गुजरते वक्त में सदियां तलाश करती हूं
यह मेरी प्यास है जो नदिया तलाश करती हूं
लोग गिनवाते नहीं थकते हैं अपनी खूबियां
और मैं अपने आप में आपनी कमियां तलाश करती हूं
Rashmi Singhai
Rashmi Singhai
Rashmi Singhai
#आधुनिकता से परे रिश्ते
अहसान दोनों का ही था
मकान पर....।।
छत ने जता दिया
और नींव ने छुपा लिया