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vikramrajak5046
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VIKRAM RAJAK

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VIKRAM RAJAK

यूं गुजरते ख़्वाब की परछाई पर, 
एतबार करने लगता हूं.. 
तुम्हारी सांसों की आहट होते ही,
इंतज़ार करने लगता हूं
-विक्रम






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©VIKRAM RAJAK #Phone
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VIKRAM RAJAK

White मेरे सामने, उसने जुल्फों पर हाथ फेर लिया,
मानो बादलों ने जैसे आसमान घेर लिया,
नजरे टकराई, तो उसने शर्मा कर कहीं और देखा,
भीगते-भीगते बरसात ने मानो मुंह फेर लिया,
नाम पुकारने पर, पीछे मुड़ी तो बाल सारे चेहरे पर,
दिनदहाड़े आसमान को काले बादलों ने घेर लिया,








हम-उम्र थी, पुरानी किताब से ज्यादा हसीन थी,
आंखों से पढ़ कर, उसके पन्नों पर हाथ फेर दिया,
शीशे में देखकर सवार रही थी खुद को वो,
शीशे ने शर्मा के खुद को लाल कर दिया,
तुम गलत नहीं, गलत वक्त में पैदा हुए हो विक्रम ! 
कोई तुम्हें भाता नहीं या किसी को तुमने जुदा कर दिया...
-विक्रम
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©VIKRAM RAJAK
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VIKRAM RAJAK

शाम का था पहरा और सूरज था कुछ नम,
बादल थे आसमान पर और मिट्टी पर शबनम

मैं रुका था देखने को यह बारिश रिमझिम,
भाग कर आई वो और गले से लिपटे हम

बारिश यारो मुझको ऐसा ही नहीं पसंद,
बारिश यारो मुझको ऐसा ही नहीं पसंद
-विक्रम







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©VIKRAM RAJAK
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VIKRAM RAJAK

White हां शायद उसने मुझसे कभी मोहब्बत नहीं की, 
पर क्या करे दिल है मानता ही नहीं, 
जो लम्हे उसके साथ बिताए थे, 
उसे याद कर लगता ही नहीं, 
कि हां शायद उसने मुझसे कभी मोहब्बत नहीं की,

उसकी आंखें मुझे ना देखे तारस जाती थी, 
जब मैं मिलू तो बस मुझे देखती थी, 
हां शायद उससे मुझसे कभी मोहब्बत नहीं थी 
साथ रहने के वादे, मेरा ख्याल रखना, 
सब चोर मेरे पास अनजाना, 
मुझे दर्द हो तो प्यार से सहलाना, 
हां शायद उससे मुझे कभी मोहब्बत नहीं थी, 
पर क्या कर दिल है मानता ही नहीं, 
"He never loved you" 
सुनके  शायद दो पल मान लू, 
पर उसकी यादें ही कुछ ऐसी है कि,
अच्छे से कभी मानता ही नहीं,
-विक्रम





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©VIKRAM RAJAK #Sad_shayri
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VIKRAM RAJAK

White होंठों में दस्तक दे कर, बाहों में आना, 
एक शाम मुझे ऐसी दे जाना, 
एक रात-सुबह हम साथ जिएँगे, 
तारों संग मिल बात करेंगे,

फिर सुनना उन तारों का कहना, 
वो बतलाएँगे कैसे साथ है रहना, 
फिर रुकना हो तो रुक जाना, 
मैं दूँगा साथ तुम चलते जाना,

वरना कहानी यही रहेगी, 
ये दूरी अपनी बनी रहेगी, 
मैं सुबह-शाम बस याद लिखूँगा, 
तुमको अपना प्यार लिखूँगा।
-विक्रम






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©VIKRAM RAJAK #goodnightimages
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VIKRAM RAJAK

White आशिक, दीवाना कुछ इस तरह के हैं 
नाम मेरे, 
मगर कसम से, तुमने एक नाम भी पुकारा 
तो मैं तुम्हारा,
तुम अपनी शर्तों पर खेल-खेलो, 
मैं जैसे चाहूं लगाओ बाजी, 
अगर मैं जीता, 
तो तुम हो मेरे, 
अगर मैं हारा तो, 
मैं तुम्हारा,
तुम्हारा आशिक, तुम्हारा मुखलिस, 
तुम्हारा साथी, तुम्हारा अपना 
रहा ना कोई इनमें से 
दुनिया में जब तुम्हारा
तो मैं तुम्हारा  
 - विक्रम






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©VIKRAM RAJAK #love_shayari
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VIKRAM RAJAK

अब कौन करे मोहब्बत फिर से , 
अब कौन सहे वो ग़म दोबारा
  
अब क्यूँ दोहराये वही फिर किस्से , 
जब टूट गए दिल के सब हिस्से
  
अब कौन बीताये आँसुओं में रातें , 
वही सब गम - वही फिर बातें

अब ना वो दौर , ना वो हौंसला , ना वो मंज़र है , 
जब मेरे एक बार पुकारने पर वो पलट जाया करती थी  
आज उसे आवाज़ देकर बुलाने का भी हक़ नहीं , 
कभी जो आँख के एक इशारे से लिपट जाया करती थी
  
अब वो अगर मिले कहीं तो 
उसे मेरे जज्बातों का पता देना ,
 
मैं भी अब भूल चुका हूं उसे 
ये तुम जरा उसे बता देना
 
अब बस इतनी से इल्तज़ा है  
की अब वो कभी ना आये ,
 
अब कोई ना रोको उसे , 
आख़िर वो चली ही जाए 
- विक्रम


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©VIKRAM RAJAK #GoldenHour
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VIKRAM RAJAK

White कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ? 
तुम कह देना कोई खास नहीं ... 
एक दोस्त हैं पक्का कच्चा सा 
एक झूठ हैं आधा सच्चा सा , 
जज़्बात से ढका एक पर्दा हैं 
एक बहाना हैं कोई अच्छा सा ... 
जीवन का एक ऐसा साथ हैं जो 
पास होकर भी पास नहीं ... 
                                              कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ? 
                                             तुम कह देना कोई खास नहीं ... 
                                             एक साथी जो अनकही सी , 
                                                कुछ बातें कह जाता हैं 
                                           यादों में जिसका धुंधला सा 
                                           एक ही चेहरा रह जाता हैं 
                                                "यूँ तो उसके ना होने का 
                                                 मुझकों कोई गम नहीं 
                                           पर कभी कभी वो आँखों से , 
                                            आँसू बन के बह जाता हैं 
                                            यूँ रहता तो मेरे जहन में हैं 
                                    पर नजरों को उसकी तलाश नहीं ..." 
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ? 
तुम कह देना कोई खास नहीं ... 
साथ बनकर जो रहता हैं 
वो दर्द बांटता जाता हैं 
भूलना तो चाहती हूँ उसको पर 
वो यादों में छा जाता हैं 
अकेला महसूस करूँ कभी जो 
सपनों में आ जाता हैं ... 
मैं साथ खड़ा हूँ सदा तुम्हारे 
कह कर साहस दे जाता हैं 
ऐसे ही रहता हैं साथ मेरे की 
उसकी मौजूदगी का आभास नहीं 
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ? 
तुम कह देना कोई खास नहीं ...
                                            -विक्रम

©VIKRAM RAJAK #Romantic
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VIKRAM RAJAK

White गुल-गुलशन-गुलफ़ाम पसंद है 
सबसे ज़्यादा तुम्हारा नाम पसंद है

जो तेरे संग इक रोज़ थी गुजरी 
मुझको फ़क़त वही शाम पसंद है

किया तेरी खातिर नीलाम खुद को 
तुम दे दो जो भी दाम पसंद है

तुम दर्द दो या दो खुशियां मुझे 
मुझको तेरा हर ईनाम पसंद है

लिखी थी मैंने भी मजबूरी में शायरी 
अब लगता है यही काम पसंद है
-विक्रम








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©VIKRAM RAJAK #flowers
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VIKRAM RAJAK

White ज़िक्र
ज़िक्र गर धीमे करूं, समझना पहरा था 
ज़िक्र गर रुक के करूं, समझना ठहरा था

समझ जाना गर ज़िक करूँ आँख झुकाकर 
समझ जाना जब ज़िक्र करूँ तुझको बुलाकर

जिक्र जख्मों का करूं, समझना बिस्मिल हूं 
ज़िक्र शोखी का करूं, समझना जाहिल हूं

समझ जाना गर ज़िक्र परछाई का करूँ 
समझ जाना गर ज़िक्र हरजाई का करूँ

ज़िक्र जाने का करूं समझना आया था 
ज़िक्र आने का करूं समझना साया था

समझ जाना गर ज़िक्र करूं बाशिंदों का 
समझ जाना गर ज़िक्र करूं परिदों का

ज़िक्र जुल्फ़ों का करूं, समझना खोया था 
ज़िक्र लिपट कर करूं, समझना रोया था

समझ जाना गर ज़िक्र आंसू लिखने लगे 
समझ जाना गर जिक्र में तू दिखने लगे

ज़िक्र रुसवाई का करूं, समझना रूठा हूं 
               ज़िक्र तेरा ना करूं, समझना झूठा हूं                  
                                       -विक्रम





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©VIKRAM RAJAK #sad_shayari
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