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keshavpathak5643
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कवि की कल्पना ✍️

Kaliyugi kavi ki kalyugi kalpna

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कवि की कल्पना ✍️

चारों दिशाएं गा रही हैं,
स्वागतम् हे! सुस्वागतम्!
नववर्ष का है हर्ष छाया,
स्वागतम् हे! सुस्वागतम्!!

देती सुख संदेश प्रकृति,
स्वागतम् हे! सुस्वागतम्!...

उत्साह है! उल्लास है...
उत्कर्ष छाया है धरा पर!
हरे भरे पेड़ों से देखो...
सज रहें हैं धरा अम्बर!!

चहचहाते पक्षी कहते......
स्वागतम् हे! सुस्वागतम्!...

नमन है आनंद(संवत 2078) को,
नल (नवीन संवत्) का करें अब स्वागतम्!!


........सुस्वागतम्......

“आप सभी देशवासियों को हिन्दू नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं!!!

~Keshav Pathak
चैत्र/शुक्ल/प्रतिपदा....
२०७८

©कवि की कल्पना ✍️ हिन्दू नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं.....

#sunrays

हिन्दू नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं..... #sunrays #कविता

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कवि की कल्पना ✍️

शहीदों की शहादत को.....
सदा ही याद रखेंगे!
इंकलाब ज़िंदाबाद ज़िंदाबाद
जिंदाबाद कहेंगे!!
भगतसिंह सुखदेव और राजगुरु के
इस बलिदान को,
आंखों में भरकर पानी सदा ही
प्रणाम करते हैं!
जिनके लहू की खुशबू से महकती है,
इस देश की मिट्टी....
उस वतन की मिट्टी पर
हम भारतवासी सदा ही;
अभिमान करते हैं.....!!!

शहीदों की इस पुण्यतिथि पर शहीद - ए - आजम कहे जाने वाले
भारत मा के इन सपूतों के बलिदान को शत शत नमन🙏🖤
~केशव पाठक

©कवि की कल्पना ✍️ #shaheeddiwas
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कवि की कल्पना ✍️

“बोलती नहीं पर बहुत कुछ,
बयां कर देती है कविता!
दिल की भावनाओं को शब्दों में,
बयां कर देती है कविता!!
कई रसों से अलंकृत होकर...
जब पन्ने पर उतरती है!
तो कल्पना को हकीकत में,
बदल देती है कविता!!!”

सभी काव्य प्रेमियों को
विश्व कविता दिवस 
की हार्दिक शुभकामनाएं!!

~Keshav Pathak

©कवि की कल्पना ✍️ सभी काव्य प्रेमियों को विश्व कविता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🖤🍁

#WorldPoetryDay

सभी काव्य प्रेमियों को विश्व कविता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🖤🍁 #WorldPoetryDay #विचार

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कवि की कल्पना ✍️

“बोलती नहीं पर बहुत कुछ,
बयां कर देती है कविता!
दिल की भावनाओं को शब्दों में,
बयां कर देती है कविता!!
कई रसों से अलंकृत होकर...
जब पन्ने पर उतरती है!
तो कल्पना को हकीकत में,
बदल देती है कविता!!!”

सभी काव्य प्रेमियों को
विश्व कविता दिवस 
की हार्दिक शुभकामनाएं!!

~Keshav Pathak

©कवि की कल्पना ✍️ सभी काव्य प्रेमियों को विश्व कविता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏💕

#WorldPoetryDay

सभी काव्य प्रेमियों को विश्व कविता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏💕 #WorldPoetryDay #विचार

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कवि की कल्पना ✍️

प्यारे भाई....

आज बहुत याद आता है,
भाई तेरा हसना मुस्कुराना...
लड़ना, झगड़ना;
फिर तेरा रूठ जाना!!

तुझे कंधे पर बैठा के,
सारे मोहल्ले में घुमाना...
गाना, बजाना साथ;
सबको नचाना!!

सच बताऊं....
भाई बहुत याद आता है,
तेरा हसना मुस्कुराना!

आज अश्रुधार भी बयां,
नहीं कर पा रही है...
करके कल्पना भी ये कलम,
कुछ नहीं लिख पा रही है!!

चाह कर भी लिखना,
पर कुछ ना लिख पाना...
भाई बहुत याद आता है,
तेरा हसना मुस्कुराना!!

आज भले तू दूर है,
पर सदा ही दिल के पास है!
छूएगा तू आसमां...
तेरे भाई का विश्वास है!!

~Keshav Pathak

©कवि की कल्पना ✍️ bhai dooj😘

#Moon

bhai dooj😘 #Moon #विचार

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कवि की कल्पना ✍️

Shree madbhagwad Geeta~#०6

जब फंसे हुए थे लाक्षाग्रह में,
कहां गया था अपनापन!
कहां गया था भ्रातप्रेम,
जब लगा दाव पर था जीवन!!

जब भरी सभा में दुष्ट ये पापी, द्रौपदी की साड़ी खींच रहे थे!
कहां गई थी लाज शर्म, सब बैठे जबड़ा भींझ रहे थे!!

दोषी है सब उतने ही ,
जो दो टूक नहीं बोले!
पौत्रबहू को नग्न देखकर,
क्यूं गंगापूत्र नहीं खौले!!

जब दुष्ट दुशासन पांचाली को ,केश पकड़ ले आया था!
तभी बता क्या कुंतिपुत्र?, तेरा रक्त उबल ना आया था!!

~Keshav पाठक
..... जय श्री कृष्ण....

©कवि की कल्पना ✍️ Shree madbhgwad Geeta~#०6
Kavi ki kalpna 🤗♥️

Shree madbhgwad Geeta~#०6 Kavi ki kalpna 🤗♥️

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कवि की कल्पना ✍️

Shree madbhgwad Geeta~#०5

गम्भीर हो गया धनुष धुरंधर,
गांडीव हाथ से छोड़ दिया!
चुपचाप बैठ गया रथ पर,
मुख केशव से मोड़ लिया!!

भगवान कृष्ण ने अर्जुन को संबोधित करते हुए कहा:—
कुंतिपुत्र!

“व्यर्थ शोक मत कर तू अर्जुन,
इन सब व्यर्थ की बातों में....
कहां गए थे ये सब अपने,
उन संकट की रातों में....

मुझे पहले बता दिया होता तो, मैं शंखनाद नहीं करता!
जाकर के मैं इंद्रप्रस्थ से, युद्ध की बात नहीं करता!!

छल अधर्म की मूर्ति है ये,
जिन्हे तू ताऊ के बेटे कहता है!
तू क्षत्र‌िय होकर भी,
कायर की भांति सबकुछ सहता है!!

~Keshav पाठक
.....जय श्री कृष्ण.....
................to be continue

©कवि की कल्पना ✍️ Shree madbhgwad Geeta~#०5
Keshav Pathak 🙏

Shree madbhgwad Geeta~#०5 Keshav Pathak 🙏

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कवि की कल्पना ✍️

Shree madbhagwadgeeta ~#०4

इन अपनों को देख के सम्मुख,
धीरज मेरा टूट रहा!
मुख सुख रहा भय के मारे;
गांडीव हाथ से छूट रहा!!

नहीं परिणाम जानता हूं मैं, जीतूंगा या हारूंगा!
इनके हाथों मर जाऊंगा, या युद्ध में इनको मारूंगा!!

धन का अव्यय होगा बस,
समय व्यर्थ ही जाएगा!
अनाथ बालकों और विधवाओं से;
धर्मक्षेत्र भर जाएगा!!

युद्ध में कितनी हानि होंगी, जगदीश्वर तनिक करो विचार!
सिर्फ विनाश दिखाई देता है मुझको, है नहीं युद्ध में कोई सार!!

बैठ गया थक करके अर्जुन,
कहा आगे अब मैं नहीं बढूंगा!
हार गया हूं अब मैं माधव;
युद्ध में आगे नहीं लडूंगा!!

~केशव Pathak
jay shree Krishna 🙏

..........to be continue

©कवि की कल्पना ✍️
  Shree madbhagwadgeeta~#०4
#श्रीमदभगवद्गीता 
#KaviKiKalpana
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कवि की कल्पना ✍️

Shree madbhagwad Geeta~#०3

जिनसे धनुष चलाना सीखा,
उन पर बाण मेरा छूटेगा कैसे!
हैं परम पूज्य आचार्य द्रोण ये;
इन पर अर्जुन टूटेगा कैसे!!

इन्हीं करों ने बचपन में ,
इन सबके चरण दबाए हैं!
हम पांच भाई बचपन में;
ताऊ के खेले दाएं बाए हैं!!

माना कि हैं अधर्मी थोड़े, पर हैं तो भाई ये जैसे भी!
हैं थोड़े से नालायक, पर हैं तो ताऊ के बेटे ही!!

संन्यासी हो जाऊंगा मैं....
मुझे धन संपत्ति से प्यार नहीं!

है माधव....

इस रणभूमि में अपनों को मारकर,
मुझे राज्यपाट स्वीकार नहीं!!

Keshav पाठक 🙏
जय श्री कृष्ण🙌

to be continue........

©कवि की कल्पना ✍️ Shree madbhagwadgeeta~#०3

Shree madbhagwadgeeta~#०3

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कवि की कल्पना ✍️

Shree madbhagwad Geeta~#०3

जिनसे धनुष चलाना सीखा,
उन पर बाण मेरा छूटेगा कैसे!
हैं परम पूज्य आचार्य द्रोण ये;
इन पर अर्जुन टूटेगा कैसे!!

इन्हीं करों ने बचपन में ,
इन सबके चरण दबाए हैं!
हम पांच भाई बचपन में;
ताऊ के खेले दाएं बाए हैं!!

माना कि हैं अधर्मी थोड़े, पर हैं तो भाई ये जैसे भी!
हैं थोड़े से नालायक, पर हैं तो ताऊ के बेटे ही!!

संन्यासी हो जाऊंगा मैं....
मुझे धन संपत्ति से प्यार नहीं!

है माधव....

इस रणभूमि में अपनों को मारकर,
मुझे राज्यपाट स्वीकार नहीं!!

Keshav पाठक 🙏
जय श्री कृष्ण🙌

to be continue........

©कवि की कल्पना ✍️ Shree madbhagwadgeeta~#०3 
#KaviKiKalpana

Shree madbhagwadgeeta~#०3 #KaviKiKalpana

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