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Sanjeev0834
कुछ नहीं बिगड़ा तेरा मेरा अलग होके। तू मार के जिंदा है और मैं मर के। Nothing happened to you and me by being separated, you are alive after killing and I am alive after dying. ©Sanjeev0834 #कुछ नहीं #बिगड़ा #तेरा #मेरा अलग #होके। तू #मार के #जिंदा है और मैं मर के #beingsanjeev0834🦅 #nawab_saab💗🤞 #2linespoetry hindi poetry on l
Poet Kuldeep Singh Ruhela
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset बड़ी खामोशी से ये बात समंदर कहता है में शांत हूं लेकिन मन अशांत रहता है पल पल निर्झर होके ये किनारे मुझे कहते है क्यू अविरल धारा में तू निश्चल बहता है ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #SunSet बड़ी खामोशी से ये बात समंदर कहता है में शांत हूं लेकिन मन अशांत रहता है पल पल निर्झर होके ये किनारे मुझे कहते है क्यू अविरल धारा
#SunSet बड़ी खामोशी से ये बात समंदर कहता है में शांत हूं लेकिन मन अशांत रहता है पल पल निर्झर होके ये किनारे मुझे कहते है क्यू अविरल धारा
read moreAnuradha T Gautam 6280
Poet Kuldeep Singh Ruhela
Unsplash में बेरोजगार होके तेरी महफिल में आया हूं कुछ नाश्ता वास्ता करवा देना में मोहब्बत का पैगाम लाया हूँ ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #lovelife में बेरोजगार होके तेरी महफिल में आया हूं कुछ नाश्ता वास्ता करवा देना में मोहब्बत का पैगाम लाया हूँ
#lovelife में बेरोजगार होके तेरी महफिल में आया हूं कुछ नाश्ता वास्ता करवा देना में मोहब्बत का पैगाम लाया हूँ
read moreBanarasi..
Unsplash गर तू मेरी जमीं होती तो आसमां मैं तेरा होता। जहां जहां तेरे पैर ठहरते वो चमन गुलिस्तां होता। सूरज की तपिश मुझसे होके सुनहरी धूप का आशियां होता। गर तू मेरी जमीं होती तो आसमां मैं तेरा होता। ©Banarasi.. #lovelife गर तू मेरी जमीं होती तो आसमां मैं तेरा होता। जहां जहां तेरे पैर ठहरते वो चमन गुलिस्तां होता। सूरज की तपिश मुझसे होके सुनहरी धूप क
#lovelife गर तू मेरी जमीं होती तो आसमां मैं तेरा होता। जहां जहां तेरे पैर ठहरते वो चमन गुलिस्तां होता। सूरज की तपिश मुझसे होके सुनहरी धूप क
read moreshamawritesBebaak_शमीम अख्तर
Unsplash वल्लाह छोटा मुंह बड़ी बात करना ही नहीं था, तुझे मगरूर से ताल्लुक बढ़ाना ही नहीं था//१ जाना जब निकल रही हो तेज तपिश,तो फिर तुझे तपिश मे जाके कपड़े सुखाना ही नहीं था//२ किसी कमजर्फ से लगा अपने दिल को,फिर ये सिलसिला तुझे आगे बढ़ाना ही नहीं था//३ जब बढ़ चुके,इश्क़ मे,इश्क़ की हद से आगे,तो फिर तुझे सनम को चश्म से गिराना ही नहीं था//४ अब होके तुझपे निसार,थाम चुके तेरा दामन, के"शमा"का तो बातिल से फ़साना ही नहीं था//५ #Shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #lovelife वल्लाह छोटा मुंह बड़ी बात करना ही नहीं था,तुझे मगरूर से ताल्लुक बढ़ाना ही नहीं था//१ जाना जब निकल रही हो तेज तपिश,तो फिर तुझे तपिश
#lovelife वल्लाह छोटा मुंह बड़ी बात करना ही नहीं था,तुझे मगरूर से ताल्लुक बढ़ाना ही नहीं था//१ जाना जब निकल रही हो तेज तपिश,तो फिर तुझे तपिश
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