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vikramrajak5046
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VIKRAM RAJAK

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VIKRAM RAJAK

White होंठों में दस्तक दे कर, बाहों में आना, 
एक शाम मुझे ऐसी दे जाना, 
एक रात-सुबह हम साथ जिएँगे, 
तारों संग मिल बात करेंगे,

फिर सुनना उन तारों का कहना, 
वो बतलाएँगे कैसे साथ है रहना, 
फिर रुकना हो तो रुक जाना, 
मैं दूँगा साथ तुम चलते जाना,

वरना कहानी यही रहेगी, 
ये दूरी अपनी बनी रहेगी, 
मैं सुबह-शाम बस याद लिखूँगा, 
तुमको अपना प्यार लिखूँगा।
-विक्रम






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©VIKRAM RAJAK #goodnightimages
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VIKRAM RAJAK

White आशिक, दीवाना कुछ इस तरह के हैं 
नाम मेरे, 
मगर कसम से, तुमने एक नाम भी पुकारा 
तो मैं तुम्हारा,
तुम अपनी शर्तों पर खेल-खेलो, 
मैं जैसे चाहूं लगाओ बाजी, 
अगर मैं जीता, 
तो तुम हो मेरे, 
अगर मैं हारा तो, 
मैं तुम्हारा,
तुम्हारा आशिक, तुम्हारा मुखलिस, 
तुम्हारा साथी, तुम्हारा अपना 
रहा ना कोई इनमें से 
दुनिया में जब तुम्हारा
तो मैं तुम्हारा  
 - विक्रम






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©VIKRAM RAJAK #love_shayari
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VIKRAM RAJAK

अब कौन करे मोहब्बत फिर से , 
अब कौन सहे वो ग़म दोबारा
  
अब क्यूँ दोहराये वही फिर किस्से , 
जब टूट गए दिल के सब हिस्से
  
अब कौन बीताये आँसुओं में रातें , 
वही सब गम - वही फिर बातें

अब ना वो दौर , ना वो हौंसला , ना वो मंज़र है , 
जब मेरे एक बार पुकारने पर वो पलट जाया करती थी  
आज उसे आवाज़ देकर बुलाने का भी हक़ नहीं , 
कभी जो आँख के एक इशारे से लिपट जाया करती थी
  
अब वो अगर मिले कहीं तो 
उसे मेरे जज्बातों का पता देना ,
 
मैं भी अब भूल चुका हूं उसे 
ये तुम जरा उसे बता देना
 
अब बस इतनी से इल्तज़ा है  
की अब वो कभी ना आये ,
 
अब कोई ना रोको उसे , 
आख़िर वो चली ही जाए 
- विक्रम


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©VIKRAM RAJAK #GoldenHour
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VIKRAM RAJAK

White कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ? 
तुम कह देना कोई खास नहीं ... 
एक दोस्त हैं पक्का कच्चा सा 
एक झूठ हैं आधा सच्चा सा , 
जज़्बात से ढका एक पर्दा हैं 
एक बहाना हैं कोई अच्छा सा ... 
जीवन का एक ऐसा साथ हैं जो 
पास होकर भी पास नहीं ... 
                                              कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ? 
                                             तुम कह देना कोई खास नहीं ... 
                                             एक साथी जो अनकही सी , 
                                                कुछ बातें कह जाता हैं 
                                           यादों में जिसका धुंधला सा 
                                           एक ही चेहरा रह जाता हैं 
                                                "यूँ तो उसके ना होने का 
                                                 मुझकों कोई गम नहीं 
                                           पर कभी कभी वो आँखों से , 
                                            आँसू बन के बह जाता हैं 
                                            यूँ रहता तो मेरे जहन में हैं 
                                    पर नजरों को उसकी तलाश नहीं ..." 
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ? 
तुम कह देना कोई खास नहीं ... 
साथ बनकर जो रहता हैं 
वो दर्द बांटता जाता हैं 
भूलना तो चाहती हूँ उसको पर 
वो यादों में छा जाता हैं 
अकेला महसूस करूँ कभी जो 
सपनों में आ जाता हैं ... 
मैं साथ खड़ा हूँ सदा तुम्हारे 
कह कर साहस दे जाता हैं 
ऐसे ही रहता हैं साथ मेरे की 
उसकी मौजूदगी का आभास नहीं 
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ? 
तुम कह देना कोई खास नहीं ...
                                            -विक्रम

©VIKRAM RAJAK #Romantic
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VIKRAM RAJAK

White गुल-गुलशन-गुलफ़ाम पसंद है 
सबसे ज़्यादा तुम्हारा नाम पसंद है

जो तेरे संग इक रोज़ थी गुजरी 
मुझको फ़क़त वही शाम पसंद है

किया तेरी खातिर नीलाम खुद को 
तुम दे दो जो भी दाम पसंद है

तुम दर्द दो या दो खुशियां मुझे 
मुझको तेरा हर ईनाम पसंद है

लिखी थी मैंने भी मजबूरी में शायरी 
अब लगता है यही काम पसंद है
-विक्रम








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©VIKRAM RAJAK #flowers
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VIKRAM RAJAK

White ज़िक्र
ज़िक्र गर धीमे करूं, समझना पहरा था 
ज़िक्र गर रुक के करूं, समझना ठहरा था

समझ जाना गर ज़िक करूँ आँख झुकाकर 
समझ जाना जब ज़िक्र करूँ तुझको बुलाकर

जिक्र जख्मों का करूं, समझना बिस्मिल हूं 
ज़िक्र शोखी का करूं, समझना जाहिल हूं

समझ जाना गर ज़िक्र परछाई का करूँ 
समझ जाना गर ज़िक्र हरजाई का करूँ

ज़िक्र जाने का करूं समझना आया था 
ज़िक्र आने का करूं समझना साया था

समझ जाना गर ज़िक्र करूं बाशिंदों का 
समझ जाना गर ज़िक्र करूं परिदों का

ज़िक्र जुल्फ़ों का करूं, समझना खोया था 
ज़िक्र लिपट कर करूं, समझना रोया था

समझ जाना गर ज़िक्र आंसू लिखने लगे 
समझ जाना गर जिक्र में तू दिखने लगे

ज़िक्र रुसवाई का करूं, समझना रूठा हूं 
               ज़िक्र तेरा ना करूं, समझना झूठा हूं                  
                                       -विक्रम





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©VIKRAM RAJAK #sad_shayari
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VIKRAM RAJAK

Nature Quotes झूठ सी लगती है बातें तुम्हारी,
सच कहती है, आंखें तुम्हारी ।

बड़ा बेरुखी सा मौसम है आजकल का,
ठंडी झोंके से चलती है, आंखें तुम्हारी ।

नजर ही तो पड़ी थी, देखा ही तो था, 
सर पर ही चढ़ गई, आंखें तुम्हारी ।

उत्तर ही तो था, डूब ही गया 
सागर जितनी गहरी थी, आंखें तुम्हारी । 

और इल्जाम ही तो था, गुनाह हो गया,
कातिल थी कातिल, आंखें तुम्हारी ।

धार बड़ी तेज है थोड़ा ध्यान रखा करो 
म्यान में रखा करो, आंखें तुम्हारी ।

और नजर ना लगे बुरी तुम्हें माना करो,
गैरों से ना टकराया करो, आंखें तुम्हारी ।

और इतनी जिद्दी हो तुम कहां नहीं मानती 
काजल में खिलता है, आंखें तुम्हारी । 
-विक्रम











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©VIKRAM RAJAK #NatureQuotes
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VIKRAM RAJAK

झूठ सी लगती है बातें तुम्हारी,
सच कहती है, आंखें तुम्हारी ।

बड़ा बेरुखी सा मौसम है आजकल का,
ठंडी झोंके से चलती है, आंखें तुम्हारी ।

नजर ही तो पड़ी थी, देखा ही तो था, 
सर पर ही चढ़ गई, आंखें तुम्हारी ।

उत्तर ही तो था, डूब ही गया 
सागर जितनी गहरी थी, आंखें तुम्हारी । 

और इल्जाम ही तो था, गुनाह हो गया,
कातिल थी कातिल, आंखें तुम्हारी ।

और नजर ना लगे बुरी तुम्हें, माना करो,
गैरों से ना टकराया करो, आंखें तुम्हारी ।

और इतनी जिद्दी हो तुम कहां नहीं मानती 
काजल में खिलता है, आंखें तुम्हारी । 
-विक्रम

©VIKRAM RAJAK
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VIKRAM RAJAK

White रास नहीं आता, उदास चेहरा तुम्हारा,
मुस्कुराया करो, खिलता है चेहरा तुम्हारा,

आज एक और दिन बिता इंतजार में तुम्हारे,
आज फिर खींच, मुझे ले गया रास्ता तुम्हारा,

महफिलों का शोर मेरे सर चढ़ता, दिल पर नहीं उतरता,
शब्दों से बेहतर है, वह चुप्पी भारा लहजा तुम्हारा,

और हजारों की भीड़ में, निगाहें तुम्हें ढूंढ लेती है,
और तुम कहती हो, अगला भूल चुका है चेहरा तुम्हारा,

और नाराजगी मेरी मानने वाले, नाराज है मुझसे,
जख्मों को लेकर मेरे, सवाल जायज है तुम्हारा...
- विक्रम





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©VIKRAM RAJAK #Sad_Status
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VIKRAM RAJAK

White मेरी रूह का ठिकाना है आजकल मेरा हर हाल है,
वह लड़की चलता फिरता भोपाल है,

आंखें झील है उसकी, बातें कमाल है,
शामे ढलती हो किनारे पर गंगा के, 
वह काशी है बेमिसाल है,

उसकी बातों से चलता है वक्त, 
पर उसकी चुपी से थम जाता है,
उससे बातें करता रहूं मैं और दिल थम जाता है,

खिल-खिलाती है उसे तरफ किसी बात पर, 
दिल इधर खुशियों से भर जाता है, 
वह लड़की खुद में भोपाल है...
- विक्रम





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©VIKRAM RAJAK #Night bhopal

#Night bhopal

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