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Diwan

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अच्छा किस किस ने मण्डप के बाद अपनी पत्नी की मांग में सिंदूर भरा है । कभी महसूस किया है जब आपने पहली बार  पत्नी की मांग में सिंदूर भरा था उस वक़्त उन्होंने क्या महसूस किया था । एक लड़की का सपना होता है कि जो उसकी मांग भरेगा वो सबसे प्यारा होगा क्योंकि महसूस करेगा जब पहली दफा उसकी मांग वो सिंदूर भरेगा । कुछ तो ऐसे भी होते हैं एक बार मण्डप में सिंदूर लगाने के बाद फिर कभी सिंदूर नही लगते है ऐसा क्यों ? जो हमारे उठने से पहले उठकर सारे काम करती है हमारे सोने के बाद सोती है हम उसके लिए इतना भी नही कर सकते है । हम उसके लिए सोने-चाँदी के आभूषण खरीदते है फ़िल्म देखने जाते है घूमने जाते है और ना जाने उपहार में क्या क्या चीजे देते है । बंगला, गाड़ी, दौलत, शोहरत ये सब जिंदगी को चलाने के काम आ सकते है लेकिन सुकून और तृप्ति नही दे सकते है ।

हमने कितनी बार झुक कर उनके पैरों में पायल बाँधी है कितनी बार पैरो के बिछुआ ठीक किये है कितनी बार उनके सजने में मदद की है कितनी बार उनके क्या पहनू का जबाब दिया है ?  कितनी बार उनके बाल सवारने में मदद की है अरे हम तो यहाँ तक भूल जाते है कि उसने आखिरी बार जुड़े में गजरा कब लगाया था कितनी बार उसके सजने के बाद उसके सिर पर पल्लू रखा है। ये खुशियाँ है जो किसी बाजार में नही मिलती इनका कोई मोल नही होता है । ये मोके होते है जिन्हें भुनाया जाता है । बाजार से खरीदी हुई चीज से हम घर सजा सकते है लेकिन अपनी साथी के साथ किये हुए छोटे छोटे लम्हो से हम अपनी जिंदगी सजाते है । एक बार करके देखिये क्या पता आपकी और उनकी जिंदगी में खुशियो की एक नई बहार आये ।

हम इर्ष्या करते है उनसे, जो हमसे गरीब है जैसे हमारे घर मे काम करने वाली हो या हमारा कोई मित्र हो । वो हमारे बराबर अमीर भी नही हमारी जैसी जिंदगी भी नही है फिर भी हमसे ज्यादा खुश कैसे ? उनके पास हमारे जितना भी नही होता है लेकिन उनके पास प्यार भरे लम्हे होते है जो बनाते भी है और उन्हें सजाते भी है । ये भी सच है कि रुपया पैसा रुतवा भी जरूरी है लेकिन जिंदगी  गुजरने के लिए और जिंदगी जीने के लिए इन जैसे अनेको अनेक लम्हे । हमे उन्हें भी वक्त देना बनता है जो हमारे आने पर अपना वक़्त भूल जाती है । उनके भी लम्हे खास बनाइये जो आपके हर लम्हे में एक नया रंग भरती है ।।

Diwan #footsteps
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उसे कभी ये जाहिर नही होने दिया की वो पसन्द है मुझे । उससे बहुत बाते होने लगी । लगता था कि वो परेशान है अपनी जिंदगी को लेकर नही अपने प्यार को लेकर । उसके प्यार ने उसे वक्त देना कम कर दिया था । जो लड़की अपने प्यार को इतना महत्त्व देने लगे की उसी की पसन्द का हर काम करे उससे पूछे बगैर कोई भी काम ना करे और वो ही उसे नजरअंदाज करना शुरू कर दे तो क्या गुजरती है मैं समझता था उसकी भावनाओं को वो क्या सोचती थी क्या चाहती थी । वो इस विशाल गगन में उड़ने वाली इक नन्ही सी जान थी ।

हम केरल बहुत घूमे मैं वही वही जाता था जहाँ जहाँ वो जाती थी । वहाँ से आने के कुछ दिन बाद फेसबुक पर एक नोटिफिकेशन आयी फ्रेंड रिक्वेस्ट की शुरू में यकीन नही हुआ की ये वो ही हैं या उसके नाम की कोई और । मैंने बात की तो वो ही थी । तीन साल के इंतजार का ऐसा भी कुछ मिलेगा सोचा न था । मैंने उससे दसवे दिन की सुबह 9:30 बजे तक बात की उसके बाद ना उसने कभी मुझसे बात की और नही मैंने उससे बात की । उसी दिन दीवाली थी और हम बर्बाद भी उसी दिन हुए थे । दिल भी उसी पर आया और उसी पर रह गया । अगले महीने से मेरे पेपर थे नतीजा ये हुआ की मैं पाँच विषय मे फेल हो गया । क्योंकि !

                 हम  बर्बाद  भी  उस  दिन  हुए
                  जिस दिन सारी दुनिया ने जशन मनाया ।।

मैंने खुदको उस वक्त में ऐसा सम्भाला की मैं आज तक नही टूटा । अगले सेमेस्टर में आठ विषय के साथ मैंने पाँच फेल के विषय भी पास कर लिए । पढ़ाई मैंने उतने ही साल में पूरी की जितने साल में उसे पूरा होना चाहिए था । Five Back in a Semester

Five Back in a Semester #कहानी

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हम बर्बाद भी उस दिन हुए
जिस दिन सारी दुनिया ने जशन मनाया

तीन साल, कितना लम्बा वक्त होता है जब तुम किसी को चाहते हो और उससे बात करने की उसके साथ वक्त बिताने की पुरजोर कोशिश करते हो । यही इतना ही वक्त गुजरा था पहली बार देखने से लेकर पहली बार मिलने में । मिला तो जाने कितने ही दफे था उससे । लेकिन उसके साथ घूमने का आनन्द कुछ और ही था । जब पहली बार देखा था तो उस पगली की आँखों मे आँसु थे । दर्द के नही प्याज के मुझे पहले हँसी आयी लेकिन बाद में एहसास हुआ निकलते तो तेरे भी हैं । उस पर हँसने से अच्छा है क्युँ ना तु खुद पर हसे । फिर ऐसे ही जाने कितने मौके आये जब उससे मिला और मिलता रहा । 

उसके साथ घूमने का मौका मिला । वो भी अपने दोस्तों के साथ घूमने जा रही थी । मैं उसे देख कर समझ नही पाया ये इत्तेफाक है या कोई साजिश लेकिन जो भी था छः दिन रेल के और आठ दिन केरल में उसके साथ घूमने का मौका मिल गया था । जो तीन साल इंतजार लम्बे अंतराल के बाद मिला था ।  हाँ ये वक्त हसीन था जिसे अकेले घूमने का शोक हो जो किसी के साथ भी कही भी जाना पसन्द ना हो उसे ये साथ भा गया था । वो जो तीन साल के लम्बे इंतजार के बाद था । उससे बाते की तो पता चला की वो किसी और को पसंद करती है अपितु बहुत पसन्द करती है । उससे कहाँ की अलग होने के लिए तैयार रहो इस पर वो बिफर गयी नाराज हो गयी लेकिन आगे चलकर ये बात सच साबित हुई । इतने दिनों में हम एक अच्छे दोस्त बन गए थे  । Five Back In A Semester

Five Back In A Semester #कहानी

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आज तुम्हे गए हुए ग्यारह साल हो गए । औऱ ये साल बढ़ते ही जायेंगे । मैं आज भी तुम्हारा आँचल ढूंढता हूँ । आज भी वही बच्चा हूँ जो तुम्हारे पास सोता था और हर रोज इंतजार करता था कि तुम बोलके उठाओगी की उठ जा बच्चे सुबहा हो गयी । अब ना तो वो सुबह आती है ना ही कोई उठाता है ।
मैं अभी भी उस दिन को याद करके सहम जाता हूँ जब मुझे बुआ जी ने बताया की माँ तो गयी तेरी दादी माँ गयी । मानो सब कुछ खत्म हो गया । लगा की अब क्या होगा कैसे रहुँगा और मैं आज तक यही सोचता हूँ की शायद वो सपना होता लेकिन अब यकीन होने लगा है ये हकीकत है सब सच है । कैसे भागा भागा बड़के के ट्यूशन गया था । जब सोचता हूँ तो वो सारा मंजर आखो के आगे से एक फिल्म सी चल जाती है । उस बच्चे का मासूम सा चहरा सामने आ जाता है । कैसे हम सब तुमको लेकर गए थे दिल्ली से मेरठ से घर और आज भी मैं कपिल भईया की हिम्मत को दात देता हूँ जो गाड़ी चला कर लेकर गए । 

शनिवार में तुम गयी रविवार को तुम्हे पंचतत्वो में वलीन किया फिर सोमवार को आकर अंग्रेजी का पेपर दिया । और यही कारण है कि मैं किसी काम की कोई खुशी नही मानता होली दीवाली नही मनाता । सोचता हुँ की जब तुमसे किया वादा पूरा कर लूंगा तब सोचूंगा ।
जब कोई मन की बाते कहने को नही मिला तो लिखना शुरू कर दिया । लेकिन आज तक वो नही लिख पाया जो लिखने के लिए शुरू किया है । कभी कभी लिख भी देता हूँ । मैंने पहले कविता तुम्हारे लिए लिखी थी 'बूढ़ी अम्मा' ।

बहुत सारा प्यार दादी माँ , बहुत सारा प्यार बूढ़ी अम्मा । Dadi Maa
I'm NoT RiGhT GooD jUst RelExcEs tHe HeArT
A One TRy nD SoMe mIstAkEs
#Diwan #Dadi_maa

Dadi Maa I'm NoT RiGhT GooD jUst RelExcEs tHe HeArT A One TRy nD SoMe mIstAkEs #Diwan #Dadi_maa


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