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ঔৣRiຮђi
White Are kaha gayi wo purani mahfil bahut arsa ho gya sab se mile ajayo waps sab ©ঔৣRiຮђi #Sad_Status Urmeela Raikwar (parihar) Kajal jha (kaju) जीतू मिश्रा ... pramodini Mohapatra नीर
#Sad_Status Urmeela Raikwar (parihar) Kajal jha (kaju) जीतू मिश्रा ... pramodini Mohapatra नीर
read more@Gudiya*****
,,, आंखों का पानी ,, और हर किसी की कहानी ,, समझना हर किसी की बस की बात नहीं ©@Gudiya***** katha(कथा ) Rajat Bhardwaj M.K.kanaujiya Urmeela Raikwar (parihar)
katha(कथा ) Rajat Bhardwaj M.K.kanaujiya Urmeela Raikwar (parihar)
read morePyare ji
White इंसान सबसे अधिक पीड़ा तब महसूस करता है, जब अपने ही लोग उसके खिलाफ खड़े हो जाएं और अन्याय करने लगें। ऐसे समय में उन अपनों के खिलाफ लड़ना सबसे कठिन हो जाता है। अर्जुन यह लड़ाई इसलिए लड़ सका, क्योंकि उसे मार्गदर्शन देने वाले और युद्ध के लिए तैयार करने वाले स्वयं भगवान श्रीकृष्ण थे। लेकिन आम जीवन में ऐसा संबल और मार्गदर्शक नहीं होता। जब अपनों के खिलाफ खड़ा होना पड़ता है, तो इंसान भीतर से पहले ही टूट जाता है। मानसिक हार उसे इतना कमजोर कर देती है कि लड़ाई लड़ने की ताकत ही खत्म हो जाती है। ऐसे में जीत की उम्मीद तो बहुत दूर की बात बन जाती है। ©Pyare ji #Sad_Status katha (कथा ) R Ojha Ashutosh Mishra Urmeela Raikwar (parihar) Sircastic Saurabh
#Sad_Status katha (कथा ) R Ojha Ashutosh Mishra Urmeela Raikwar (parihar) Sircastic Saurabh
read moreVishalkumar "Vishal"
White Bune the sab rang Muhabbat ke libaas me Ghuli jo Nafraten to Dhaage udhar gaye ©Vishalkumar "Vishal" Shilpa Yadav Shiv Narayan Saxena Mukesh Poonia
Shilpa Yadav Shiv Narayan Saxena Mukesh Poonia
read morewriter Ramu kumar
White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 62) में आपका स्वागत है! लेकिन विधाता को यह भी मंजूर नहीं! कमरे से चौराहे तक अभी पहुंचा नहीं ,तब तक कमरे का मालिक पीछे से नंदू का हाथ पकड़ लेता है! और बुलंद आवाज में पूछता है कहां जा रहे हो किसी ने बताया कि तुम घर जा रहे हो? नंदू उदासी की चादर संभालते हुए बोलता है जी हां ,और मेरे पास और कोई दूसरा रास्ता नहीं है! कमरे का मालिक गरजते हुए और दो माह से जो किराया नहीं दिया है वह कौन देगा? नंदू अपने पैकेट से कलम निकालता है, और बिजली के खंभे पर एक पोस्टर लगा होता है!झट से उसी को उतार लेता है!और अपना घर का पत्ता लिख कर उसके हथेली पर रख देता है, और बोलता है कुछ दिनों में मैं आकर आपका किराया दे दूंगा, और यदि नहीं आ पाया तो आप इस पत्ते पर आकर चार गुना किराया ले जाइएगा! रूम मालिक अपना दांत निकाल कर हंसने लगता है! और बोलता है- इस दुनिया में सबसे बुद्धू हम हीं दिखते हैं क्या?वह कागज का टुकड़ा नंदू के हथेली पर रखते हुए, ये नौटंकी किसी और के सामने करना लाओ पहले किराया जमा करो! ©writer Ramu kumar #Sad_Status #writerRamukumar Sethi Ji Urmeela Raikwar (parihar) N.B.Mia Anshu writer Sadanand Kumar हिंदी फिल्म
#Sad_Status #writerRamukumar Sethi Ji Urmeela Raikwar (parihar) N.B.Mia Anshu writer Sadanand Kumar हिंदी फिल्म
read morewriter Ramu kumar
White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 61) में आपका स्वागत है! दोनों हंस आंसुओं की सागर में तैरने लगा!जो भी जमा पूंजी था धीरे-धीरे खत्म हो गया! अंत में सहारा देने वाला दीपक बेसहारा छोड़ कर हमेशा के लिए बुझ गया! अंधेरे में विषाद दिन प्रतिदिन अपना विकराल रूप दिखाता रहा! नंदू सीखा के दुखों को समेटने में इतना व्यस्त हो गया, कि वह भूल गया कि मैं किसी कंपनी का एक मामूली सा नौकर हूं! हर एक सप्ताह में चार दिन छुट्टी ही रहता था! किसी भी कंपनी को आपके दुख, समस्या ,आर्थिक कमजोरी, इन सब विषयों पर चिंतन करने से क्या फायदा!उसे तो सिर्फ अपना लाभ हानि से मतलब है! अंततोगत्वा नंदू को कंपनी से बर्खास्त कर दिया गया! शिखा की आस जो नंदू पर टिकी थी, वह भी अब धुंधला नजर आने लगा!एक रोटी के लिए भी घंटों सोचना पड़ता था! किसी दिन रोटी नसीब होता तो किसी दिन वह भी नहीं! अंत में नंदू को अपना घर मां और पिताजी की याद आई! एक कहावत है-- चिड़िया चाहे उड़े आकाश,फिर करे धरती की आस!शिखा को साथ ले कर नंदू अपने गांव के लिए रवाना हुआ ©writer Ramu kumar #good_night #writerRamukumar Urmeela Raikwar (parihar) N.B.Mia Sethi Ji Anshu writer Komal patel हिंदी फिल्म
#good_night #writerRamukumar Urmeela Raikwar (parihar) N.B.Mia Sethi Ji Anshu writer Komal patel हिंदी फिल्म
read morewriter Ramu kumar
White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 58) में आपका स्वागत है! !सुबह का समय! मीठी हवा पेड़ो को सहलाकर कर जगा रही थी! सूर्य की रोशनी ओस के बुंदो को मनी रूप दे रहा था! नंदू दरवाजे की तरफ देखते हुए बोलता है, अब हमें चलना चाहिए! शिखा- नाश्ता कर लीजिए फिर चले जाइएगा! नंदू- चाय पीते पीते तो सुबह हो गई', यदि नाश्ता करेंगे तो ना जाने कई दिन लगेंगे! दोनों जोर जोर से हंसने लगते हैं!हंसी की आवाज से सारा घर गूंज उठता है!इसी हंसी का सहारा लेते हुए नंदू अपने कमरे के तरफ चल पड़ता है!पूरी रात जागने की वजह से नींद नंदू को अकेले देखते ही दबोच लेता है!और उसे नींद महल की ओर लेकर रवाना हो जाता है!कुछ समय बीतने के बाद शिखा दौड़ती भागती नंदू के यहां पहुंचती है ,और जोर-जोर से दरवाजा खटखटाने लगती है !नंदू दरवाजा खोलता है!शिखा काफी घबराई हुई थी और शिसक रही थी!नंदू आश्चर्यचकित होकर पूछता है ,शिखा क्या हुआ क्यों रो रही हो?नंदू की आवाज सुनते ही सीखा और जोर जोर से रोने लगती है!नंदू पूरी तरह घबरा जाता है ,और सिखा कि हाथ पकड़ते हुए बोलो सिखा क्या हुआ? सीखा हिचकियां लेती हुई बोलती है!पिताजी का एक्सीडेंट हो गया है! ये शब्द सुनते ही नंदू का कलेजा कांप जाता है! ©writer Ramu kumar #GoodMorning #writerRamukumar Sethi Ji pramodini Mohapatra $ Râni Anshu writer Urmeela Raikwar (parihar) हिंदी फिल्म
#GoodMorning #writerRamukumar Sethi Ji pramodini Mohapatra $ Râni Anshu writer Urmeela Raikwar (parihar) हिंदी फिल्म
read morewriter Ramu kumar
White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 58) में आपका स्वागत है! शिखा--चाय पीजियेगा बनाएं? नंदू-- नहीं रहने दीजिए आप आराम कीजिए! लेकिन शिखा कहां मानने वाली, कुछ ही मिनटों में चाय बना कर ले आती है! दोनों एक साथ बैठकर चाय पीते हैं! ढेर सारी बातें होती हैं! बात करते करते सुर्योदय हो जाता है !! ©writer Ramu kumar #love_shayari #writerRamukumar pramodini Mohapatra Sethi Ji $ Râni Urmeela Raikwar (parihar) Anshu writer हिंदी फिल्म
#love_shayari #writerRamukumar pramodini Mohapatra Sethi Ji $ Râni Urmeela Raikwar (parihar) Anshu writer हिंदी फिल्म
read morewriter Ramu kumar
सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 57) में आपका स्वागत है! चलिए पहले खाना खाकर दवा खाईए!मुझे वापस भी जाना है! शिखा पूरी तरह भीग चुकी थी! हवा की तेज थपेड़े खा खा कर कांप रही थी!नंदू अपना स्टॉक जलाता है!शिखा के तरफ खिशकाते हुए लीजिए , तब तक हाथ सेकिए!मैं जल्दी से खाना खाकर दवा खा लेता हूं!नंदू जल्दी-जल्दी खाना खाकर दवा खाता है!और फिर शिखा को लेकर उसके क्वार्टर तक छोड़ने चलता है! बिजली ना होने के कारण चारों तरफ अंधेरा रहता है! रास्ते में लगे पेड़ पौधे काले बड़े दानव के समान दिख रहे थे! कमरे पर पहुंच कर,नंदू बोलता है ठीक है अब आप आराम कीजिए मैं जा रहा हूं!सीखा तेज आवाज में बोलती है !नहीं नहीं आपको कहीं नहीं जाना है, बाप रे मैं अकेले यहां डर के मारे मर जाऊंगी!आप यही बरामदे में लेट जाइए! इतना कहती हुई कपड़े बदलने कमरे में चली जाती है!नंदू वही बरामदे में बैठ जाता है कुछ देर के बाद शिखा आती है पूछती है? आपको ठंड लग रहा है! नंदू अपना सिर हिलाते हुए नहीं नहीं! ©writer Ramu kumar #Sad_Status #writerRamukumar Sethi Ji Anshu writer Anshu writer Urmeela Raikwar (parihar) arvind bhanwra ambala. India हिंदी फिल्म
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read morewriter Ramu kumar
सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 56) में आपका स्वागत है! उधर से सिहरी हुई आवाज आती है !मैं सीखा हूं, आपके लिए खाना लेकर आई थी, कब से दरवाजा खटखटा रही थी लेकिन आप खोले नहीं, तो मैं यहीं बैठ गई!अभी तक पिताजी भी नहीं आए हैं, और वह आज आएंगे भी नहीं जब जब मौसम खराब होता है !तब तब वह नहीं आते हैं!काफी देर तक आपका इंतजार किया लेकिन आप भी नहीं आए!इसीलिए मैं हीं चली आई! नंदू के मुंह से कुछ भी आवाज नहीं निकल रहा था!वह हक्का-बक्का सा मुंह खोलकर शिखा की सारी बातें सुन रहा था! सीखा खड़ी होती है!और नंदू से बोलती है, अंदर नहीं बुलाइएगा नंदू हकलाते हुए, हां हां क्यों नहीं चलीए अंदर चलिए!इतनी तेज तूफान में आना जरूरी था!नंदू अपने दोनों हाथों से अपने ही गालों में मारते हुए!यह सब मेरी वजह से हुआ है!शिखा नंदू के हाथ पकड़ते हुए,यह क्या कर रहे हैं आप,अच्छा किए कि आप नहीं गये!नहीं तो आपकी तबीयत और खराब हो जाती! ©writer Ramu kumar #sad_quotes #writerRamukumar Sethi Ji N.B.Mia pramodini Mohapatra Urmeela Raikwar (parihar) arvind bhanwra ambala. India हिंदी फिल्म
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