Nojoto: Largest Storytelling Platform
ashishkumar4328
  • 14Stories
  • 108Followers
  • 119Love
    0Views

Ashish kumar

I am a student of IIT Goa. I have been studying literature for about 11 years. Also I use to write poems in hindi and am doing so for about 7 years.

  • Popular
  • Latest
  • Video
efae2c2c383b0540a15a4ec876fdb821

Ashish kumar

पिता और माँ के आँखों की पुतलियों सी होती हैं,
बहनें तो भई चंचल चुलबुल तितलियों सी होती हैं।

घर के चार दिवारों को इक पूरे संसार सा कर दें जो, 
जेठ दुपहरी सावन भादो, सबको त्योहार सा कर दें जो।
छू दें जो इक डोर तो उसको पावन कर दें, 
आँखों के सूने मौसम को सावन कर दें।

राखी के गोटे, रेशम की सुतलियों सी होती हैं, 
बहनें तो भई चंचल चुलबुल तितलियों सी होती हैं।

आशीष कुमार रक्षाबंधन

रक्षाबंधन

9 Love

efae2c2c383b0540a15a4ec876fdb821

Ashish kumar

पिता और माँ के आँखों की पुतलियों सी होती हैं,
बहनें तो भई चंचल चुलबुल तितलियों सी होती हैं।
घर के चार दिवारों को इक पूरे संसार सा कर दें जो, 
जेठ दुपहरी सावन भादो, सबको त्योहार सा कर दें जो।
छू दें जो इक डोर तो उसको पावन कर दें, 
आँखों के सूने मौसम को सावन कर दें।
राखी के गोटे, रेशम की सुतलियों सी होती हैं, 
बहनें तो भई चंचल चुलबुल तितलियों सी होती हैं।

-आशीष कुमार पिता और माँ के आँखों की पुतलियों सी होती हैं,

बहनें तो भई चंचल चुलबुल तितलियों सी होती हैं।


घर के चार दिवारों को इक पूरे संसार सा कर दें जो, 

जेठ दुपहरी सावन भादो, सबको त्योहार सा कर दें जो।

पिता और माँ के आँखों की पुतलियों सी होती हैं, बहनें तो भई चंचल चुलबुल तितलियों सी होती हैं। घर के चार दिवारों को इक पूरे संसार सा कर दें जो, जेठ दुपहरी सावन भादो, सबको त्योहार सा कर दें जो।

8 Love

efae2c2c383b0540a15a4ec876fdb821

Ashish kumar

होंगे काबिल तो जीतेंगे, 
न होंगे तो हार के घर जाएँगे, 
तीरे-नजर औरों के तो सह लेंगे साहब, 
अपनी नजरों से गिरेंगे तो मर जाएँगे।

-आशीष कुमार

7 Love

efae2c2c383b0540a15a4ec876fdb821

Ashish kumar

चलते चलते जो मैं लड़खड़ाने लगूँ,
दर्द के द्वार तक आने जाने  लगूँ,
मुझ सा कोई और किस्मत का मारा न हो,
और कोई भी मेरा सहारा न हो,
मैं मून्दूँगा आँखें, मैं रोकूँगा साँसें,
पुकारूँगा तुमको अलग हो 'जहाँ' से,
और हर घाव का मरहम बनकर,
प्राण प्रिय तुम परचम बनकर,
लहराना फिर ख्वाब में,
तुम आना फिर ख्वाब में।

-आशीष कुमार 


 जहाँ = दुनिया

जहाँ = दुनिया #Poetry

6 Love

efae2c2c383b0540a15a4ec876fdb821

Ashish kumar

तपती धूप का राही मैं तुम भीनी सी पुरवाई हो, 
धड़कनों का गीत हो तुम साँसों की शहनाई हो, 
जिंदगी की राह में मंजिल तुम ही मकसद तुम ही, 
कैसा हो मैं भी तुम्हारी हर चाहत हर मंजिल हो जाऊँ, 
तुम्हारे साँसों के चलन में मैं भी जैसे बहने लगूँ, 
बढ़ी हुई तुम्हारी धड़कन तुम्हारा ही दिल हो जाऊँ, 
मैं तुमसे प्रणय के पावन यज्ञ में लीन, कुछ तुम्हारा 
खुद में कुछ तुम में अपना विस्तार कर रहा हूँ,
मैं तुमसे अपने प्रीत का इजहार कर रहा हूँ।

-आशीष कुमार  #valentineday
efae2c2c383b0540a15a4ec876fdb821

Ashish kumar

होते-होते तुमको मुझसे प्यार रह गया,
कुछ इस तरह मेरा इश्क असरार रह गया।
मैं इस जन्नत सी धरती का वो बर्बाद गुलशन हूँ, 
बीच रास्ते में ही जिसका बहार रह गया ।
सोचा कई दफे कि मिल लूँ कम से कम एक दफा, 
चंद कदमों का फ़ासला बार-बार रह गया ।

-आशीष कुमार 

 असरार :- राज़

असरार :- राज़ #Poetry

7 Love

efae2c2c383b0540a15a4ec876fdb821

Ashish kumar

कुछ यूँ मेरे वजूद का तू हिस्सा हो जाए,
मैं तेरी कहानी हो जाऊँ, तू मेरा किस्सा हो जाए।

-आशीष कुमार

8 Love

efae2c2c383b0540a15a4ec876fdb821

Ashish kumar

ये भी उनसे खूब जुगलबंदी रही अपनी,
गले रोज मिलते रहे, दिल बिछड़ते चले गए।

-आशीष कुमार #hugday
efae2c2c383b0540a15a4ec876fdb821

Ashish kumar

कल तक थे दीवाने अब दिलजले कहलाएँगे, 
तेरी गलियों में हम फिर कभी न आएँगे ।
हमने तो की थी मोहब्बत, तुमसे दिल लगाने को, 
ये न सोचा था कि अपना ही दिल जलाएँगे ।
ये मोहब्बत शतरंज की बाजी तो न थी, 
मालूम न था हम को कि यूँ हार जाएँगे ।

-आशीष कुमार

6 Love

efae2c2c383b0540a15a4ec876fdb821

Ashish kumar

वर्षों हम पीते रहे हैं दिलकशी का जाम,
उनकी आँखों में जो है मयखाना अब भी याद है।
वो उनकी ख़ातिर तूफानों से टकराने की मेरी ख़्वाहिश, 
अपनी हद-ए-दीवानगी का ज़माना अब भी याद है।
-आशीष कुमार

10 Love

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile