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Vikkey Ray
शहर का पार्क शाम होते होते कितना आनंददायक बन जाता है।युवा एवम युवती अपनी तनाव को कम करने के लिए पार्क में बैटमिंटन और बैट बॉल से अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करते हुए खुद के संग संग दुसरो को भी आनंदित करते है। कुछ दिनों के बाद मुझे भी कोयल एवम मयूर की सुंदर एवम सुरीली आवाज को सुनने की दिली इच्छा के कारण पार्क की ओर जाना हुआ।पार्क में लोगो की भीड़ सी लगी हुई थी,एक उचित स्थान को ढूंढ कर मैं भी बालिकाओं के द्वारा खेले जा रहे बैटमिंटन का आनंद लेने लगा। इस क्रम में मुझे शहर की एवम गाँव की बालिकाओं में साफ साफ अंतर दिखाई देने लगा।जहाँ शहर की बालिका अपनी घुंगरिली जुल्फों को सवारती हुई हाथों में रैकेट से कॉर्क पर प्रहार करते वक्त अपनी अदाओं से सामने वालो को प्रभावित करती है,ये गाँव की बालिका में दिखाई नही देती है।गाँव की बालिकाओं को प्रकृति ने इतनी सुंदरता दी है कि उन्हें अदाओ की जरूरत ही नही होती ।शहर की लड़की कितनी भी जुल्फे सवांर ले किन्तु गाँव वाली जैसी नही हो सकती। ✍️विक्की राय ✍️Vikkey Ray #nojoto शहर का पार्क शाम होते होते कितना आनंददायक बन जाता है।युवा एवम युवती अपनी तनाव को कम करने के लिए पार्क में बैटमिंटन और बैट बॉल से अपन
दामिनी नारायण सिंह Quotes
🌠🌠🌠 ये खामोशी है आधीरात कि कुछ नया नहीं पर हाँ नया था कुछ तो वो आज का दिन कल परसों तरसों का ये ऐसी जगह है जहाँ लोग होते थे, बच्चे होते थे, टेनिस रैकेट के बीच फांदते कदमों की आवाज होती थी पर आज नहीं है...दोषी हम हैं हमसब...कोई थोड़ा कोई ज्यादा उन्नति अधिकार है समय का पर जड़ो की मृत चेतना के ऊपर नहीं आज समय हमारे दंभ को कुचल हमें ललकार रहा. और हमारा अतीत, हमारा कल, हमारा पुरातन, हमारा सनातन एकबार फिर अपनी माँ प्रकृति के सामने हाँथ जोड़े खड़ा है अपनी विशाल सभ्यता के लिये रक्षात्मक होकर बिना भेद माफ कर दो माँ अपने नालायक संतानों को इससे पहले कि तुम्हारा सबक कहर बनकर भौतिकता की आग में खुद को झोंकती आबादी को खत्म कर दे माफ कर दो माँ प्रकृति भरतवंशियों की वर्तमान डोर को थामने वाला अध्यात्म और विज्ञान का अद्भुत संगम पर आज विनती भरे सकारात्मक स्वर के साथ हर संभव कोशिश का प्रण लिये हम सबके लिये हम सबसे मदद माँग रहा जितना संभव हो किजिये, प्रकृति से माफी मांग खुद में एकबार फिर मानव ढुंढने की कोशिश लिये कल का सुप्रभात दहलीज के साथ दहलीज के भीतर सांसें बचेंगी तभी तो रात और दिन 🇮🇳 #daminiquote ✍️ 🌠 🌠🌠🌠 ये खामोशी है आधीरात कि कुछ नया नहीं पर हाँ नया था कुछ तो वो आज का दिन कल परसों तरसों का ये ऐसी जगह है जहाँ लोग होते थे, बच्चे होते थे,