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navroopsingh5886
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navroop singh

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navroop singh

Unsplash न चादर बड़ी कीजिये,  
न ख्वाहिशें दफन कीजिये,  
चार दिन की ज़िन्दगी है,
बस चैन से बसर कीजिये...

न परेशान किसी को कीजिये,
न हैरान किसी को कीजिये,
कोई लाख गलत भी बोले,
बस मुस्कुरा कर छोड़ दीजिये...

न रूठा किसी से कीजिये,
न झूठा वादा किसी से कीजिये,
कुछ फुरसत के पल निकालिये,
कभी खुद से भी मिला कीजिये.

©navroop singh #Zindagi
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navroop singh

'अंजाने रस्तों पे सफर आसान ना था,
कोई हमसफर मिला पर वोह अपना ना था,
कहता है जी ले अपनी ज़िन्दगी कुछ लम्हों की,
बस कम्बखत वक़्त ना था,
पाना चाहा उसे पर ना समझा वोह,
लौट आया एक दिन फिर वोह
पर इतेफ़कान वक़्त कम था,
अंजाना सा सफर बस 
वोह हमसफर जो अपना सा था..'

©navroop singh
  #humsafar💖

humsafar💖 #Shayari

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navroop singh

'यूँ ही बेसबब न फिरा करो, कोई शाम घर में भी रहा करो 
वो ग़ज़ल की सच्ची किताब है, उसे चुपके चुपके पढ़ा करो 

कोई हाथ भी न मिलाएगा, जो गले मिलोगे तपाक से 
ये नये मिज़ाज का शहर है, ज़रा फ़ासले से मिला करो 

अभी राह में कई मोड़ हैं, कोई आयेगा कोई जायेगा 
तुम्हें जिसने दिल से भुला दिया, उसे भूलने की दुआ करो 

मुझे इश्तहार सी लगती हैं, ये मोहब्बतों की कहानियाँ 
जो कहा नहीं वो सुना करो, जो सुना नहीं वो कहा करो 

कभी हुस्न-ए-पर्दानशीं भी हो ज़रा आशिक़ाना लिबास में 
जो मैं बन-सँवर के कहीं चलूँ, मेरे साथ तुम भी चला करो 

ये ख़िज़ा की ज़र्द-सी शाम में, जो उदास पेड़ के पास है 
ये तुम्हारे घर की बहार है, इसे आंसुओं से हरा करो 

नहीं बेहिजाब वो चाँद सा कि नज़र का कोई असर नहीं 
उसे इतनी गर्मी-ए-शौक़ से बड़ी देर तक न तका करो..

©navroop singh
  #EkShaamUsHaseenKeNaam
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navroop singh

वक़्त का इंतज़ार करिए कुछ ऐसा मंज़र भी दिख जायेगा,
लहू लहू को काटेगा बस अंधेरा ही नज़र आएगा;
जीने वाले माँगेगे दो बूँद पानी के पर कोई अपना नहीं नज़र आएगा,
प्यासी ममता की झोली में आसुओं का घड़ा बन जाएगा;

जो बोए बीज नफ़रत के तो क्या फसल कटायेगा
भाई भाई को मारे माँ का आंचल सुना हो जाएगा,
घड़ी घड़ी दूर दूर एक दिया टिम टिमायेगा,
समशान का धुआँ गगन को मठमैला कर जाएगा;

फिर सोच यह मानव पछताएगा
जब वक़्त था तो फिर तू क्यों नहीं रोक पाया था,
लागी आग बस्ती में तो आशियाना उजड़ जायेगा
तू खाली हाथ आया था और खाली हाथ जायेगा;

पछतावों का यह समंदर उबल आयेगा
क्या मानवता का दामन छीन भिन्न हो जाएगा,
वक़्त का इंतेज़ार करिए कुछ ऐसा मंज़र भी आयेगा
अभी भी जाग जा मानव वरना बहुत पछताएगा ।।

©navroop singh
  #Manzar
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navroop singh

#lamhe
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navroop singh

#humsafar
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navroop singh

#Dosti
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navroop singh

#chandani
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navroop singh

#aashiq
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navroop singh

#Talaash
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