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Thakur Rajesh Singh

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Thakur Rajesh Singh

ध्याता केवल ध्येय लक्ष्य को
 पुरुषार्थ एवं धैर्य से
 ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर।
व्यर्थ शब्द वाद विवाद और समय गवांने से नहीं,
अर्थपूर्ण क्रिया का प्रभाव से अंधकार की नहीं खैर।।

©Thakur Rajesh Singh ध्याता केवल ध्येय लक्ष्य को
 पुरुषार्थ एवं धैर्य से
 ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर।
व्यर्थ शब्द वाद विवाद और समय गवांने से नहीं,
अर्थपूर्ण क्रिया का प्रभाव से अंधकार की नहीं खैर।।

ध्याता केवल ध्येय लक्ष्य को पुरुषार्थ एवं धैर्य से ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर। व्यर्थ शब्द वाद विवाद और समय गवांने से नहीं, अर्थपूर्ण क्रिया का प्रभाव से अंधकार की नहीं खैर।। #कविता

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Thakur Rajesh Singh

#PMOIndiaदेश में जातीये आरक्षण को खत्म करने का मांग करता हूं।

#PMOIndiaदेश में जातीये आरक्षण को खत्म करने का मांग करता हूं। #विचार

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Thakur Rajesh Singh

आओ, इतिहास संस्कृति भारत के, गाकर हम सुना रहें..

 इक्ष्वाकु वंश के क्षत्रिय सूर्यवंशी क्षत्रिय कहलाते हैं।

राजपूताना अमर अखंडित रहने के खातिर, ज्योति एक जलाते हैं।

कुल वंश खंडन छोड़ कर, क्षत्रिय राजपूत कहलाते हैं।

एक भरतवंश के राजपूत हैं चंद्रवंशी क्षत्रिय कहलाते हैं।

राजपूताना के अमर अखंडित रहने के ख़ातिर, अखंड ज्योति एक जलाते हैं।

कुल वंश खंडन छोड़कर हम क्षत्रिय राजपूत कहलाते हैं।

वर्ण व्यवस्था के प्रवर्तक को, अब जाति गुटों में बांट दिया।

अंग्रेजी शासन के कानूनों ने, कर्म से जाति छोड़कर और जन्म से जाति है जोड़ दिया।

गीता के उपदेशों को तराजू समक्ष तो तोल दिया,
पर समानता प्रजातंत्र को केवल कागज में छोड़ दिया।

जन-जन रक्षक क्षत्रिय को हिंसक लड़ाकू शब्द से जोड़ दिया।

पर कर्म से वर्ण में परिवर्तन करने वालों को जन्म से जाति वर्गों में तोड़ दिया।

क्षत्रिय इतिहास भूगोल सांस्कृतिक को परंपराओं और पर्वो के मध्य छोड़ दिया।

भारतीय आदर्श दर्शन सिद्धांत को पाश्चात्य शिक्षा से विनाश के रास्ते मोड़ दिया है।

युद्ध लड़ें हम मरें हमने रियासत भी दान किये, प्रजा जातियों के खातिर अपने को नुकसान किए।

 त्याग और बलिदान रक्त हैं इसका क्यों न स्वाभिमान करें ।

नष्ट हो रही अस्मिता बचा लो,भारत के हे नायक क्षत्रिय रक्त,

 क्षत्रिय तुम क्षात्र धर्म उच्च कुलीन संस्कृति का पुनः संचार करो, कर्म आधारित वर्ण को लाकर मानव का उद्धार करो .......
रक्त क्षत्रिय राजपूत जय क्षात्र धर्म

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©Thakur Rajesh Singh आओ, इतिहास संस्कृति भारत के, गाकर हम सुना रहें..

 इक्ष्वाकु वंश के क्षत्रिय सूर्यवंशी क्षत्रिय कहलाते हैं।

राजपूताना अमर अखंडित रहने के खातिर, ज्योति एक जलाते हैं।

कुल वंश खंडन छोड़ कर, क्षत्रिय राजपूत कहलाते हैं।

आओ, इतिहास संस्कृति भारत के, गाकर हम सुना रहें.. इक्ष्वाकु वंश के क्षत्रिय सूर्यवंशी क्षत्रिय कहलाते हैं। राजपूताना अमर अखंडित रहने के खातिर, ज्योति एक जलाते हैं। कुल वंश खंडन छोड़ कर, क्षत्रिय राजपूत कहलाते हैं। #कविता

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Thakur Rajesh Singh

मन में दिव्य प्रकाश हो सबका संपुट विकास हो!
 ए नादान स्वार्थ में जीने वाले तू अब तक प्रकृति के कानून से अज्ञात हो!
 सब जाना है तूझे छोड़कर फिर सत्य से तू क्यों फिरता है मुँह मोड़कर !
सत्य राह पर स्वयं चलकर बना दे उस चिंह को !
 करोड़ों तर जाएं यदि चले उस राह पर स्वयं को जोड़कर !!

©Thakur Rajesh Singh मन में दिव्य प्रकाश हो सबका संपुट विकास हो!
 ए नादान स्वार्थ में जीने वाले तू अब तक प्रकृति के कानून से अज्ञात हो!
 सब जाना है तूझे छोड़कर फिर सत्य से तू क्यों फिरता है मुँह मोड़कर !
सत्य राह पर स्वयं चलकर बना दे उस चिंह को !
 करोड़ों तर जाएं यदि चले उस राह पर स्वयं को जोड़कर !!

मन में दिव्य प्रकाश हो सबका संपुट विकास हो! ए नादान स्वार्थ में जीने वाले तू अब तक प्रकृति के कानून से अज्ञात हो! सब जाना है तूझे छोड़कर फिर सत्य से तू क्यों फिरता है मुँह मोड़कर ! सत्य राह पर स्वयं चलकर बना दे उस चिंह को ! करोड़ों तर जाएं यदि चले उस राह पर स्वयं को जोड़कर !! #कविता

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Thakur Rajesh Singh

Dedicated to my friend, Sri Alok Ranjan Munsif, judiciary,Bihar.

बड़ी मेहनत से बनती है यह पहचान
जीवन के संघर्ष में व्यक्तिगत सुख को रौंदता
उभरता नया चरित्र का सामाजिक पहचान
छोटे बड़े न जाने कितने छूटे अरमान
रिश्ते नाते अपने पराये
रहें हम सदा अनजान
क्योंकि जिम्मेदारियों का था यह चरित्र
राष्ट्र नाम पर करूं न्योछावर अपना जान
हर सांस सत्य न्याय का हो सम्मान
मां के प्यार और परवाह ने
 बनाया एक ऐसा इंसान
जो जीने को सिखाया
 जीवन में मुझे उचें सोच संग करनी ऊंच का आयाम
नाना ने दिया मधुमति सा विद्या की ज्योत जलाने वाली
एक ही था उनके समझ में मेरा नाम
भूखंड को किया समर्पित ज्ञान और अमृत का धाम
उन्होंने हीं समझ बूझ कर मुझे दिया मेरा आलोक नाम
एक दिन में थोड़े ना होते हैं अपने पूरे अरमान
बड़े संघर्ष से बनता है राष्ट्रभक्त का एक पहचान!!💐

~ ठा. राजेश सिंह

©Thakur Rajesh Singh Dedicated to my friend, Sri Alok Ranjan Munsif, judiciary,Bihar.

बड़ी मेहनत से बनती है यह पहचान
जीवन के संघर्ष में व्यक्तिगत सुख को रौंदता
उभरता नया चरित्र का सामाजिक पहचान
छोटे बड़े न जाने कितने छूटे अरमान
रिश्ते नाते अपने पराये
रहें हम सदा अनजान

Dedicated to my friend, Sri Alok Ranjan Munsif, judiciary,Bihar. बड़ी मेहनत से बनती है यह पहचान जीवन के संघर्ष में व्यक्तिगत सुख को रौंदता उभरता नया चरित्र का सामाजिक पहचान छोटे बड़े न जाने कितने छूटे अरमान रिश्ते नाते अपने पराये रहें हम सदा अनजान #कविता

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Thakur Rajesh Singh

महाराणा प्रताप की जन्म जयंती पर ढेर सारी शुभकामनाएं

महाराणा प्रताप की जन्म जयंती पर ढेर सारी शुभकामनाएं #समाज

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Thakur Rajesh Singh

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Thakur Rajesh Singh

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Thakur Rajesh Singh

अपने हूनर/काम को जितना तराशोगे अवसर/दूनियाँ तूझे उतना हीं तलाशेगी।

©Thakur Rajesh Singh #सफलता
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Thakur Rajesh Singh

इंसान अपने लिए तो अच्छे चरित्र वाला इंसान पसंद करता है परंतु देखने और दिखाने के लिए पैसे वालों का भूमिका पसंद करता है ...

©Thakur Rajesh Singh इंसान अपने लिए तो..।

इंसान अपने लिए तो..। #विचार

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