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vandanajain7236
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Vandana Jain

Today is my best day

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Vandana Jain

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Vandana Jain

सुकून सा है इश्क तुम्हारा
जीना आसान मेरा हो रहा है
ये कैसा गुमान हो रहा है 
दिल धरती से आसमान हो रहा है

चूमता है नैनों से नैनों की मदिरा
दिल आवारा बेईमान हो रहा है
नई जमीन और नया है आसमां
परवाजों की परवान उड़ान हो रहा है

©Vandana Jain
  #लव
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Vandana Jain

"चूड़ियां पहन लो चूड़ियां"

यह वाक्य पुरुषों को निम्न नही ..बल्कि
स्त्रियों को सामर्थ्यहीन बताता है
(विश्व पुरुष दिवस)

©Vandana Jain
  #पोएट्री3
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Vandana Jain

एक अदृश्य नदी बहती है 
संवेदनाओं की हर एक की आंखों में

एक अदृश्य समंदर ठहरा है 
हर एक के अंतस में 
उफान मारती लहरों को समेटे 
दुनियादारी के दायरों में

एक अतरंगी सा मन भी है 
हर एक के मन में 
जो खुद कुशी करता है 
जीवित रहने के लिए

वह रिमोट से नियंत्रित करता है
हमारी दुनियादारी के की गाड़ी
के पहियों को…

©Vandana Jain
  #Heart
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Vandana Jain

अभी न होगा मेरा अंत 
अभी-अभी तो आया है 
मेरे वन में मृदुल बसंत 
अभी न होगा मेरा अंत 
 
ख्वाहिशों की पोटली बांध
उम्मीदों की बैसाखी पकड़
अभी तो चलना सीखा है 
चलूँगी यूँ ही जीवन पर्यन्त 
अभी न होगा मेरा अंत 
  
स्वप्नों  की बना पगडंडियाँ 
होंसला लेकर  दरख्तों का
अडिग हो कर पार करना 
कठिन पथ हो यदि अनंत  
अभी न होगा मेरा अंत
 
प्रताप सा साहस भर मन मे 
मनोबल चेतक बन दौड़े तन में 
मन मे चाहे लाख कुलांचे मारे
संसार के सैकड़ों अणुवंत 
अभी न होगा मेरा अंत

©Vandana Jain
  #Chhuan
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Vandana Jain

साथ हो तुम तो 

आँखें भी मुस्कुराती हैं 

लब खिल उठते हैं 

जैसे सुबह हौले से खिलती हैं कलियाँ 

ओस बनकर लरजती हैं उन पर शबनम 

आँखों से झरती हैं फ़ूलों की खिलखिलाहट 

यही हैं मेरी इन दिनों की कहानियाँ 

क्या देख-पढ़ पाते हो तुम 

मेरी पगली सी बातों की नादानीयां?

©Vandana Jain
  #Her
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Vandana Jain

किसी ने पूछा आज सुबह में अलग बात क्यूँ है 
मैंने कहा मौसम की रूमानी करामात जो है

किसी ने पूछा आँखों में हल्की सी कशिश क्यूँ है 
मैनें कहा दिल में अजीब सी ख़लिश जो है 

किसी ने पूछा आँखों में दिखती गहरी नमी क्यूँ है 
मैंने कहा आपकी ही फिर मुझे कमी जो है #dost

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