझड़ो का दौर था
बहारें फिर से आएँगी...................

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Anil Vidyadhikary

दिल में दरिया हो अगर इश्क का
तो आवाजें यों ही नम हो जाती हैं,
मोहब्बत की बातें
कभी ऊँची आवाज में नहीं होतीं।

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