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Shivkumar
White * मासूम जानवर * समझ़ लिया करों उनका भी दर्दं जो दरवाजे पर नम आंखो से आते है पेट मे भूख़ का दर्दं लिये ज़ब मासूम ज़ानवर आस लिये आते है ताजी अच्छी रोटी नही वो बासी भी ख़ा लेतें है बिना कुछ बोलें ही वो मासूम अपना दर्दं बता देते है बोल नही पातें कुछ बेज़ुबान वो दिल से उनकी तकलीफ समझ़ लिया करो छिनने नही आते कुछ वो तुमसें बस प्यार से हाथ फ़ेर दिया करो गली से निक़लते है ज़ब वो तो पत्थर मत मारा करों बेज़ुबान मासूम जानवर हैं वो उनको भी प्यार भरी नजरो से देख़ लिया करों ©Shivkumar #Animals #animalslover #animallover #AnimalMemes #animalword * #मासूम जानवर * समझ़ लिया करों उनका भी दर्द जो दरवाजे पर नम #आंखों से आत
Arora PR
White किसने कहदिया कि जीवन में कुछ नही होता पर मै जानता हैँ जीवन में बहुत कुछ होता हैँ केकिन वो *बहुत कुछ " हर किसी के नसीब में नही होता ©Arora PR बहुत कुछ
Neel
सच बोलें तो लगता है ये, पत्थर का शहर है, जो बोलें झूठ तो हम खुद ही, पत्थर के हो गए। 🍁🍁🍁 ©Neel जो बोलें झूठ 🍁
मुसाफिर
इस चांदनी का चकोर, मैं । रातों का शोर, मैं । इसी रास्ते का मुसाफ़िर, मैं। ढूंढ़ता कोई साथी, मैं । ©मुसाफिर #कुछ पल
Divyanshu kumar singh
हुई मुहब्बत कम, अगर हमसे तुम्हारी, तो तुम्हारी मैं फिक्र, करना छोड़ दूंगा। पर अगर कंही, तुम्हे लगा ठोकर, तो तुम्हे गिरने, न दूंगा।। ~दिव्यांशु कुमार सिंह✍️ ©Divyanshu kumar singh #कुछ अलग कुछ नया
सुप्रिया
कुछ जरूरतें... कुछ जिम्मेदारियां और बहुत सी दबी ख्वाहिशों का अकेला श्मसान है पुरुष.... दर्द होता है पर कभी बिलखता नहीं शायद अकेले में टूटता होगा आखिर इंसान हैं पुरुष... सबके लिए हकीकत खुद के लिए ख्वाब है स्त्री.... हां कांटे जरूर है लेकिन कोमल गुलाब है स्त्री.... दर्द में खुद टूटकर भी सबको समेटे रखतीं हैं स्त्री..... हर ज़ख्म के मरहम की एक ऐसी किताब है स्त्री.... ©सुप्रिया कुछ जरूरतें है कुछ जिम्मेदारियां
मुसाफिर
मेरे चेहरे की मुस्कुराहट की तारीफ़ तो सब करते है उन्हें क्या पता, इस चेहरे की मुस्कुराहट के पीछे तेरी यादों की एक मीठी एहसास है। ©मुसाफिर #कुछ पल
Krishna
हर पल उसका साथ निभाते हम एक इशारे पर दुनिया छोड़ जाते हम समन्दर के बीच में फरेब किया उसने कहते तो किनारे पर ही डूब जाते हम ©Krishna कुछ सच्चाई कुछ सच्चाई