Find the Latest Status about harsha bhogle wiki from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, harsha bhogle wiki.
جلال
White किसी और की मोहब्बत है इसी लिए गवारा मुझे डूबने की हसरत तुझे चाहिए किनारा کسی اور کی محبت ہے اسی لیے گوارہ مجھے ڈوبنے کی حسرت تجھے چاہیے کنارہ कहीं इसके बदले ये है कहीं उसके बदले वो है तो मफ़ाद भी यक़ीनन किसी शय का है ख़सारा کہیں اِسکے بدلے یہ ہے کہیں اسکے بدلے وہ ہے تو مفاد بھی یقیناً کسی شے کا ہے خسارہ तिरे दीद की तलब में सर ए राह मैं था लेकिन लब ए बाम से किया है किसी और को इशारा ترے دید کی طلب میں سرِ راہ میں تھا لیکن لبِ بام سے کیا ہے کسی اور کو اشارہ शब ए ग़म की वहशतों से तुझे दी जो हैं सदाएँ ये कमी नहीं है तेरी तुझे आदतन पुकारा شبِ غم کی وحشتوں سے تجھے دی جو ہیں صدائیں یہ کمی نہیں ہے تیری تُجھے عادتاً پکارا ये तसल्लियों के बोसे नहीं चाहिए मुझे अब न यक़ीं दिला तू मुझको तुझे जीत के मैं हारा یہ تسلیوں کے بوسے نہیں چاہیے مجھے اب نہ یقیں دلا تو مُجھکو تُجھے جیت کے میں ہارا कभी ख़ुद को सोच कर मैं यही ख़ुद से पूछता हूँ तुझे चाहिए क्या मुझसे तू बता तो कुछ ख़ुदा-रा کبھی خود کو سوچ کر میں یہی خود سے پوچھتا ہوں تجھے چاہیے کیا مُجھسے تو بتا تو کچھ خدارا ये हयात इक सज़ा है मुझे मौत माॅंगनी है किसी सम्त दिख रहा क्या कोई टूटता सितारा یہ حیات اک سزا ہے مجھے موت مانگنی ہے کسی سمت دکھ رہا کیا کوئی ٹوٹتا ستارہ ©جلال #Thinking सफ़ीर 'रे' Rakhee ki kalam se harsha mishra कवि आलोक मिश्र "दीपक" Sarfraz Ahmad
#Thinking सफ़ीर 'रे' Rakhee ki kalam se harsha mishra कवि आलोक मिश्र "दीपक" Sarfraz Ahmad
read moreविवेक ठाकुर 'शाद'
👉 ग़ज़ल - कोई अपना नहीं... 👉 काफ़िया - आ 👉 रदीफ़ - नहीं होता 👉 बह्र - बहर-ए-हज़ज मुसम्मन सालिम 👉 वज़्न - 1222 1222 1222 1222 👉 अरकान - मुफ़ाईलुन मु
read moreविवेक ठाकुर 'शाद'
👉 ग़ज़ल - सुहाना मौसम.... 👉 काफ़िया - आना 👉 रदीफ़ - हुआ 👉 बह्र - बहर-ए-मुतदारिक मुसम्मन सालिम 👉 वज़्न - 212 212 212 212 👉 अरकान - फ़ाइलुन फ़ाइलुन
read moreShivam Verma
White I LOVE YOU ❤️🩹 HARSHA ©Shivam Verma Harsha meri Jaan ll
Harsha meri Jaan ll
read moreविवेक ठाकुर 'शाद'
👉 ग़ज़ल - अरमाँ दफ़्न हुए.... 👉 काफ़िया - ओ 👉 रदीफ़ - अच्छा हुआ 👉 बह्र - बहर-ए-रमल मुसम्मन महज़ूफ़ 👉 वज़्न - 2122/2122/2122/212 👉 अरकान - फ़ाएलातु
read moreविवेक ठाकुर 'शाद'
👉 ग़ज़ल - बरसती आँखें.... 👉 काफ़िया - आए 👉 रदीफ़ - बैठा है 👉 बह्र - बहर-ए-मीर 👉 वज़्न - 22 22 22 22 22 22 22 2 👉 अरकान - फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन
read moreविवेक ठाकुर 'शाद'
👉 ग़ज़ल - कुछ वादे.... 👉 काफ़िया - इये 👉 रदीफ़ - ग़ैर-मुरद्दफ़ ग़ज़ल 👉बह्र - बहर-ए-मुज़ारे मुसम्मन अख़रब मकफ़ूफ़ महज़ूफ़ 👉 वज़्न - 221 2121 1221 212
read moreविवेक ठाकुर 'शाद'
👉 ग़ज़ल- दुनिया कायम है... 👉 क़ाफ़िया- आते 👉 रदीफ़- हैं 👉 बह्र - बहर-ए-मीर 👉 वज़्न - 22 22 22 22 22 2 👉 अरकान - फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़े
read more