Nojoto: Largest Storytelling Platform

New वग Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about वग from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, वग.

Stories related to वग

JAGAT HITKARNI 274

• हजार हजार शुक्र उस जोतीस्वरुप नीरंजन नीराकारका है किं जिसने जमीन व आसमानको बनाया और तमाम सृष्टीको पैदाकीया परंन्तु उस की कारीगरीका भेद कि

read more
•  हजार हजार शुक्र उस जोतीस्वरुप नीरंजन नीराकारका है किं जिसने जमीन व आसमानको बनाया और तमाम सृष्टीको पैदाकीया परंन्तु उस की कारीगरीका भेद किसी पर जाहीर नहीहुआ कि क्या भेदहै फिर मेंरी जबानसे इश्वर परमात्माकी  तारीफ अदा नहीहोसक्ती और दूसरा मजमुन बतौर समुद्र केहै सो कलमसे लिखा जाताह कि जो२करतब मैने इन सौदागर महाजनान-के देखे वोह अजब तरहके नजर आये जिससे मुझ गरीब साध अनुपदासको तमांम जहांनके हिंन्दु मुसलमान और साध संत और पण्डित फकीर और मुल्कों मुल्कोंके राजा महाराजा और सातों  आठों और सब-विलायतोंके बादशाह और दीगर अंग्रेज वगैराकी खिदमतमें हाथ जोङकर अरज;करना लाजिम आया कि जिसको जादूचाला और राक्षस विधा और काफिर विधा और इन्द्रजाल कहतेहैं वोह एक किसमका पापहै कि जिस्तरहसे रावणने चलायाथा और मेह और मौतको कबजेमें करलीथी पापके सबबसे याने होम करा२के बुद्धी भी भ्रष्ट करदीथी इन्द्रजालके पापसे और काल वगैरा, पङा२करके लक्षमी अपने काबूमें करके लंकामें लेगयाथा और उसीतरहसे- हिरनाकश राजानेभी चलायाथा और उसीतरहसे कंन्स राजानेभी चलायाथा और उसीतरहसे कारुन बादशाहनेभी चलायाथा और रावण हिरनाकश कंस कारुन वगैराकी तरहसे बल राजाके बादसे इन सौदागर महाजनाननेभी-राक्षस विधाका पाप चलायाहै सोइन बनियोंनेभी मेहको और मोतको सहारे करलीहै और बुद्धी भ्रष्ट करदीहै  .....

•  सोइस.बातका.इन्साफकीया चाहीये क्युंकि इन्साफके-करनेसे,खुद,मालुम,होजावेगा- ... ( २२९ )
साध अनुपदास-  लीखी- 
कीताब - [ जगतहीतकारनी ] ( २७४ ) पढ़ें
छावणी ऐरनपुरा, शिवगंज - ३०७०२७  (राज.)
संपर्क :- 02976-273024 , 8905653801
www.jagathitkarnioriginal.org

©JAGAT HITKARNI 274 •  हजार हजार शुक्र उस जोतीस्वरुप नीरंजन नीराकारका है किं जिसने जमीन व आसमानको बनाया और तमाम सृष्टीको पैदाकीया परंन्तु उस की कारीगरीका भेद कि

JAGAT HITKARNI 274

जय परमेश्वर यह बनीये बेइमांन जादुके जुल्मसे-जमीनमाताको-आठ महीना रोगरखतेहें सो,गरमीके-महीनोंमें-तो,चारमहीना गरमीका रोगरखतेहें किजो-लुऐंवगैरा

read more
White जय परमेश्वर 
यह बनीये बेइमांन जादुके जुल्मसे-जमीनमाताको-आठ महीना रोगरखतेहें सो,गरमीके-महीनोंमें-तो,चारमहीना गरमीका रोगरखतेहें किजो-लुऐंवगैरा-जीयादा चलतीहें यह जमीनको गरम-ताओका-रोगहै?जब?आदमीयोंको और चोपायांन,पंखेरुओंको,गरम,ताओकी वजहसे बीमारीयांहोतीहें;और,सरदीके,महीनोंमें चार महीना सरदीका रोगरखतेहें,किजो,सरदीकीवजहसे जांनवरों वगैराको और;आदमीयों,वगेराको,ठंडा;ताओवगैरा चढताहे सोजबकि जमीनमाताको.ठंडा.ताओ चढताहे और जादुसे ठंडे ताओका.रोगकरतेहें.जब,अनाज,और बनासपतीवगेरा सरदीके,रोगकीवजहसे,जलजातीहे जेसाकि आदमीयोंको.ठंडा.ताओचढताहे और कलेजेमेंसेभी और पेटमेंसेभी.ठंडउठतीहे.उसीतरहसे जमीनकोभी सरदीकी-मोसममें;ठंडे;ताओका-रोग जादुसेकीयाहे और!जोगरमीके-दीनआतेहें-और लुऐंवगैरा जीयादा चलतीहें तोजादुसे-जमीनमाताको?गरम ताओका रोगकीयाहे और,जोआदमीको,यह,सरदी,और गरमीके रोगनहीहूं,तो हमेशां.तंन्दुरस्तीसे.सरीररहताहे और तबीयत खुशरहतीहे..... ( २४७ )

अज तसनीफ साध अनुपदास लीखी- 
कीताब - [ जगतहीतकारनी ] ( २७४ ) तमांम पढ़कर बंन्दोबस्त करो 
छावणी ऐरनपुरामें, शिवगंज - ३०७०२७  (राज.)
ता १७ अप्रेल संन १९०९ झा बैसाष बुदी १२ सं॥ १९६५
M. No. :- 8905653801
www.jagathitkarnioriginal.org

©JAGAT HITKARNI 274 जय परमेश्वर 
यह बनीये बेइमांन जादुके जुल्मसे-जमीनमाताको-आठ महीना रोगरखतेहें सो,गरमीके-महीनोंमें-तो,चारमहीना गरमीका रोगरखतेहें किजो-लुऐंवगैरा

JAGAT HITKARNI 274

#sad_quotes जय परमेश्वर रांवणकी तरहसे-इनबनीयोंने-जादुचलायाहे सो हकीकतमें-असल-पापःइन-बनीयोंकाहे-अगर बनीयोंके जादुकी;खबर-संसारके-लोगोंको पङजा

read more
White जय परमेश्वर 
रांवणकी तरहसे-इनबनीयोंने-जादुचलायाहे सो हकीकतमें-असल-पापःइन-बनीयोंकाहे-अगर बनीयोंके जादुकी;खबर-संसारके-लोगोंको पङजाये तो संसारकेलोग बनीयोंके-घरमेंही-जीवङोंको;मारकेडालदेवें परंन्तु संसारके,लोगोंको,इनके,जालकी,मालुमनहीहे वोहतो देवकलाके;भरोसे.भुलेहुयेहें.क्युंकि रावणवगैरा देवतोंकेउपर जीवङोंको;मरवाताथा;परंन्तु जबके रावणके पापकी-खबरपङी-जब-संसारके-लोगोंने रावण हिरनाकश;वगैराकी.ओदही.नीकालदीथी फीर रावणकी;तरहसे इन बनीयोंकाभी.जाल.चलरहाहे सोअब रावणकीतरहसे इन,बनीयोंके,जालकी,मुझको खबरपङीहे जीसतरहसे;कि पहीले.पापके.चलानेवालोंको सजादीगइहे उसीतरहसे इन.बनीयोंकाभी.पाप;छोडाओ,तो संसारका भलाहोवे-..... ( २६४ )

अज तसनीफ साध अनुपदास लीखी- 
कीताब - [ जगतहीतकारनी ] ( २७४ ) तमांम पढ़कर बंन्दोबस्त करो 
छावणी ऐरनपुरामें, शिवगंज - ३०७०२७  (राज.)
ता १७ अप्रेल संन १९०९ झा बैसाष बुदी १२ सं॥ १९६५
M. No. :- 8905653801
www.jagathitkarnioriginal.org

©LalitPurohit #sad_quotes जय परमेश्वर 
रांवणकी तरहसे-इनबनीयोंने-जादुचलायाहे सो हकीकतमें-असल-पापःइन-बनीयोंकाहे-अगर बनीयोंके जादुकी;खबर-संसारके-लोगोंको पङजा
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile