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jitendrajit5665
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jitendra jit

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jitendra jit

आपका घर हो या आपका दिल,
जो लोग जाने...... के बहाने ढूंढ रहे हो

उन्हें,........ दरवाजे तक छोड़ कर आना
चाहिए...... Eisha  mahi MONIKA SINGH Kriteeka Sah🖤 deepshi bhadauria  Zarna dayma

Eisha mahi MONIKA SINGH Kriteeka Sah🖤 deepshi bhadauria Zarna dayma

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jitendra jit

tea quotes  शनिवार और रविवार
एक प्रेमी युगल की 
तरह लगते है मुझको
शनिवार पुरुष है
 थोड़ा अक्कड़ है
रविवार स्त्री है
इसलिए सुकून है Eisha  mahi MONIKA SINGH Kriteeka Sah🖤 pooja negi# Zarna dayma

Eisha mahi MONIKA SINGH Kriteeka Sah🖤 pooja negi# Zarna dayma

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jitendra jit

मै हफ्ते के छठे दिन जैसा हूं
सालो से शनिवार में बैठा हूं
मेरा इतवार बहुत दूर है मुझसे
मै उसी के इंतजार में बैठा हूं # Saturday Eisha  mahi MONIKA SINGH Kriteeka Sah🖤 deepshi bhadauria  Zarna dayma

# Saturday Eisha mahi MONIKA SINGH Kriteeka Sah🖤 deepshi bhadauria Zarna dayma #अनुभव

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jitendra jit

रिश्ते तो हमेशा से ही खूबसरत होते है
दाग़ तो उसमे उम्मीद लगाती है # Eisha mahi Kriteeka Sah🖤 pooja negi# Zarna dayma Suman Zaniyan

# Eisha mahi Kriteeka Sah🖤 pooja negi# Zarna dayma Suman Zaniyan

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jitendra jit

रात के काले धब्बे लेकर चांद मुझे यु लगता है ।
जैसे रुई के फाहे से काजल तुने अभी मिटाया हो ।।
ps

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jitendra jit

न जाने कहां से इतने ख्वाबों की तादात आती है
वो क्या है ना। घर बैठे बैठे तुम्हारी ज्यादा याद आती है
ps

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jitendra jit

कुछ ऐसा जादू हो जाए और अक्सर रातो में हो
ओसं की बूंद में सिमटी हो तुम और मेरे हाथ में हो
ps

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jitendra jit

वो सारे पल स्वयं के निकट रखे है
तुम्हारे सारे रूप मैंने रट कर रखे है
एक तुम हो कि चौबीस घंटो में से
मेरे लिए पाच मिनट ही रखे है 
ps

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jitendra jit

तुमसे कहते हुए भी .............
ज़िंदगी में तुम्हरे रहते हुए भी नहीं कहा मैंने
किसी जज्बात में बहते हुए नहीं कहा मैंने
मुझे लगा तुम उसे तो समझ तो गयी होगी
कभी जो तुमसे कहते हुए भी नहीं कहा मैंने

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jitendra jit

रात को सिलवटों पर फैले हुए
ओस के फूल भी चुन लेता हू
तुम तबसुस्म से बोल देती हो
मैं निग़ाहों से सुन लेता हू
ps

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