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nikitacharan6663
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निकिता चारण

कविता मेरा कर्म है, कविता ही धर्म है। इसके बीना अधूरा, जीवन श्रम हैं।। ✍️ निकिता चारण

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निकिता चारण

मौसम का जलता रूप।

जैठ की दुपहरी धूप।
मौसम का जलता रूप।।

गर्म हवा के झोंके,चिलचिलाती धूप।
धरा की तपती धूल, प्रकृति के अनेक स्वरूप।।

पशु-पक्षी के,झुंड ढूंढे जल के ठौर।
विक्षुब्ध जन का तन,तक रहा चारों ओर।। 

उदर की भूख, मजदूर की टीस।
बच्चों की चीख,तपस से फटता सीस।।

आंधी में लपटें,झरे धूल के झरने।
जन छाया की ओट में, बहुत काम है करने।।

आम,इमली अनेकों रस,भाये सबके मन।
जीवों के लिए प्रबंध,पानी दाना करना जन।।


बादल बीन बरसे झीर,किसान फसल बोने को अधीर।
सूखी नदियां,जल के स्रोत सरोवर।।


जैठ की तपती धूप।
मौसम का जलता रूप।।

V.P.A.निकिता चारण

©निकिता चारण #dhoop

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निकिता चारण

विधा-गीत

शीर्षक-मिलन‌‌ की प्रभात

आई है आज मिलन की प्रभात प्रिये...
 है ये मेरा वर्षों का इंतजार प्रिये...

ओ पिया....ओ मोरे पिया....

साजन संगम तेरा मेरा हम होना 
जैसे दो नदियों का जोड़ा सम होना
इक डगर पर इक सफ़र पर 
 साथ चलने का हृदय होना।। 

ओ पिया.....ओ मोरे पिया....

हां सज्जनी 
तुमको मुझको है अब साथ चलना। 
लहरों पर चलती अब इक नाव बनना। 
सुख-दुख के ही साथी नहीं हम दोनो 
हमको है जीवन में प्रेम भरना

ओ पिया....ओ मोरे पिया.....

सागर में मिल, घुल जाती नदियां
मैं डूबू तुझमें प्रेम पिया। 
चांद, तारों से सजी रजनी 
मैं भी तेरा श्रृंगार करूं पिया।। 

ओ पिया....ओ मोरे पिया....

गले में बंधा है मंगल सूत्र तेरा। 
तेरे मंगल की करती हूं दुआ पिया। 
माथे पे बिंदिया कुमकुम सजाऊं,, 
तेरा साथ मैं हरदम पाऊं पिया।। 

ओ पिया......ओ मोरे पिया....


हां प्रिया 
मिले हुए थे हम ऐसे जैसे
सिक्के के हो दो पहलू। 
इक दीपक में दो सिरों वाली ज्यों बाती,, 
तुम और मैं हैं जन्मों के साथी


ओ पिया....ओ मोरे पिया....
आई है मिलन......
हैं वर्षों का इंतजार प्रिये....

स्वरचित व मौलिक रचना।
-V.P.A.निकिता चारण

©निकिता चारण #Freedom_in_love
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निकिता चारण

मृत्यु एक दिन आनी है।
जिसमा-नु मिट्टी कर जानी है।।
       ✍️ निकिता चारण

©निकिता चारण #DesertWalk
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निकिता चारण

#Journey

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निकिता चारण

विचार करो,विमर्श करों। 
.......................

राष्ट्रहित में चिंतन करों।।

         ✍️निकिता*चारण



अनुशीर्षक में 👇 #independenceday2020
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निकिता चारण

१५अगस्त १९४७ को,
भारत राष्ट्र स्वतंत्रत हुआ।
 वीरों की कुर्बानी,
 संघर्ष अमर हुआ।।
 
परिताप से मुक्त हुए
उमंग, उल्लास की बौछार आई। 
हिन्दुस्तान की सभी छटाओं में
आज़ादी की सौगात समाई।।

जन-जन का मन प्रफुल्लित हुआ
घर-घर खुशहाली छाई।
मंगल गान गा गा कर 
दृश्य-दृश्य महका दिया।।

नये दौर के कायदे-कानून बने
हर मत का सम्मान किया।
मजदूर,किसान भारत के प्राण,को 
जनतंत्र का पाॅवर प्रदान किया।।


सालों के साल बीते
आज़ादी के कई साल बीते।

राष्ट्र प्रगति पथ पर अग्रसर है
गिनती 


विज्ञान जा पहुंचा है चांद तक
उससे आगे की राह पर।
समाज ने भी कुछ सुधार किया है
 कुरुतियों का बहिष्कार किया है।


एक तरफ नारीशिक्षा
को बढ़ावा दे रहे।
स्त्री के विकास को
चहूॅ दिशा दे रहे।।

कहीं अश्लिलता
चरम पर है।
कहीं घूंघट उठाया
तो जुर्म है।।

कोई बेटी चांद
 पर पहुंच गई।
कोई भ्रूण 
में ही मारी गई।।

जहां न्याय
 की राय है।
सालों तक
 कैस चलतें है।।

अनेकानेक विषय है
चर्चा को ।
सुधार को,जो सुझाव
पर छोङे जातें हैं।।



भविष्य के उर्मिया
विचार करो, विमर्श करो,
राष्ट्रहित में चिंतन करों।

विश्वगुरु रह चुका जो
सोने की चिड़िया कहलाया।
अनेकता में एकता का 
जिसने सूत्र अपनाया।।

फिर
"फूट डालो और राज करो" की
नीति ने कैसे परचम फैलाया था?
भारत को गुलाम बना
कैसे जीना दुश्वार बनाया था?

विचार करो, विमर्श करो
राष्ट्रहित में चिंतन करों।
स्वतंत्रता बलिदानों से
आई हैं।।

अब मजहबी, साम्प्रदायिकता, ऊंच-नीच के बीज मत बोना तुम।
अनेकता में एकता के 
सूत्र को मत खोना तुम।।

बलात्कार नारी को गाली 
ऐसी घिनोना कर्म कर।
देवी पूजा का ढोंग
मत करना तुम।।

अनेकानेक कुकर्म कर
सच्चाई, अच्छाई का पिटारा
मत पिटना तुम।


संभल जाओ, सुधार करों
वक्त है इसे न तुम बैकार करों।
इंसा हो इंसा बनो 
क्यों हैवानियत में अंधे बनो?

भारत के वर्तमान भविष्य हो तुम
क्यो इसे मिटाने का प्रयास करो?

विचार करो,विमर्श करो
 राष्ट्रहित में चिंतन करों।
वक्त है वक्त की कदर करों
संभल जाओ सुधार करों
भारत के वर्तमान भविष्य हो तुम।।

         ✍️निकिता चारण #independenceday2020
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निकिता चारण

यह एप प्रगति करता रहे। #nojoto2020
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निकिता चारण

मैं नवरचनाकार,
नव परिंदा हूं।

आपका स्नेह और साथ चाहती हूं।


मेरी बुलंदियों के साथी बनें।


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_nikita_charan

V.P.A.nikita charan " JUGNU"
से जुङे 
अपना आशीर्वाद और स्नेह साथ मुझ तक पहुंचाएं।

आभार 
शुक्रिया
धन्यवाद
✍️ निकिता चारण #flyhigh

15 Love

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निकिता चारण

अफ़सुर्दा ये जमाना है।
कब किसका हुआ जो,
 अब तुझे आजमाना हैं।
अश्क़िया है इसका नैम-धर्म,
अज़ाब है इसका कर्म।।
           
           ✍️ निकिता चारण #Dullness

18 Love

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निकिता चारण

Maa  मां!तेरी याद मुझे हर पल सताती है।
तेरी कमी मेरे हृदय को अन्त:से तोङ जाती है।।

चेहरे पर मुस्कान रखे,उदासी को दिल में दबाए रखती हूं।
जमाने के लिए ये पर्दा,खुद के लिए ये आजमाईश करती हूं।
ये सोच, तसल्ली से जिंदगी जीती हूं।
मरने के बाद "मां" तुमसे मुलाकात होगी।।

फिर एक नये जन्म में,मैं तुम्हारी बेटी‌ और तुम मेरी मां होवोगी।
तेरी ममता के दुलार में मैं ऐसे कल्पनाओं के तार बुनती हूं।।
मां! तेरी याद में मैं ऐसे कई ख्वाब चुनती हूं।
मेरे ख्वाबों में तेरी सलामती की दुआ करती हूं।।

"मां" मैं तुम्हें बहोत याद करती हूं!?
                 
                        ✍️ निकिता चारण

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