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विष्णु कांत
Unsplash इमारतें ऊंची होती जा रही हैं, लोगों की ईमान छोटा होता जा रहा है। ©विष्णु कांत #सोच
Himanshu Prajapati
ज्यादा बोलता हूं तो क्या हुआ, आगर सोच कर ही बोलना होता तो फिर क्या ही बोलता...! ©Himanshu Prajapati #BhaagChalo ज्यादा बोलता हूं तो क्या हुआ, आगर सोच कर ही बोलना होता तो फिर क्या ही बोलता...! #36gyan #hpstrange
#BhaagChalo ज्यादा बोलता हूं तो क्या हुआ, आगर सोच कर ही बोलना होता तो फिर क्या ही बोलता...! #36gyan #hpstrange
read moreहिमांशु Kulshreshtha
नहीं जानता क्या रिश्ता है मेरी रूह से तुम्हारी रूह का जो भी है ये, मगर खूब है ये अधूरा सा रिश्ता हमारा तन के रिश्ते, ना थे पहचान कभी मेरे इश्क की…. रूहों के मिलन से से होगा नायाब ये अधूरा सा रिश्ता हमारा ©हिमांशु Kulshreshtha क्या रिश्ता है..
क्या रिश्ता है..
read moreRAMLALIT NIRALA
जिन्दगी के तलास मे हम जाने कहा कहा भटकते है और हमे जिवन में दुःखो का सामना करना पड़ा है फिर भी ईसांन जिन्दगी से हमेशा परसान होकर मायुस रहता है ईसांन भुल जाता है कि सुख और दुःख दोनों के बीच एक आनोखी रिश्ता है फर्क इतना है कि सुख मे ईसांन सबको भुल जाता है और दुःख मे ईसांन सबको याद आता है ईसांन को जीने के लिए सब्र करनी चाहिए लालच नही सोच अच्छे रखोगे तो जिन्दगी सकुन से जीयोगे ©RAMLALIT NIRALA अनमोल जिवन जिना है तो सोच हमेशा सही रखना
अनमोल जिवन जिना है तो सोच हमेशा सही रखना
read moreneelu
White मैं सोच रही हूं अगर सूरज कुछ कहना चाहता तो क्या कहता है.. ©neelu #GoodMorning मैं सोच रही हूं अगर सूरज कुछ कहना चाहता तो क्या कहता है
#GoodMorning मैं सोच रही हूं अगर सूरज कुछ कहना चाहता तो क्या कहता है
read moreParasram Arora
White धर्म! आखिर ये धर्म है क्या? मैंने तो सिर्फ जीवन को ही जाना है जीवन के अलावा मैंने किसी को नहीं जाना है. और मेरी दृष्टि मे जीवन का अर्थ है. खेत हल कुवा और लहल्हाती फसल जीवन का अर्थ है पत्नी बच्चे और सुखद सफल दाम्पत्य ©Parasram Arora आखिर ये धर्म है क्या?
आखिर ये धर्म है क्या?
read moreMatangi Upadhyay( चिंका )
प्रेम क्या है..? मन की व्यथा जब कहनी ना पड़े, तन की पीड़ा जब बतानी ना पड़े, आँसू गिरे तो किसी की हथेली नर्म कर दे, निगाहें उठे तो गुस्सा शांत कर दे, मन जब उस मुकाम पर किसी के कंधे पर सर रख कर मुस्कुराए और आँखें भीग जाए, वो एहसास वो मुकाम प्रेम है..! ©Matangi Upadhyay( चिंका ) प्रेम क्या है?? #matangiupadhyay #Nojoto
प्रेम क्या है?? #matangiupadhyay
read moreनवनीत ठाकुर
वो शौक, वो जोश, वो किस्से पुराने, सब दब गए हैं वक्त के तहखाने में। अब तो जाम भी लगता है बेअसर सा, ना वो तासीर है, ना वो दीवाने में। मस्ती थी कभी खुद को भुलाने में, अब ग़म छुपते हैं हंसने के बहाने में। खुशबू थी कभी हर बहार के तराने में, अब वो यादें भी उलझीं हैं अफसाने में। जिंदगी के रंग अब स्याह लगने लगे, जैसे खुशियां कहीं खो गईं इस ज़माने में। सवाल हजारों हैं दिल के आईने में, बस धुंधली तस्वीर सी फसाने में। गुज़री हुई बातों की सदा आती है, जैसे कोई पुकार हो वीराने में। जो मिल ना सके, वो याद बहुत आते हैं, ना जाने क्या जादू है बेगाने में। ©नवनीत ठाकुर ना क्या जादू है बेगाने में
ना क्या जादू है बेगाने में
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