Find the Latest Status about ashtavakra gita osho part 3 from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos.
रामजी की बेटी
आश्चर्य! समुद्र में भी मछली का शरीर इतना अधिक बढ़ गया कि मछली के रहने के लिए वह छोटा पड़ गया। अतः मछली पुनः सत्यव्रत से बोली: राजन! यह समुद्र भी मेरे रहने के लिए उपयुक्त नहीं है। मेरे रहने की व्यवस्था कहीं और कीजिए। सत्यव्रत विस्मित हो उठा। उसने आज तक ऐसी मछली कभी नहीं देखी थी। वह विस्मय-भरे स्वर में बोला: मेरी बुद्धि को विस्मय के सागर में डुबो देने वाले आप कौन हैं? आपका शरीर जिस गति से प्रतिदिन बढ़ता है, उसे दृष्टि में रखते हुए बिना किसी संदेह के कहा जा सकता है कि आप अवश्य परमात्मा हैं। यदि यह बात सत्य है, तो कृपा करके बताइये के आपने मत्स्य का रूप क्यों धारण किया है? ©रामजी की बेटी part 3
Dill ke alfaaz
जब तुम्हारे दिल मैं कोई और है तो हम कैसे कह दे की हमारे दिल मैं तुम हो ©prachi part 3
Mahima Yadav..
इरादा पक्का था, फना भी हो जाते राह तकती रह गई, मगर परवाना नही आया टकरा तो गए बदहवासी में उनसे, बचने का मगर कोई बहाना नही आया गुरुर से कह दिए तुम जाओ यहाँ से, ठुकरा तो दिए, मगर भुलाना नही आया जन्नत से गुजरे, जहन्नुम भी घूमे तलाश सुकूँ की थी, मगर उनका ठिकाना नही आया ©Mahima Yadav.. part-3