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chandrakantdubey5581
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Chandrakant DUbey

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Chandrakant DUbey

शु-प्रभात
🙏🌷🙏

©Chandrakant DUbey #lविचार
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Chandrakant DUbey

सुविचार💐
💐💐
न चौर्यहार्यं न च राजहार्यं न भ्रातृभाज्यं न च भारकारि।
व्यये कृते वर्धत व नित्यं विद्याधनं सर्वधनप्रधानम।।
भावार्थ:
न चोर चुरा सकता है, न राजा ले सकता है, न भाई बांट सकता है, न कंधे पर बोझ है, खर्च करने पर यह हमेशा बढ़ता है, ऐसी शिक्षा सभी धन में प्रमुख है।

©Chandrakant DUbey #विचार

विचार

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Chandrakant DUbey

लौह पुरुष जयंती
पर उन्हें कोटिश नमन
💐💐💐
भारत माँ के सच्चे सपूत थे,तुम
राष्ट्र हित सर्वोपरि रखने बाले
वीर थे तुम।
सैकड़ो रियासतों में बटे भारत 
को एकता के सूत्र में बांध दिया।
सही अर्थों में भारत को गणतंत्र
तुम ने बना दिया।
पराधीन भारत से स्वाधीन भारत
तक तुम्हारा संघर्ष जारी रहा।
तभी तो तुम्हें लौह पुरूष कहा गया।।

चन्द्रकान्त दुबे💐

©Chandrakant DUbey #Iकविता
#लौहपुरुष_जयंती
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Chandrakant DUbey

💐इंसान क्या है?

💐गर इंसान यह समझ ले,
तो वह धरती ,आसमां  और
 समंदर को भी समेट सकता है,💐

💐पर्वतों को जीत कर 
नदियों को मोड़ सकता है,💐

💐समझ ले बस एक बार खुद को,
तो वह दुनिया जीत सकता है।💐

                      (चन्द्रकान्त दुबे)

©Chandrakant DUbey #alone #कविता

alone कविता

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Chandrakant DUbey

आयुर्वेद के देवता,श्री विष्णु के अंशावतार
भगवान धन्वंतरि जयंती की
सभी मित्रों को 
🙏🌷हार्दिक शुभकामनाएं🌷🙏
ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतरये
अमृतकलशहस्ताय सर्वभयविनाशाय सर्वरोगनिवारणाय
त्रैलोक्यपतये त्रैलोक्यनिधये श्रीमहाविष्णुस्वरूपाय
श्रीधन्वंतरीस्वरूपाय श्री श्री श्री औषधचक्राय नारायणाय नमः॥

©Chandrakant DUbey #touch #विचार

touch विचार

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Chandrakant DUbey

भारत की राजनीति
भृष्टाचार का पर्याय बन गयी है
यहाँ हर प्रदेश व हर जिले में
राजनीति मुनाफे के व्यापार के
रूप में पल रही।
किसी के चेहरे का नकाब उड़ गया है
किसी के चेहरे का नकाब उड़ना बाकी है।
चोर सब है,बस पकड़ना भर बाकी है
दुर्भाग्य देखिए देश का
लाखों में एक दो पकड़े जाते है,
और हम भृष्ट व्यवस्था का अंत समझ कर
बेबजह ताडिया बजाते है।

चंद्रकांत दुबे

©Chandrakant DUbey #कविता 

#Save

कविता Save

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Chandrakant DUbey

क्यो चाँद
 आसमाँ में आता है
क्यो तारे
 झिलमिलाते है।
जब अंधेरो से 
हारना ही है,तो
क्यों आसमान पर
छाते है
इन से तो बेहतर
सूरज है
जिस की आहट से
अँधेरा डरता है
आने के पहले ही
भागने पर
मजबूर होता है

चंद्रकांत दुबे💐

©Chandrakant DUbey #कविता 

#Save

कविता Save

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Chandrakant DUbey

दर्द तुम्हे होता है,तो
आह यहाँ निकलती है,
खुश तुम होते हो,
तो मुस्कान यहाँ होंठो पर
बिखरती है।

जिंदगी तुम से ऐसी जुड़ी
कि सिर्फ तुम्हे सोचती है,
दुनिया के तमाम नातो, को
अब भूलने को कहती है।

मैंने भी कह दिया है,जिंदगी से
कि अब तू मेरी नही,
मेरी जान की अमानत है,
साथ देना तू, उस का जब तक
कि तू जिंदा है।

चंद्रकांत दुबे💐

©Chandrakant DUbey #कविता 

#Shadow

कविता Shadow

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Chandrakant DUbey

💐शु-प्रभात💐
वनानि दहतो वन्हेस्सखा भवति मारूत: |

स एव दीपनाशाय कृशे कस्यास्ति सौहॄदम् ||

When a fire is burning a forest, wind becomes its friend. The same wind extinguishes a small flame. Who holds friendship with the weak? 

जब आग जंगल को जलाती है, तो हवा उसकी दोस्त बन जाती है। वही हवा एक छोटी सी लौ को बुझा देती है। कमजोर से दोस्ती कौन करता है?

©Chandrakant DUbey #विचार 
#Shadow

विचार Shadow

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Chandrakant DUbey

एकेन अपि सुपुत्रेण सिंही स्वपिति निर्भयम् | सह एव दशभि: पुत्रै: भारं वहति गर्दभी ||

सिंहनी को एक ही संतान भी है तो भी वह आराम करती है। क्योंकी उसकी संतान उसे भोजन लाकर देती है। परन्तु गधी को दस बच्चे होने पर भी स्वयं भार का वहन करना पडता है। अत: गुणवान आज्ञाकारी संस्कारित ज्ञानी एक ही संतान कुल का नाम रोशन कर देती है वही अधिक संतान क्लेश विवाद का कारण बन जीवन में अशांति का कारण बन जाती है।

©Chandrakant DUbey #विचार 

#Ray

विचार Ray

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