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Yogi Sonu
hanuman jayanti 2024 उपनिषद कहता है अपने आप को ब्रह्म जानो आत्मा और परमात्मा में अभेद संबंध स्थापित करो न्याय पूर्वक धन प्राप्त करो और चोरी मत करो इससे तुम्हारे अंत करण की शुद्धि होगी यह किसी परमात्मा के लिए नही अपनी अंतकरण की शुद्धि और अभयता के लिए सबसे सरल मार्ग है । #qotes ©Yogi Sonu उपनिषद कहता है अपने आप को ब्रह्म जानो आत्मा और परमात्मा में अभेद संबंध स्थापित करो न्याय पूर्वक धन प्राप्त करो और चोरी मत करो इससे तुम्हार
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
Shivkumar
देवी सिद्धिदात्री सिद्धिदात्री हैं नवम, माँ दुर्गा अवतार I अभिलाषा पूरी करें, देवी बारम्बार II . कल्याण हेतु ही रखा, सिद्धिदात्री नाम I विधि विधान से सब करें, पूजन के हर काम II . शिव के आशीर्वाद से, अष्ट-सिद्धि कीं प्राप्त I धन-बल-यश से युक्त माँ, चहुँदिश में हैं व्याप्त II . माँ का आसन है कमल, रहती सिंह सवार I चक्र, गदा कर दाहिने, करे दुष्ट संहार II . शंख, कमल धारण किए, अपने बाएँ हाथ I शांति, धर्म, सत्कर्म का, देवी देती साथ II . दान नारियल का करें, काला चना प्रसाद I देवी को प्रिय बैंगनी, इसमें नहीं विवाद II . सिद्धिदात्री साधना, जो भी करता संत I कुछ रहता अगम्य नहीं, करे अवरोध अंत II . शिव के अर्द्ध शरीर में, शामिल देवी मान I जागृत बोध असारता, जो भी करता ध्यान II . देवी मंगल दायिनी, शिव का यह वरदान I सभी कार्य में सफलता, भक्तों करे प्रदान II . पूजन में अर्पित करें, मधु, फल-पुष्प सुगन्ध I देवी भक्तो प्रति रखे, प्रेमपूर्ण सम्बन्ध II ©Shivkumar #navratri #navaratri2024 #navratri2025 #नवरात्रि #Nojoto देवी सिद्धिदात्री सिद्धिदात्री हैं नवम, #माँ दुर्गा अवतार I अभिलाषा पूरी करे
gaTTubaba
Beautiful Moon Night जब पहुंच रहे थे तरक्की की लिफ्ट से ऊपर अगली मंजिल की ओर तब शीशे में अपने आप को खुद की नजर में गिरते हुए देखा ... जिनको गलत समझ रहे थे उनमें सही को देखा क्योंकि कागज के सिवा हमने और क्या देखा ? जिसने ना रूप देखा ना धन देखा ना देखी असलियत और ना मन देखा उन आंखों में देखकर भी हमने इश्क क्यों नहीं देखा ? जो आ रहा था नजर गलत शायद वो भी सही हो हमने गलत से पर्दा हटाकर कब देखा ? तुम क्यों कहती हो ? वो हमारे पास नहीं बताओ तुमने हमारा दिल खोलकर कब देखा ? ©gaTTubaba #beautifulmoon जब पहुंच रहे थे तरक्की की लिफ्ट से ऊपर अगली मंजिल की ओर तब शीशे में अपने आप को खुद की नजर में गिरते हुए देखा ... जिनको गल
Devesh Dixit
जीवन एक बिसात ये जीवन देखो एक बिसात है, जिसमें शतरंज सी हर बात है। फूँक फूँक कर कदम रखना है, आती मुसीबत से भी बचना है। कौन कहाँ पर कब कैसे घेरे, काट कर बातों को वो मेरे। मुझ पर ही हावी हो जाए, काम ऐसा कुछ कर जाए। उलझ जाऊँ मैं तब घेरे में, शतरंज के फैले इस डेरे में। शह-मात का चलन रहा है, देख पानी सा रक्त बहा है। युद्ध छिड़ा धन सम्पत्ति पर, कभी नारी की इज्जत पर। भाई-भाई में द्वेष बड़ा है, देखो कैसे अधर्म अडा़ है। खून के प्यासे दोनों भाई, महाभारत की देते दुहाई। प्रेम भाव सब ख़त्म हुआ है, ये जीवन अब खेल हुआ है। सभ्यता ही सब गई है मारी, बुजुर्गों का जीवन ये भारी। मिले नहीं सम्मान उन्हें अब, संतानें ही विद्रोह करें जब। कलियुग का ये प्रभाव सारा, किसने किसको कैसे मारा। संस्कारों की बलि चढ़ी है, मुश्किल की ही ये घड़ी है। होती है ये अनुभूती ऐसी, शतरंज में दिखती है जैसी। .......................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #जीवन_एक_बिसात #nojotohindi #nojotohindipoetry जीवन एक बिसात ये जीवन देखो एक बिसात है, जिसमें शतरंज सी हर बात है। फूँक फूँक कर कदम रखना ह
Ankit Upadhyay....
Black मनुष्य का असली चरित्र तब सामने आता है, जब वो नशे में होता है, फिर नशा चाहे धन का हो, पद का हो, रूप का हो या शराब का हो..! ©Ankit Upadhyay.... #Thinking #जिंदगी_के_सच #पद #धन #शराब #Nojoto #Emotion #thought_of_the_day
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} सहस्र चंडी यग्न :- 📜 सत्ता बल, शरीर बल, मनोबल, शस्त्र बल, विद्या बल, धन बल आदि आवश्यक उद्देश्यों को प्राप्ति के लिए सहस्र चंडी यग्न का महत्व हमारे धर्म-ग्रंथों में बताया गया है। इस यग्न को सनातन समाज में देवी माहात्म्यं भी कहा जाता है। सामूहिक लोगों की अलग-अलग इच्छा शक्तियों को इस यज्ञ के माध्यम से पूरा किया जा सकता है। अगर कोई संगठन अपनी किसी एक इच्छा की पूर्ति या किसी अच्छे कार्य में विजयी होना चाहता है तब यह सहस्र चंडी यग्न बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। असुर और राक्षस लोगों से कलयुग में लोहा लेने के लिए इसका पाठ किया जाता है। 📜 मार्कण्डेय पुराण में सहस्र चंडी यग्न की पूरी विधि बताई गयी है। सहस्र चंडी यग्न में भक्तों को दुर्गा सप्तशती के एक हजार पाठ करने होते हैं। दस पाँच या सैकड़ों स्त्री पुरुष इस पाठ में शामिल किए जा सकते हैं और एक पंडाल रूपी जगह या मंदिर के आँगन में इसको किया जा सकता है। यह यग्न हर ब्राह्मण या आचार्य नहीं कर सकता है। इसके लिये दुर्गा सप्तशती का पाठ करने वाले व मां दुर्गा के अनन्य भक्त जो पूरे नियम का पालन करता हो ऐसा कोई विद्वान एवं पारंगत आचार्य ही करे तो फल की प्राप्ति होती है। विधि विधानों में चूक से मां के कोप का भाजन भी बनना पड़ सकता है इसलिये पूरी सावधानी रखनी होती है। श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से पहले मंत्रोच्चारण के साथ पूजन एवं पंचोपचार किया जाता है। यग्न में ध्यान लगाने के लिये इस मंत्र को उच्चारित किया जाता है। ©N S Yadav GoldMine #navratri {Bolo Ji Radhey Radhey} सहस्र चंडी यग्न :- 📜 सत्ता बल, शरीर बल, मनोबल, शस्त्र बल, विद्या बल, धन बल आदि आवश्यक उद्देश्यों को प्राप्
Shivkumar
ब्रह्माण्ड में चारों तरफ़ सिर्फ अंधकार था व्याप्त। चौथे रुप में माता ने तब किया अण्ड निर्माण।। सभी जीवों और प्राणियों में है मां का तेज। माता के कृपा बिना हो जाते हैं सब निस्तेज।। सारा चराचर जगत है मां के ही माया से मोहित। मां के ही प्रेरणा से होता है जगत में सबका हित।। दिव्य प्रकाश जगत में मां कुष्मांडा फैलाती। ममतामई, करुणामई, कल्याणकारी कहलाती।। सौम्य स्वभाव वाली है मेरी मां अष्टभुजाओंवाली। भक्तों की सारी विपदा दूर करती है महामाई।। जो कोई श्रद्धा भक्ति से मां के शरण में आता। सुख, समृद्धि,धन, सम्पदा बिन मांगे मिल जाता।। ©Shivkumar #navratri #navratrispecial #नवरात्रि #navratri2024 #ब्रह्माण्ड में चारों तरफ़ सिर्फ #अंधकार था व्याप्त । चौथे रुप में माता ने तब किया
AYUSH SINGH
White सुख का दिन डूबे डूब जाए। तुमसे न सहज मन ऊब जाए। खुल जाए न मिली गाँठ मन की, लुट जाए न उठी राशि धन की, धुल जाए न आन शुभानन की, सारा जग रूठे रूठ जाए। उलटी गति सीधी हो न भले, प्रति जन की दाल गले न गले, टाले न बान यह कभी टले, यह जान जाए तो ख़ूब जाए। ©AYUSH Kumar सुख का दिन डूबे डूब जाए। तुमसे न सहज मन ऊब जाए। खुल जाए न मिली गाँठ मन की, लुट जाए न उठी राशि धन की, धुल जाए न आन शुभानन की, सारा जग र