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बाबा अनिकेत

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बाबा अनिकेत

मैं फ़िर से एक नई प्रेमकहानी लिखना चाहता हू ,
अब अधूरी नहीं , पूरी कहानी लिखना चाहता हू ,
अब फिरसे मैं अपने ज़िन्दगी को सपनो के रंग से भरना चाहता हू ,
उसके माथे को अपने नाम के सिंधुर से सजाना चाहता हू ,
मेरे साथ मेरे परिवार का उसको हिस्सा बनाना चाहता हू ,
हा , मैं तुम्हारा सुहाग बनाना चाहता हू,
अब मेरी बची ज़िन्दगी के सफ़र को, 
मैं तुम्हारा हमसफ़र बनके गुजारना चाहता हू ,
हा मैं तुम्हारे साथ मेरी आखरी सांस जीना चाहता हू,
हा ,मैं फ़िर एक नई प्रेम कहानी लिखना चाहता हू !!!!
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बाबा अनिकेत

बहोत होगयीं तुझसे बात करने की नाकामयाब कोशिशे , आज से ना कोई बात होंगी , ना कोई मुलाक़ात होंगी , होंगी तो सिर्फ़ ख़ामोशी अपनेआपसे मरते दम तक !
 #NojotoQuote हमारी अधुरी कहाणी  Sagar B Bhandare

हमारी अधुरी कहाणी Sagar B Bhandare

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बाबा अनिकेत

पावलं उचलली तरच प्रवास सुरु होतो...

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बाबा अनिकेत

वास्ता हमसे, पहले से ही वो, कम रखते हैं...
वो हम ही हैं, जो मोहब्बत का भ्रम रखते हैं..

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बाबा अनिकेत









झूटीही सही पर ,तारीफ़ तो सभी करते हैं , किन्तु उस तारीफ़ से ज्यादा उस मासूम ने सच्चे दिल सी दी गाली हमें बड़ी प्यारी है !
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बाबा अनिकेत

गरीब इधर गरीबी के वजह से भूका सो रहा हैं , और अमीर डाइट के चक्कर मैं  , फर्क सिर्फ इतना है साहब , गरीब को खाना  नही मिल रहा , और अमीर को मिल के भी खा नहीं पा रहा ।
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बाबा अनिकेत

Fool तो उसी दिन बन गये थे , जब वो हम से गुलाब लेकर , किसी और को गुलकंद खिला रही थी , 
बाकी  April fool वैगरे अंधश्रद्धा आहे .
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बाबा अनिकेत

तकलीफ ना तेरे आने की है , ना तकलीफ तेरे जाने की हैं , तकलीफ तो तूने बड़ी शिद्दत के साथ मुझे ठुकराणे की हैं !
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बाबा अनिकेत

हर दिन कोई ना कोई पूछता है, के तुम आज कल करते क्या हो , मैं हर रोज अंदर ही अंदर मरता हु , बस जहि जवाब का इंतज़ार वो करते है, औऱ मैं हँसकर केहता हु खुशी से अपने लिए जीता हु , और अपनी दिल की सुनता हूँ !
(बाबा अनिकेत)
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बाबा अनिकेत

आज न जाने क्यों बस रोने का मन कर रहा हैं , न जाने क्यों emotional  गाने के लफ्ज़ो पे गोर फ़र्नामे का दिल कर रहा है , न जाने क्यों बीती हुवी यादों को सीने से लगा ने को मन कर रहा है , न जाने क्यों ना सोच कर भी सोच ने को मन कर रहा हैं, न जाने क्यों इस धड़कते हुवे दिल को रोक ने को मन कर रहा है , 
न जाने क्यों !
(बाबा अनिकेत)
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