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samandar Speaks
Unsplash नीली आँखों का जादू और पलकों का पहरा गुलाबी ये आलम और दिल ठहरा ठहरा तब्बसुम मोतियों सा लबों पे है छाया और सुर्खी ए महरो है पसरा पसरा काले बादलों का घेरा ,और बारिश की बुँदे, चाँद हो जैसे की ,नहाया नहाया इस्लाम सी है ,लाम लट गेसुओं की अदा पे खुदा का ,है नूर, पसरा पसरा सांसो की ताज़गी में, कुदरत, की ख़ुशबू, एक जाम हर अदा जैसे हो छलका छलका Rajeev ©samandar Speaks #camping Radhey Ray Mukesh Poonia मनीष शर्मा Anant bewakoof
#camping Radhey Ray Mukesh Poonia मनीष शर्मा Anant bewakoof
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Unsplash मन खफा है, गुमशुदा है, ग़म का साया है, अजनबी-सा कोई दर्द, बेवजह भीतर पला है। राहें भी चुप हैं,मंज़िलें धुंधली, कदम रुक-रुक से,जैसे कोई थका कारवां। आसमान बेरंग है,सितारे कहीं खो गए, चाँदनी भी अब,अंधेरों में घुल गई है। अश्क हैं, मगर बहते नहीं, जख्म हैं, पर दिखते नहीं, जैसे कोई राज़ छुपा है, सांसों की खामोशी में। खुशियां अधूरी,सपने बेमानी,हर चाहत जैसे खो गई ज़िंदगी की भीड़ में। रूह में शोर है, मन की परतों में ख़ामोशी, सवालों की कैद में कोई जवाब नहीं मिलता। शायद ये ग़म ही मेरा हमसफ़र है, या खामोशियों में बसी एक उलझन, लेकिन कहीं…धुंध के उस पार एक किरण बाकी है। राजीव ©samandar Speaks #camping Satyaprem Upadhyay Mukesh Poonia Radhey Ray Anant bewakoof
#camping Satyaprem Upadhyay Mukesh Poonia Radhey Ray Anant bewakoof
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White Now let no prayers for peace take root in thee, Nor blessings sweet of joy be sought in plea. For life, a sentence wrought in sin's cruel chain, No pardon's touch shall cleanse the scar of pain. Who slew the soul, and who the guilty be? Speak truth, and let the veil of doubt now flee. This stormy path, where winds of sorrow blow, Leaves hearts entangled, weighed by heavy woe. A whisper calls from depths of longing's sea, A voice that cries for lost humanity. From stone-cold hearts, the echoes now are still, Yet justice cries: "Condemn the silent ill." Let shadows fade, and let the truth take form, To calm the tempest raging in the storm. RAJEEV ©samandar Speaks #sad_quotes Sandeep L Guru Radhey Ray Siddharth singh Anant अंजान
#sad_quotes Sandeep L Guru Radhey Ray Siddharth singh Anant अंजान
read moreNavab Mohammed Naqvi.
White WANTED. I am searching for a person, who is ready to work for the betterment of society. It's not any social work, you get income. Dedicated 5 years of work, to earn 5 Crores. One person ( Gents or Ladies) from one place, first come first serve. Call 9342077333 ©Navab Mohammed Naqvi. #Lake motivational thoughts in english
#Lake motivational thoughts in english
read moreShiv Narayan Saxena
White कल तक जो अभिमान थे, धर्म और ईमान। व्यर्थ आज सब हो रहे, छल के हैं मेहमान।। धर्म और ईमान सब, गुज़रे कल की बात। अधरम का परिवार अब, करे महा उतपात।। ओढ़े खाल सनातनी, धर्म और ईमान। ठगते वोट तनातनी, हिन्दू है अनजान।। ©Shiv Narayan Saxena #Lake धर्म और ईमान hindi poetry
#Lake धर्म और ईमान hindi poetry
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White ज़िंदगी की तहरीरें हर पन्ने पर लिखा, पर पढ़ा नहीं, ज़िंदगी की तहरीर कोई समझा नहीं। कभी बहारों में खिला फूल बन गए, कभी पतझड़ में भी दरख़्त झुका नहीं। इक ख़्वाब क्या, के ख़ुद को भूल गए, ख़ुद को पाया, तो कोई अपना रहा नहीं। ग़म के दरिया में अक्सर डूबते रहे, साहिल मिला भी, तो किनारा सजा नहीं। ख़्वाब आंखों में हर रोज़ जागते रहे, पर तक़दीर का लम्हा कभी मिला नहीं। राहें लंबी हैं, मंज़िलें धुंधली सी, कोई राहगीर भी साथ चला नहीं। हर घड़ी ने सबक़ तो सिखाया मगर, जिनसे फिर से उठें वो सबक़ मिला नहीं। ज़िंदगी बस यूं ही कटती जाती है, चाहे हंस लो, मगर दर्द छुपा नहीं। ©samandar Speaks #good_night Internet Jockey Mukesh Poonia Satyaprem Upadhyay Radhey Ray अंजान
#good_night Internet Jockey Mukesh Poonia Satyaprem Upadhyay Radhey Ray अंजान
read morekalamwali6511
White इस दीवाली दीयों की जगह शिकायतें और बुरी यादें जला दी। ©kalamwali6511 #diwali_wishes Rakesh Srivastava Radhey Ray Jyoti Sah Preeti Kumari
#diwali_wishes Rakesh Srivastava Radhey Ray Jyoti Sah Preeti Kumari
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White सुबह से शाम तक दीए लेकर वो आश पाली है खरीदोगे अगर हमसे तो मेरी भी दीवाली है देखो यूं मुंह न फेरो फटे कपड़ों कि जानिब से अंधेरा है मेरे घर में, उम्मीदें तुमसे पाली है इधर है शाम आने को,उधर बच्चे है पग तकते मेरी रेड़ी पे भी आओ, मुझे मड़ई सजानी है चमकते मॉल कल्चर ने हमे बेमौत मारा है तुम्हीं से पेट पलता है,तुम्हीं से जिंदगानी है सुबह से शाम तक दीए लेकर वो आश पाली है खरीदोगे अगर हमसे तो मेरी भी दीवाली है राजीव ©samandar Speaks #good_night अंजान Satyaprem Upadhyay Mukesh Poonia Radhey Ray Internet Jockey
#good_night अंजान Satyaprem Upadhyay Mukesh Poonia Radhey Ray Internet Jockey
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White ढूंढता हूँ उसे सबकी भीड़ में पर उसे कही नहीं पाता शायद इसीलिए मैं अब छठ घाट नहीं जाता हालांकि रंगीन कपड़ों में बच्चों को देखता हूं भागते हुए खेतों की पगडंडियों पे सबको लहराते हुए कमजोर सा शरीर लिए मांओ का दउरा उठाते हुए इस भीड़ में कही अपना वो दउरा नहीं पाता शायद इसीलिए मैं अब छठ घाट नहीं जाता घाट कि सफाई आज भी बड़े जुनून में करते हैं मेरे दोस्त आज भी फावड़ा,कुदाल,टोकरी लिए घर आते हैं मेरे दोस्त आज भी बचपन के पल्लू तले बेशक बुलाते हैं मेरे दोस्त पर उनके साथ कैसे जाऊं,कोई मां के कातर स्वर नहीं सुनाता शायद इसीलिए मैं अब छठ घाट नहीं जाता राजीव ©samandar Speaks #love_shayari Satyaprem Upadhyay Mukesh Poonia अंजान Radhey Ray Internet Jockey
#love_shayari Satyaprem Upadhyay Mukesh Poonia अंजान Radhey Ray Internet Jockey
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