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Sandhya Chaturvedi
.. सूखते हैं ताल पोखर ताप इतना बढ़ रहा, पेड़ के केशों में ना अवलेखनी करती हवा। दृगों की आद्रता कम हो रही, चातकों की आस भी कुम्हला रही, नाचते मोर के थक रहे पाँव हैं, छाँव भी अब माँगती छाँव है। कब तक श्यामल मेघों की यूँ प्रतीक्षा करें, आओ आषाढ़ को चिट्ठी लिखें.! ©Sandhya Chaturvedi आओ आषाढ़ को चिठ्ठी लिखें... Niaz (Harf) poonam atrey Nitish Tiwary Himanshu Gupta Ek Lamba safer with Adarsh upadhyay
आओ आषाढ़ को चिठ्ठी लिखें... Niaz (Harf) poonam atrey Nitish Tiwary Himanshu Gupta Ek Lamba safer with Adarsh upadhyay #Motivational
read moreSandhya Chaturvedi
White सुनो साहिब - कैसे करूँ एतबार तुमपे हर दिन रंग बदलते हो तुम उम्मीद जगाकर बार बार हर बार मायूस करते हो तुम एक लम्हे में बन जाते हो अजनबी बरसों अपना बताते हो तुम ख़ता करते हो बेबाक़ी से फिर ख़ुद ही रूठ जाते हो तुम क़रार बनकर मेरे दिल का बहुत बेकरार करते हो तुम नहीं देंगे आवाज अब तुम्हें, जाओ देखें कहाँ जाते हो तुम.. ©Sandhya Chaturvedi #Sad_shayri poonam atrey Nitish Tiwary Niaz (Harf) AD Grk Ek Lamba safer with Adarsh upadhyay
#Sad_shayri poonam atrey Nitish Tiwary Niaz (Harf) AD Grk Ek Lamba safer with Adarsh upadhyay
read moreJashvant
White कुछ इश्क़ किया कुछ काम किया वो लोग बहुत ख़ुश-क़िस्मत थे जो इश्क़ को काम समझते थे या काम से आशिक़ी करते थे हम जीते-जी मसरूफ़ रहे कुछ इश्क़ किया कुछ काम किया काम इश्क़ के आड़े आता रहा और इश्क़ से काम उलझता रहा फिर आख़िर तंग आ कर हम ने दोनों को अधूरा छोड़ दिया ©Jashvant हम जीते जी मसरूफ रहे Rajdeep Ek Alfaaz Shayri R...Ojha Manshi Sahu Sangeet...
हम जीते जी मसरूफ रहे Rajdeep Ek Alfaaz Shayri R...Ojha Manshi Sahu Sangeet... #Life
read moreJashvant
White कोई ख़बर भी न भेजी बहार ने आते कि हम भी क़िस्मत-ए-मिज़्गाँ सँवारने आते फिर आरज़ू से तक़ाज़ा-ए-रस्म-ओ-रह होता निगह पे क़र्ज़ थे जितने उतारने आते ये ज़िंदगी है हर इक पैरहन में सजती है नहीं थी जीत नसीबों में हारने आते कोई शरर कोई ख़ुश्बू कि दिल न बुझ जाए किसी भी नाम से ख़ुद को पुकारने आते अभी यहाँ तो नहीं हो सकी हिकायत-ए-जाँ नए वरक़ पे नए नक़्श उभारने आते कभी ग़ुबार कभी नक़्श-पा-ए-राह-रवाँ वो रहगुज़र थी कि हर रूप धारने आते मिरा सुकूँ भी मिरे आँसुओं के बस में था ये मेहमाँ मेरी दुनिया निखारने आते जो हम नहीं तो सर-ए-रहगुज़ार-ए-दर्द 'अदा' वो कौन थे जो दिल-ओ-जाँ को वारने आते ©Jashvant Good Evening With Gazal Geet... Chanda Manshi Sahu R... Ojha Ek Alfaaz Shayri
Good Evening With Gazal Geet... Chanda Manshi Sahu R... Ojha Ek Alfaaz Shayri #Life
read moreBabli BhatiBaisla
धूप में चले बगैर सूरज की तपिश का अंदाजा नहीं होता और दोस्तो प्यार में पड़े बगैर कोई आवारा नहीं होता ख्यालों में ख्वाबों में भी जंजीर अच्छी नहीं लगती ध्यान से देखा किसी की मोहब्बत सच्ची नहीं लगती मयंक बैसला ©Babli BhatiBaisla मयंक Sethi Ji R... Ojha Ashutosh Mishra Neel Lalit Saxena R... Ojha
मयंक Sethi Ji R... Ojha Ashutosh Mishra Neel Lalit Saxena R... Ojha #शायरी
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