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gaTTubaba
New Year 2025 दिन बदल जाते हैं साल बदल जाते हैं चेहरे ही क्यों ? आइने भी बदल जाते हैं दुनिया बदलने की सोच रखनेवाले क्यों थक हारकर एक दिन ? सबको बदलते बदलते खुद ही बदल जाते हैं हंसने लगे थे सब पत्थर पर की, "ये बदलता क्यों नहीं ?" पहचान मिटाकर दौड़ में वो भी शामिल हुआ कहने लगा , "सब बदल रहे हैं चलो हम भी बदल जाते हैं....!" ©gaTTubaba #Newyear2025 दिन बदल जाते हैं साल बदल जाते हैं चेहरे ही क्यों ? आइने भी बदल जाते हैं दुनिया बदलने की सोच रखनेवाले
#Newyear2025 दिन बदल जाते हैं साल बदल जाते हैं चेहरे ही क्यों ? आइने भी बदल जाते हैं दुनिया बदलने की सोच रखनेवाले
read moreRAMLALIT NIRALA
White लोग तो लोग जब मैं अपनो को बदलते देखा है साहब तो पैरो तले जमीन खिसक गई जिस तरह बरसात में मोंसम बदलता है पानी में कौई रंग डालो और पानी का रंग बदल जाता है मतलब के दुनियां में ईसांन कम मीलते हैं जनाब किस्मत रंग बदले तो भाग्य बदल देती है अपने रंग बदले तो रूला देते हैं ©RAMLALIT NIRALA दुनिया बदल रहीं हैं साहब खुद को अकेला सिखो
दुनिया बदल रहीं हैं साहब खुद को अकेला सिखो
read moreDivuu.writes
White 🤌 सारी उम्र हमने लोगों को बदलते देखा पर तुम्हारा बदलना मेरी जान... दुनिया बदल गया ©Divuu.writes #sad_quotes बदल गया
#sad_quotes बदल गया
read moreनवनीत ठाकुर
White क्या कहें, ये दौर कितना बदल गया, हर इंसान अपने ही साए से जल गया। इज्जत अब बस नामों तक रह गई है, असलियत झूठ की चादर में ढह गई है। जो सपने कभी जमीर ने सजाए थे, अब दौलत की ठोकर से मिटाए गए हैं। हर ख्वाब जो आँखों में पलता था, उसकी कीमत सिक्कों में लिखी गई है। मगर ये सिलसिला ज्यादा नहीं चलेगा, हर झूठ का नकाब एक दिन गिरेगा। ईमान की चिंगारी फिर शोला बनेगी, और सच्चाई हर अंधेरे को जलेगी। ©नवनीत ठाकुर #ये दौर कितना बदल गया है
#ये दौर कितना बदल गया है
read moreRAMLALIT NIRALA
White इन्सान कि सोच क्या है समय ओही दिन रात गर्मी ठंडी बरसात ओही आकाश धरती फसल नदी तलाब नहर ओही ईस प्राकृतिक कि सुंदरता जंगल झाडी झील ओही ईन सभी ने तो ईसानो से सिखा है रंग बदलना मतलबी दुनिया नही दुनिया में बसे लोग हैं ©RAMLALIT NIRALA सोच को बदलो राते अपने आप बदल जायेगे
सोच को बदलो राते अपने आप बदल जायेगे
read moreAdv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
अरज स्वीकार हो जाये मेरा सरकार हो जाये कृपा की हो नज़र तेरी मेरा उद्धार हो जाये लगा लोगे जो चरणों से बड़ा उपकार हो जाये.. अधम भी भव समंदर से सहज ही पार हो जाये.. सुना है तू दयालु है दया दो चार हो जाये.. बना चाकर रखा ले तू ठिकाना द्वार हो जाये.. ©अज्ञात #अर्ज