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ritikanand6969
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Ritik Anand

जमाने की असलियत , बस अपने लफ्ज़ों में बयां करता हूं।

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Ritik Anand

कुछ कह गए , कुछ सह गए
कुछ कहते कहते रह गए ...
मैं सही तुम गलत के इस खेल में 
ना जाने कितने रिश्ते ढह गए ।

©Ritik Anand #peace
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Ritik Anand

रोगों का भ्रम पाल बैठे ,
करते जा रहे हो डॉक्टरों के पॉकेट गरम...
रामचन्द्र कह गए सिया से ,
2 घंटे सुबह टहलो
2 घंटे शाम में खेलो
पैसे बचेंगे और रोग भी होगा कम ।

©Ritik Anand #BeFit
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Ritik Anand

करो इश्क़ बेपनाह तुम ,
फिर भी इश्क़ - इश्क़ से दूर हो जाता है...
अजीब दस्तूर है यहां इश्क़ का साहब ,
जिसे चाहो वो नसीब में नहीं
और एक अनजान जिंदगी भर का साथ दे जाता है।

©Ritik Anand #Dastur_e_Ishq
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Ritik Anand

करते हैं बड़े शौक से लोग इश्क़ ,
बेखबर इसमें कितनी गहराई है...
ऐ दीवानों 
इश्क़ के नाम में सिर्फ इश्क़ है ,
बाकी मिलती बस तन्हाई ही तन्हाई है ।

©Ritik Anand #दीवानगी
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Ritik Anand

ज़िन्दगी एक, ख्वाइशें हजार
सैलरी कब आएगी रहता इनको बेसब्री से इंतज़ार...
6 महीने पर मिलती , 1 महीने की पगार 
फिर भी जीते ये शान से और कहते रहते
थोड़ा chill मार ना यार ।
#बिहारी शिक्षक

©Ritik Anand #bihariswag
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Ritik Anand

दिए हैं परदेसियों ने कई जख्म ये गहरे ,
इन ज़ख्मों को तुम यूं ना कुरेदो...
मरहम तुम बन सके नहीं ,
कम से कम लिपट कर मुझसे
पल भर का सुकून ही दे दो ।

©Ritik Anand #सुकून
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Ritik Anand

जब-जब मैं मुसीबतों में आया
तब-तब तुम सबों का साथ पाया...
एक दिन गुस्साकर पूछ ही लिया मैंने खुदा से 
आखिर तू दिखता कैसा है !
तो उसने मुझे तुम सबों का चेहरा दिखाया ।
#दोस्ती

©Ritik Anand #Dosti
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Ritik Anand

कभी गीता , कभी रीता 
कभी सुनीता तो कभी सरिता
अपनी मीठी बातों में सबको उलझाए रखते हो....
खुद में राम वाले एक भी लक्षण नहीं,
शौख सीता जैसी बीवी की लगाए हो।

©Ritik Anand #khudkodekho
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Ritik Anand

सब पूछते ,
कागज कलम का दामन थामे
नाज़ुक सा दिल टूटा या मिल गई कोई खास....
मैंने कहा , 
ना किसी की जरूरत , ना है कोई खास
अभी तक सही सलामत है , मेरा नाज़ुक सा दिल मेरे पास ।

©Ritik Anand #selfdependent
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Ritik Anand

सच को झूठ , झूठ को सच बनते देख
अंधे बन जाना 
ये तुम्हारी आदत है , इसमें मेरा क्या कसूर ....
मैं तो बस सच्चाई लिखता हूं ,
ये मेरी आदत है और मैं तो हूं ही आदत से मजबूर ।

©Ritik Anand #aadatsemajboor
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