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Anjali Srivastav
पा लिया वो देह मेरी, किन्तु मेरा मन न पाया। कृष्ण की मैं साधिका हूँ, कृष्ण को दिल में बसाया।। इस जमाने में कहो कब, प्रेम को सम्मान मिलता । जोगिनी मीरा के हिस्से में सदा विष-पात्र आया ।। ©Anjali Srivastav पा लिया वो देह मेरी, किन्तु मेरा मन न पाया। कृष्ण की मैं साधिका हूँ, कृष्ण को दिल में बसाया।। इस जमाने में कहो कब, प्रेम को सम्मान मिलता ।
पा लिया वो देह मेरी, किन्तु मेरा मन न पाया। कृष्ण की मैं साधिका हूँ, कृष्ण को दिल में बसाया।। इस जमाने में कहो कब, प्रेम को सम्मान मिलता । #कविता
read moreHarpinder Kaur
White अक्सर कह दिया जाता है और समझ भी लिया जाता है कि किसी एक का, दूसरे से अलग हो जाने से कभी कोई नहीं मरता क्या सच में कोई नहीं मरता? फिर अचानक से मन में एक प्रश्न कौंधता है क्या जिस्म का मरना ही, मरना है? फिर एक और ख्याल आता है कि किसी के जुदा होने से, उसके लिए बुने ख्वाब मिटने से, मन- मस्तिष्क में बनी वो चेहरे की आकृतियाँ, वो लंबी लंबी बातें, मुस्कुराहट, सुकून, वो प्यार, वो रिश्ता...... और बहुत कुछ क्या वो सब जिंदा रहता है! किसी के जाने के बाद (part -1) ©Harpinder Kaur # किसी के जाने के बाद.......
# किसी के जाने के बाद....... #Poetry
read moreAnand Ji Mayura Ji
मन में लपेटे हो शांति दुशाल । उठा लो अब हाथ में क्रांति मशाल। दुश्मन भी सारे कांप उठे, अटल अविचल रहै ये गौरव भाल। दामन को अपने दाग से बचाईये । ये देश संवर जाएगा खुद को संवारिये। ©Anand Ji Mayura Ji कविता के रंग आनंद के संग
कविता के रंग आनंद के संग
read moreAnand Ji Mayura Ji
Village Life केसर की क्यारी में फूलो की मुस्कान हो । रण-भूमि में दिखता जौहर की आन हो। तुम ही हो दुर्गा -श्री - शारदा, ज्ञान शील ममता की पहचान हो । दामन को अपने दाग से बचाईये । ये देश संवर जाएगा खुद को संवारिये । ©Anand Ji Mayura Ji कविता के रंग आनंद के संग
कविता के रंग आनंद के संग
read moreAnand Ji Mayura Ji
हाथों में तुम्हारे ही वतन की लाज है । कर्णधार हो तुम ये तुम्हारा ही राज है । जो चढा दे अपने सरो की भेट , ऐसे वीरों की जरुरत आज हैं । अपने प्राणो से इसकी आरती उताराये ©Anand Ji Mayura Ji कविता के रंग आनंद के रंग
कविता के रंग आनंद के रंग
read moreAnand Ji Mayura Ji
BeHappy हाथ जख्मी होते है डाल ए गुलाब से । घर भी जल जाते है घर के चराग से । कोई क्या बचेगा इस जहां में , हर कोई घिरा है काले नाग से । खुद को बचा लो ये ना मारिये । ये देश संवर जाएगा खुद को संवारिये । ©Anand Ji Mayura Ji कविता के रंग आनंद के संग
कविता के रंग आनंद के संग
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