Nojoto: Largest Storytelling Platform
shubham5330
  • 43Stories
  • 27Followers
  • 312Love
    46Views

shubham

  • Popular
  • Latest
  • Repost
  • Video
e507a8bfcf6e1b330245f892ddd1c257

shubham

छोटे छोटे बचे स्कूल जा रहे,
हमें घर में बैठा के रखा है,
क्या हम इंजीनियरिंग के बच्चों से समझदार,
ये छोटा बच्चा है।

©shubham

6 Love

e507a8bfcf6e1b330245f892ddd1c257

shubham

#5LinePoetry निम्बू की गोदभराई पर प्रकृति की सौगात

©shubham
e507a8bfcf6e1b330245f892ddd1c257

shubham

मंगल पांडेय शहीद दिवस
भाग 2
फिर क्या हुआ :

अमंगल होता देश का,
मंगल न देख पाया,
बैरकपुर में चली गोली से,
था अंग्रेजी सिंहासन थर्राया।

बैरकपुर में चली गोली ने अंग्रेज़ी सरकार की विनाश की पटकथा लिखनी प्रारंभ कर दी थी।

प्रज्जवलित हुई आज़ादी की बलिबेदी,
मंगल ने अपना प्राण आहूत किया,
राष्ट्रहित हेतु वीरों ने,
अपना सर्वस्व था सौंप दिया।

आज़ादी अनमोल है।हमें प्राणपण इसकी रक्षा करनी चाहिए।

©shubham #MangalPandey #Deshbhakti
e507a8bfcf6e1b330245f892ddd1c257

shubham

मंगल पांडेय शहीद दिवस
भाग 1
हालात कैसे थे देश के जब मंगल पाण्डे का जन्म हुआ था:

आतताइयों का अत्याचार था,
आम आदमी लाचार था,
श्वेत सर्पों के द्वारा,
होता माँ भारती पर वार था।

ऐसी स्थिति आई कैसे,कैसे हुआ देश का इतना बुरा हाल:

कपटी के कपट से,था भोला भारतीय छला गया,
परिस्थितियों के कुठाराघात से,
भारतीय शौर्य था सुप्तावस्था में चल गया।

©shubham #MangalPandey
e507a8bfcf6e1b330245f892ddd1c257

shubham

जय भावनी ,जय शिवाजी #shivajimaharaj

जय भावनी ,जय शिवाजी #shivajimaharaj

37 Views

e507a8bfcf6e1b330245f892ddd1c257

shubham

57 Views

e507a8bfcf6e1b330245f892ddd1c257

shubham

जो कह रहे कि लाल किले पर झंडे को अपमानित करने वाले,
नहीं हैं किसान ,
आन्दोलन पर जो बैठे हैं,
उनके किसान होने का का क्या है प्रमाण ?

©shubham #farmersprotest
e507a8bfcf6e1b330245f892ddd1c257

shubham

कल मैंने अपने गांव के अनपढ़ बुज़ुर्ग से पूछा,
"बाबा आपके हिसाब से देशभक्ति क्या है "
उन्होंने कहा
"ये सब तो मुझे नहीं पता बेटा पर हमें अपना हर काम ईमानदारी और मन लगाकर करना चाहिए।"
मुझे ये सुन कर लगा
देशभक्ति की इस से अच्छी परिभाषा हो ही नहीं सकती।

©shubham #देशभक्ति
e507a8bfcf6e1b330245f892ddd1c257

shubham

दिवाली पर जानवरों के दर्द से,
हृदय तुम्हारा जाता कांप,
और जब वही जानवर काटे जाते,
तुम्हें क्यों सूंघ जाता है सांप।
हिन्दू पर्वों की महानता तुम्हें दुखती नहीं,
तुम ढूंढते हो कि मिले कमी कहीं,
और फिर तुम वो कमी दिखाते हो,
जो असल में है ही नहीं।
पर्वों के महान संदेश को छोड़,
तुम कमी ढूंढने लग जाते हो,
और जहां पहाड़ है बुराई का,
वहाँ शुतुरमुर्ग बन धरती में मुँह छिपा लेते हो।
तुम्हारे द्वारा की गई बुराई नहीं,
तुम्हारा भेदभाव क्रोध का कारक है,
और अगर हिन्दू हो कर करते हो ऐसे,
ये बात नहीं बर्दाश्त के लायक है।
त्योहार हमारा हम कैसे मनाएंगे,
ये बताने बाले तुम होते हो कौन,
उनकी गलती को भी गलत कहो,
या फिर धारण कर लो मौन।
हम प्रभु राम के वंशज हैं,
हमें आती है समुद्र वंदना,
पर हम नहीं भूले हैं,
घमंडी सिंधु का मान मर्दन करना।
शुभम

©shubham #Diwali
e507a8bfcf6e1b330245f892ddd1c257

shubham

एक माँ निकली थी घर से अपने,
भोजन की तलाश में,
इंसानों की बस्ती में जा पहुंची,
दया की आस में।
अंदाज़ा नहीं था उस हथनी को,
वो जा पहुंची है दरिंदो की बस्ती में,
वेबसों की जान ले लेते हैं,
वो हत्यारे अपनी मस्ती में।
काँप जाता है हृदय उस दर्द की कल्पना से,
जो झेला होगा उस बेजुबान ने,
हैवानियत की सारी सीमाएं,
लाँघ दी इंसान ने।
बिना जन्में ही मौत की सज़ा,
दी उस बेगुनाह को,
क्या मानवता झेल पाएगी,
उस अजन्मे की आह को।
              Shubham #RIPHUMANITY
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile