ध्याता केवल ध्येय लक्ष्य को
पुरुषार्थ एवं धैर्य से
ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर।
व्यर्थ शब्द वाद विवाद और समय गवांने से नहीं,
अर्थपूर्ण क्रिया का प्रभाव से अंधकार की नहीं खैर।। #कविता
आओ, इतिहास संस्कृति भारत के, गाकर हम सुना रहें..
इक्ष्वाकु वंश के क्षत्रिय सूर्यवंशी क्षत्रिय कहलाते हैं।
राजपूताना अमर अखंडित रहने के खातिर, ज्योति एक जलाते हैं।
कुल वंश खंडन छोड़ कर, क्षत्रिय राजपूत कहलाते हैं।
#कविता
Thakur Rajesh Singh
मन में दिव्य प्रकाश हो सबका संपुट विकास हो!
ए नादान स्वार्थ में जीने वाले तू अब तक प्रकृति के कानून से अज्ञात हो!
सब जाना है तूझे छोड़कर फिर सत्य से तू क्यों फिरता है मुँह मोड़कर !
सत्य राह पर स्वयं चलकर बना दे उस चिंह को !
करोड़ों तर जाएं यदि चले उस राह पर स्वयं को जोड़कर !! #कविता
Thakur Rajesh Singh
Dedicated to my friend, Sri Alok Ranjan Munsif, judiciary,Bihar.
बड़ी मेहनत से बनती है यह पहचान
जीवन के संघर्ष में व्यक्तिगत सुख को रौंदता
उभरता नया चरित्र का सामाजिक पहचान
छोटे बड़े न जाने कितने छूटे अरमान
रिश्ते नाते अपने पराये
रहें हम सदा अनजान #कविता
Thakur Rajesh Singh
महाराणा प्रताप की जन्म जयंती पर ढेर सारी शुभकामनाएं #समाज