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Krishna Deo Prasad. ( Advocate ).
White वक्त लगा दो , अपना वक्त बनाने में, कसम से लोग तरस जायेंगे तुम्हें अपना बनाने में ।। ©Krishna Deo Prasad. ( Advocate ). #mountain #वक्त लगा दो , अपना वक्त बनाने में, कसम से लोग तरस जायेंगे तुम्हें अपना बनाने में ।।
Falak Naaz
White उसके ना होने का असर मेरे हाल में नज़र आता है जो भी देखता है तरस खाता है ©Falak Naaz #SAD तरस खाते हैं 🙁 #shayaari #sad_emotional_shayries #Heart #Broken💔Heart #hindi_shayari #Hindi #hindi_poetry
Ankit Singh
“मूक प्राणी के लिए जीवन उतना ही प्रिय है जितना इन्सान के लिए है जैसे ही कोई इन्सान खुशी और दर्द चाहता है वैसे ही अन्य जीव भी चाहते हैं।” ©Ankit Singh मूक प्राणी के लिए जीवन उतना ही प्रिय है जितना इन्सान के लिए है जैसे ही कोई इन्सान खुशी और दर्द चाहता है वैसे ही अन्य जीव भी चाहते हैं #anima
Dil galti kr baitha h
हम रूठे भी तो किसके भरोसे रूठें कौन है जो आयेगा हमें मनाने के लिए हो सकता है तरस आ भी जाये आपको पर दिल कहाँ से लायें आपसे रूठ जाने के लिये। ©Dil galti kr baitha h हम रूठे भी तो किसके भरोसे रूठें कौन है जो आयेगा हमें मनाने के लिए हो सकता है तरस आ भी जाये आपको पर दिल कहाँ से लायें आपसे रूठ जाने के लिय
Ak.writer_2.0
Poet Maddy
मेरी जान अपनी नज़रों के तीर तुम, हम पर इस तरस से चलाया न करो........... लोग शक करते हैं हमारे रिश्ते पर, यूं हमको देखकर मुस्कुराया न करो........... ©Poet Maddy मेरी जान अपनी नज़रों के तीर तुम, हम पर इस तरस से चलाया न करो........... #Dear#Eyes#Treat#People#Doubt#Relationship#Smile..........
Rajesh Arora
............ ©Rajesh Arora तरस गए #Nojoto #nojotoquote #Shayari #poem #Poetry #Quotes
वंदना ....
हमने रिश्ते को बिगड़ते हुए देखा ....... अपनों को अपनों से झगड़ते हुए देखा ........हमने घरों को उजड़ते हुए देखा हर इंसान को बदलते हुए देखा छल , कपट , खुदगर्जी ............... ...........……इन्हें अपनाते हुए देखा प्रेम , त्याग , इंसानियत को भुलाते हुए देखा ..............…........ पैसा , धर्म , जात ,रंग , भाषा , जमीन ..........…...........इसके लिए इंसान को जानवर होते हुए देखा सच में इंसान को ......................... इतनी नीचे गिरते हुए देखा ©वंदना .... हमारे पूर्वज जो बंदर थे ना ..धीरे-धीरे उनकी बुद्धि डेवलप होती गई ...आज उसका अंजाम हमारे सामने है ....कभी-कभी सवाल आता है . .और भी प्राणी थे
Satish Ghorela