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riteshpandey4381
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Ritesh Pandey

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Ritesh Pandey

#Mohabbat ki shayri❤️

#mohabbat ki shayri❤️

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Ritesh Pandey

कभी तुम उदास हो रोने का दिल करे तो मुझे कॉल करना।
शायद मैं तुम्हारे आंसू न रोक पाऊं पर तुम्हारे साथ रोऊंगा जरूर।।
कभी अकेलेपन से खबराजाओ तो मुझे कॉल करना ।
शायद मैं तुम्हारी खबराहट न मिटा पाऊं पर तुम्हारा अकेलापन बाटूंगा जरूर।।
कभी ये दुनिया बेरंग लगे तो मुझे कॉल करना।
 शायद मैं पूरी दुनिया में रंग न भर पाऊं पर दुवा करूंगा तुम्हारी जिंदगी खूबसूरत हो।।
और कभी ऐसा हो कि तुम मुझे कॉल करो और मेरी तरफ से कोई जवाब न आए तो भाग के मेरे पास आ जाना शायद मुझे तुम्हारी जरूरत हो।

©Ritesh Pandey #Corona_Lockdown_Rush
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Ritesh Pandey

आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी है।इससे सबसे ज्यादा वे माँ बाप खुश होते है  जिनके छोटे छोटे बच्चे है।दरअसल ये अपने बच्चों को मुकुट और पीला वस्त्र पहना कर एकदम श्रीकृष्ण का अवतार बना देते है। और कृष्णा अवतारी बच्चे को देखकर फूले नही समा रहे होते है।

लेकिन दिक्कत तब सुरु होती है जब यही बच्चा बड़ा होकर सच में कृष्णा रूप धारण करके किसी राधा के चपेट में आ जाता है।तब यही मां बाप जो बचपन में कृष्णा रूप देखकर फूले नही समा रहे होते थे वे अब उस बच्चे की आशिकी बुझाने से बांज नही आते ।

😧 ऐसे कैसे चलेगा कृष्णा प्यारों
 
नोट-ये लिखने के ये मतलब नही है की ये मेरी आपबीती है।दरअसल मुझे बचपन में न कृष्णा बनाया गया और ना ही बड़े होकर किसी राधा से मिलन हो पायी!
जय श्रीकृष्णा

🤣🤣🤣🤣

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Ritesh Pandey

उसे मैं सोचता हूँ तो, मैं सब कुछ भूल जाता हूँ
मगर हर दर्द में अपने उसे नजदीक पाता हूँ
उसी की दी हुई कसमो को मैं हर रोज खाता हूँ
उसी की याद में हर रोज कुछ लिखता मिटाता हूँ
उसे ख्वाबो में पाता हूँ,किताबो में पाता हूँ
कभी खुद को मिटाता हूँ,कभी उसको मिटाता हूँ
जहाँ तक देख पाता हूँ ,मैं उसे ही पाता हूँ
उसे मैं सोचता हूँ तो, मैं सब कुछ भूल जाता हूँ
उसे मैं...............भूल जाता हूँ।

रितेश पाण्डेय.....✍️

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Ritesh Pandey

लोगो को मैं शांत लगता हुँ
पर भीतर सैलाब लेके चलता हुँ
बातें तो बहुत सरल करता हुँ
पर बातो में थोड़ा वजन रखता हुँ
कुछ लोगो से असहमत रहता हुँ
फिर भी मोहब्बत से बात करता हुँ
परिजनों के सामने चुप रहता हुँ
पर वक्त पर अपना विचार रखता हुँ
भैया से बराबर बात करता हुँ
और कभी कभी खरी खोटी भी सुनता हुँ
गुरुजनों से काम से काम रखता हुँ
पर उन्हें कभी अशब्द नही कहता हुँ
दोस्तो में मस्त माहौल रखता हुँ
लड़ाई झगड़े न हो ऐसी बात करता हुँ
मैं अपना विचार हमेशा स्पष्ट रखता हुँ
बात सही हो तो तिल भर भी पीछे नही हंटता हुँ
कुछ पता न हो तो हमेशा शांत रहता हुँ
हमेशा शांत रहता हुँ -2

रितेश पाण्डेय...✍️

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Ritesh Pandey

उसकी मोहब्बत को बहुत ठुकराया मैंने
अब हम भी मोहब्बत का पैगाम लायेंगे
नफ़रतें बहुत की हमने
अब मोहब्बत से जिंदगी बिताएंगे।
रितेश पाण्डेय...✍️

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Ritesh Pandey

मोहब्बत हमेशा आंखों से ही क्यो करती हो
कभी लब्जों से भी किया करो 
बहुत सारी बातें रह जाती है अधूरी 
उन्हें शब्दो से मुकम्मल किया करो।
रितेश पाण्डेय....✍️ #peace
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Ritesh Pandey

नशा करना है तो शराब का करो 
जो हर प्याले में मजा देता है
मोहब्बत में क्या रखा है 
दो पल का मजा देकर 
जिंदगी भर की सजा देता है।

रितेश पाण्डेय....✍️

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Ritesh Pandey

नया साल सुंदर है ऐसा......

 नया साल सुंदर है ऐसा
नयी उम्मीदे लाता है
कोई काम छोड़ने बैठा 
कोई कसमे खाता है
कोई लगा सोचने ऐसा 
शायद कुछ अच्छा हो जाए 
लगी हुई बड़ी कतारे
लोगों के अन्तः मन में
सब सोच रहे करने को ऐसा 
जो कभी नही कर पाये है
मन ही मन में कुछ हार रहे कुछ जीत रहे 
कुछ ऐसे भी भयभीत रहे 
कि जाने कैसा होगा यह नया साल
अपना भी कुछ अच्छा होगा?
अपने मन में है सोच रहे 
क्या देगी अपना भाग्य साथ
या मेहनत पर विश्वास करे
ऐसे होती है वर्षा कसमो वादों की 
इस नए साल के आते ही 
हो जाते मजबूर सोचने को इंद्रा देव।
क्या बरसु मैं इस वर्षा में  
सब भीग रहे सब नाच रहे 
सब नयी उम्मीदे बांच रहे
लगता है कुछ अच्छा होगा 
इस नये साल के आने से
इस नये साल के आने से 
है नया साल सुंदर ऐसा
है नया साल सुंदर ऐसा।

रितेश पाण्डेय....✍️ #alone
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Ritesh Pandey

कुछ गुमसुम सा रहने लगा हूँ मैं,
वैसे ही फिर सोचने लगा हूँ मैं
जाने क्या बात थी उसमे जो आज  भी लगा हुआ हु मैं,
शायद उसकी अदा ही थी जिसपर मर मिटा हु मैं,
कुछ .....….….......हूँ मैं-2

वैसे बात तो वो भी करती थी मुझसे 
पर बातें बहुत बनाती थी
वो मोहब्बत तो करती थी मुझसे पर जाने क्यो शर्माती थी
शायद कुछ कहती वो पर जाने किस्से डरती थी
घुमसुम तो वो भी रहती थी कभी कभी
फिर से ऐसा सोचने लगा हूँ मैं
कुछ घुमसुम सा रहने लगा हूँ मैं-2

हाँ मानता हुँ मोहब्बत थी वो मेरी
पर कभी इजहार तो किया होता 
ज्यादा नही कम से कम दो पल तो प्यार किया होता 
चलो मान लिया मैंने प्यार नही था उसे
कम से कम इनकार तो किया होता
उसे भी कुछ था मुझसे ऐसा सोचने लगा हूँ मैं
कुछ घुमसुम सा रहने लगा हूँ मैं -2

रितेश पाण्डेय...✍️ #girl
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